दिल्ली में पांच महीने तक डीजल वाहनों का प्रवेश वर्जित, एक अक्तूबर से होगा लागू

दिल्ली में एक अक्तूबर से 28 फरवरी 2023 तक डीजल वाहनों को प्रवेश नहीं मिलेगा। यह कदम प्रदूषण बढ़ने की आशंका को देखते हुए उठाया है। उधर, डीजल वाहनों पर पाबंदी लगाने के इस प्रस्ताव ने व्यापारियों की परेशानी बढ़ा दी है …

दिल्ली में एक नवंबर से लेकर 28 फरवरी 2023 तक मध्यम व भारी वाहनों(डीजल से चलने वाले) के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। सर्दी में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। एक अधिकारी के मुताबिक, हर साल सर्दी में दिल्ली की हवा बिगाड़ने में एनसीआर से आने वाले माल वाहनों की भी भागीदारी होती है। इसको देखते हुए पांच महीने के लिए ऐसे वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।

अधिकारी का कहना है कि इन दिनों ही हवा की गुणवत्ता सबसे खराब दर्ज की जाती है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसको देखते हुए बीते 15 जून को दिल्ली सरकार ने अपने पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश को पत्र को लिखा था।

पत्र में राज्य सरकारों से केवल बीएस-6 बसों को ही दिल्ली में प्रवेश देने की अनुमति देने की बात कही गई थी। गौरतलब है कि हर साल सर्दी की शुरुआत से ही खराब वायु गुणवत्ता की वजह से दिल्लीवासियों की सांसें फूलना शुरू हो जाती हैं। खराब वायु गुणवत्ता के लिए मौसमी दशाओं के साथ-साथ पराली से होने वाला प्रदूषण, सड़कों पर उड़ने वाली धूल, एनसीआर में चल रही गतिविधियों समेत वाहनों से निकलने वाले धुएं को जिम्मेदार माना जाता है। यही वजह है कि प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने शीतकालीन कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत खुले में कचरा जलाने व मलबा डालने पर प्रतिबंध है। साथ ही सड़कों से उड़ने वाली धूल रोकने के लिए पानी का छिड़काव, दिल्ली के हॉटस्पॉट की पहचान व प्रदूषण नियंत्रण के उपाय शामिल हैं।
प्रस्ताव ने बढ़ा दी व्यापारियों की परेशानी
डीजल वाहनों पर एक अक्तूबर से दिल्ली में प्रवेश पर पाबंदी लगाने के प्रस्ताव ने व्यापारियों की परेशानी बढ़ा दी है। त्योहार का मौसम इसी दौरान शुरू होता है, ऐसे में व्यापार पर इसका प्रभाव पड़ेगा। इसे लेकर बुधवार को चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन बृजेश गोयल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से मुलाकात की। दिल्ली के व्यापारियों की तरफ से एक ज्ञापन देकर उनकी चिंता से अवगत कराया।
10 लाख व्यापारी, फैक्ट्री मालिक और ट्रांसपोर्टर्स चिंतित
मुलाकात के दौरान गोयल ने परिवहन मंत्री को यह भी बताया कि जब से ऐसी खबरें आई हैं कि एक अक्तूबर से डीजल ट्रकों की एंट्री दिल्ली में बैन होने जा रही है उसके बाद से दिल्ली के 10 लाख व्यापारी, फैक्ट्री मालिक और ट्रांसपोर्टर्स चिंतित हैं। अक्तूबर, नवंबर त्योहारों का मौसम होता है, साथ ही शादियों का सीजन भी शुरू हो जाता है। इससे आम जनता को भी परेशानी होगी। दिल्ली के 100 से अधिक व्यापारी संगठनों, इंडस्ट्री एसोसिएशन एवं ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने सीटीआई से संपर्क करके इस विषय पर अपनी चिंता जताई है।
प्रस्ताव है, आधिकारिक निर्देश नहीं जारी हुआ

मुलाकात के बाद सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री ने कहा है कि इस तरह का एक प्रस्ताव चर्चा में आया था, लेकिन इस पर आधिकारिक लिखित निर्देश जारी नहीं हुआ है। सरकार कोई भी निर्णय लेने से पहले दिल्ली के व्यापारियों, फैक्टरी मालिकों, ट्रांसपोर्टर्स के हितों का पूरी तरह से ध्यान रखेगी। चर्चा करके ही किसी तरह का निर्णय लिया जाएगा। बृजेश गोयल ने भी मुलाकात के बाद बताया कि परिवहन मंत्री ने आश्वस्त किया कि इस मुद्दे पर सरकार ट्रेडर्स के हितों का ध्यान रखेगी।

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