दिल्ली में बढ़ी MLA की सैलरी, जानिए सबसे ज्यादा किस राज्य में है विधायकों का वेतन …?

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार से विधानसभा कामानसून सत्र शुरू हो गया है। विधानसभा के इस सत्र पर सभी की नजरें टिकी हुई थीं क्योंकि इस सत्र में विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी का बिल पेश किया जाना था। आखिरकार 11 साल के इंतजार के बाद दिल्ली में विधायकों के वेतन में करीब दोगुना बढ़ोतरी हुई….

दिल्ली विधानसभा में विधायकों के वेतन बढ़तरी वाला बिल सोमवार को पश किया गया। आखिरकार लंबे इंताजर के बाद दिल्ली में विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी को हरी झंडी मिल गई। मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन में विधायकों, मंत्रियों, चीफ व्हिप, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और लीडर ऑफ ऑपोजिशन के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी का बिल पेश किया। इस नए प्रस्ताव के अनुसार, अब दिल्ली के विधायकों को सैलरी के रूप में हर महीने 12 हजार की जगह 30 हजार रुपए मिलेंगे। यही नहीं वेतन के अलावा अन्य भत्ते मिलाकर अब दिल्ली के विधायकों को हर महीने 90 हजार रुपए मिलेंगे।

दिल्ली में अब तक विधायकों को 54 हजार रुपए वेतन मिलता था, जो अब करीब दोगुना बढ़ोतरी के साथ दिया जाएगा। बता दें कि दिल्ली के विधायकों और मंत्रियों के वेतन में अंतिम बार बढ़ोतरी 2011 में हुई थी।

इसके बाद से ही इस इजाफे को लेकर इंतजार किया जा रहा था। हाल में केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से मंजूरी मिलने के बाद इसे विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया गया।

बता दें कि, मई महीने में केंद्र सरकार ने दिल्ली के विधायकों-मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इससे पहले 2015 में ही दिल्ली सरकार ने केंद्र को वेतन में बबढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन तब वो मंजूर नहीं हुआ।
किस राज्य में विधायकों का सबसे ज्याद वेतन?
देशभर में अलग-अलग राज्यों में विधायकों की सैलरी अलग-अलग है। लेकिन सबसे ज्यादा वेतन देश के दक्षिण राज्य तेलंगाना में दिया जाता है।यहां विधायकों के ढाई लाख रुपए की सैलरी दी जाती है। वहीं दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है। यहां एमएलए हर मरीने 2 लाख 10 हजार रुपए वेतन उठाते हैं।

देशभर में विधायकों की सैलरी

राज्य – वेतन

तेलंगाना – 2,50,000
उत्तर प्रदेश – 2,10,000
उत्तराखंड – 2,04,00
गोवा – 1,99,000
हिमाचल प्रदेश – 1,90,000
आंध्र प्रदेश – 1,75,000
कर्नाटक – 1,65,000
हरियाणा – 1,55,000
राजस्थान – 1,42,000
गुजरात – 1,16,000
बिहार – 1,14,000
मध्य प्रदेश – 1,10,0000
तमिलनाडु – 1,05,0000
ओडिशा – 1,00,000
पश्चिम बंगाल – 81,800
पंजाब – 84,000
छत्तीसगढ़ – 80,000

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *