सेहत की खातिर:सिंगल यूज प्लास्टिक पर आज से प्रतिबंध; शहर में इससे जुड़े 70 उद्योग, डेढ़ हजार लोगों को सीधे रोजगार; ये होंगे प्रभावित

  • प्रदेश की बात की जाए तो 500 करोड़ का कारोबार और 5 हजार से ज्यादा लोग रोजगार से जुड़े
  • इस श्रेणी में 19 तरह के उत्पादों का निर्माण अब नहीं हो सकेगा, शहर में सालाना 100 करोड़ का कारोबार

सिंगल यूज प्लास्टिक के 19 उत्पादों पर 1 जुलाई से प्रतिबंध लग जाएगा। इंदौर में सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पाद निर्माण से जुड़े करीब 70 उद्योग हैं। इनमें डेढ़ हजार से ज्यादा लोग सीधे तौर पर रोजगार से जुड़े हैं। प्रतिबंध के बाद ये लोग प्रभावित होंगे। इसी के साथ शहर में सालाना 100 करोड़ का कारोबार भी प्रभावित होगा। प्रदेश की बात की जाए तो 500 करोड़ का कारोबार और 5 हजार से ज्यादा लोग रोजगार से जुड़े हैं।

वहीं सालाना कारोबार करीब 500 करोड़ रुपए का है। सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों में प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, प्लास्टिक प्लेट, कप, चम्मच, स्ट्रॉ, ट्रे सहित 100 माइक्रॉन से कम की प्लास्टिक समेत 19 उत्पाद हैं। प्रतिबंध के बाद भी निर्माण किया तो सात साल की सजा और एक लाख के जुर्माने का प्रावधान है। मप्र प्लास्टिक प्रोसेस ग्रेन्यूल्स एसोसिएशन के संरक्षक आरके माहेश्वरी ने बताया, इंदौर में सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पाद बनाने वाली करीब 70 बड़ी-छोटी यूनिट हैं। प्रतिबंध से इन पर असर होगा।

प्रतिबंध के बाद यह भी चिंता… पेपर पर शिफ्ट होंगे तो पेड़ विकल्प बनेंगे

इंडिया प्लास्ट पैक एसोसिएशन के सचिव सचिन बंसल का कहना है, पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार का फैसला सही है, लेकिन विकल्प पर विचार करना होगा। यदि एसयूपी के बजाए कागज का इस्तेमाल बढ़ेगा तो पेड़ों की कटाई अधिक होगी। लकड़ी के उत्पादों के लिए भी पेड़ काटना होंगे। एसयूपी से जुड़े पैकेजिंग और कन्फेक्शनरी सहित अन्य सेक्टर पर भी असर होगा।

200 दुकानों में रखा है स्टॉक

थर्माकोल और प्लास्टिक के एसयूपी का कारोबार करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स की मानें तो शहर में करीब 200 दुकानें हैं और अधिकांश में बैन होने वाले उत्पादों का स्टॉक है। शुक्रवार से उनकी बिक्री नहीं हो सकेगी।

हाइजीन मेंटेन करना चुनौती

सराफा चौपाटी के अध्यक्ष राम गुप्ता का कहना, एसयूपी बंद होने से चौपाटी में हाइजीन मेंटेन करना चुनौती होगा। सराफा में स्टील सहित अन्य मेटल की प्लेट, कटोरी, चम्मच सहित बर्तन धोने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसे लेकर निगमायुक्त से मिलेंगे।

56 पर डी कम्पोस्ट क्रॉकरी

56 दुकान एसोसिएशन के अध्यक्ष गुंजन शर्मा ने बताया, हमारे अधिकांश सदस्य स्टील और पेपर के अलावा डी कम्पोस्ट क्रॉकरी (गन्ने के कचरे से बनी) का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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