तत्कालीन अधीक्षक, उप और सहायक अधीक्षक जेल से कराते थे सायबर ठगी …?

केंद्रीय भैरवगढ़ जेल से ठगी का मामला: एसआइटी जांच में तीनों अफसर दोषी
तत्कालीन अधीक्षक, उप और सहायक अधीक्षक जेल से कराते थे सायबर ठगी
बंदी को दी छूट, उप अधीक्षक के लैपटॉप में मिले सायबर ठगी के सॉफ्टवेयरएसआइटी जांच में खुलासा
उज्जैन. केंद्रीय भैरवगढ़ जेल से सायबर ठगी के आरोपी अमर अग्रवाल के देश-विदेश के बैंक खातों से ठगी का अक्टूबर 2021 में सनसनीखेज खुलासे ने हड़कंप मचा दिया था। मामले की सायबर सेल व जेल एसआइटी ने जांच रिपोर्ट मुख्यालय भेजी है। रिपोर्ट में केंद्रीय भैरवगढ़ जेल की तत्कालीन जेल अधीक्षक अलका सोनकर, उप अधीक्षक संतोष लड़िया व सहायक अधीक्षक सुरेश गोयल को दोषी पाया गया है। तीनों पर केस दर्ज कराने की तैयारी है। अफसरों का कहना है, डाटा की जांच जारी है। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। जांच में पता चला, अधीक्षक, उप अधीक्षक और सहायक अधीक्षक समेत अन्य जेलकर्मी आरोपी अनंत अग्रवाल से सायबर ठगी कराते थे। ठगी के लाखों रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाए। अफसरों ने कर्मियों के खाते किराए से लिए। मामले में एडीजी राज्य सायबर सेल योगेश देशमुख 1 नंवबर को केंद्रीय भैरवगढ़ जेल पहुंचे और जेलकर्मियों के बयान लिए थे। इसके पहले बंदी अमर अग्रवाल को उज्जैन से भोपाल जेल ट्रांसफर कर दिया था।
इन्होंने की जांच:भोपाल जेल मुख्यालय से सहायक जेल अधीक्षक शुभम मिश्रा, मुख्य तकनीकी सलाहकार पंकज शर्मा, जिला जेल अधीक्षक आरसी आर्य और जेल उप-महानिरीक्षक संजय पाण्डेय।

● जेल अधीक्षक के शिथिल नियंत्रण का लाभ उठाकर उप अधीक्षक और सहयोगी ने अधीनस्थ कर्मचारियों पर दबाव बना नियम तोड़कर बंदियों को छूट दी।

● सायबर ठगी के आरोपी अमर पिता अनंत अग्रवाल ने तीनों कार्यालय के तकनीकी संसाधनों का उपयोग गलत गतिविधियों को अंजाम देने में किया।

● अमर अग्रवाल अफसरों से संबंध का हवाला देकर जेलकर्मी और बंदियों पर वर्चस्व जताता था।

● उप अधीक्षक से जब्त लैपटॉप में बीट टोरेंट, कीगन, ब्ल्यू स्टेक्स, फिलमोरा, हैंड ब्रेक आईडीएम जैसे अनुचित और अवैध सॉफ्टवेयर मिले। इसी से ठगी कराई जा रही थी।

एसआइटी की जांच में कई डाटा मिले हैं। इनकी जांच हो रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

– योगेश देशमुख, एडीजी, स्टेट सायबर सेल, भोपाल

अभी रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट के बाद कार्रवाई होगी।

– अरविंद कुमार, डीजी, जेल भोपाल

यह है मामला

सायबर ठगी का आरोपी अमर अग्रवाल निवासी बीड़ (महाराष्ट्र) केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में बंद था। उसने सितंबर 2021 में न्यायाधीश अबुंज पाण्डेय और जेल के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की थी कि वह आइआइटी कानपुर से पासआउट है। उसे जेल अधिकारी ने अपनी किताब के लिए जरूरी कंटेंट गूगल से सर्च और ट्रांसलेशन करने के लिए लैपटॉप व इंटरनेट सुविधा दी थी। अफसर ने दबाव बनाकर देशी-विदेशी क्रेडिट कार्ड हैक कराकर लाखों की ठगी करवाई। कई लोगों के फोन टैप करवाए। डीजी जेल अरविंद कुमार ने मामले में राज्य सायबर सेल भोपाल को जांच सौंपी। एसआइटी का गठन किया गया था।

 

 

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