एनजीटी में पेश की गई रिपोर्ट में खुलासा …? अंचल के अस्पतालों में 1 बेड से रोज निकला 342.5 ग्राम बायो मेडिकल वेस्ट, यह देश में सबसे ज्यादा

अब तक ग्वालियर बिना अनुमति या फिर कागजों में अस्पताल संचालित करने के मामले में चर्चा में रहता था लेकिन यह मामला इससे कहीं ज्यादा चौंकाने वाला और चिंताजनक है। विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय कमेटी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक रिपोर्ट पेश की है।

इसमें बताया गया है कि अंचल (ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया) के अस्पतालों में वर्ष 2016 से 2020 के बीच में हर रोज एक पलंग से औसतन 342.5 ग्राम बायो मेडिकल वेस्ट निकला। ये आंकड़ा इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि मध्यप्रदेश में एक पलंग से हर रोज औसतन 168.5 ग्राम बायो मेडिकल वेस्ट ही निकला है। राष्ट्रीय स्तर की बात करें तो यह आंकड़ा 274.1 ग्राम है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या एनजीटी इस रिपोर्ट को स्वीकार करेगी या फिर नए सिरे से रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया जाएगा।

गौरतलब है कि एनजीटी में पेश की गई रिपोर्ट में केवल ग्वालियर जिले में ही कुल पलंगों की संख्या 24113 बताई गई है। जबकि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में ग्वालियर में संक्रमितों को भर्ती होने के लिए अस्पतालों में पलंग कम पड़ गए थे। इस रिपोर्ट पर सुनवाई अगले सप्ताह होनी है। इस रिपोर्ट को सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के डॉक्टर अनूप चतुर्वेदी, मध्य प्रदेश सिया के राजेश मिश्रा और मध्य प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के ऋषिराज सिंह सेंगर ने तैयार किया है।

सवालों के घेरे में… बायो मेडिकल वेस्ट का निष्पादन

दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका पेश की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि ग्वालियर अंचल में बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियमों का पालन नहीं किया जा रहा। इस मामले की वास्तविकता जानने के लिए एनजीटी ने आदेश जारी किया। इस पर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। कमेटी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में यह बड़ा खुलासा हुआ है।

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