बुरी आत्मा भगाने के नाम पर धर्मांतरण …? यूपी के 10 जिलों में फैला ‘चंगाई-सभा’ का नेटवर्क, देते हैं नौकरी से लेकर गाय-भैंस दिलाने का लालच

तारीख: 2 जुलाई, दिन: शनिवार, जगह: फतेहपुर जिले का सुजरही गांव।

हरिजन बस्ती के बीचो-बीच एक मकान में 80 लोग पूजा कर रहे थे। हाथ में ईसाई धर्म का निशान (क्रॉस) लिए संजय बोलना शुरू करता है, “आप सभी उस परमात्मा के बच्चे हैं, जो सबकी मदद करता है। हमें उसकी शरण में आना चाहिए।” इसके बाद सबको खास लॉकेट और नीली किताबें बांटी गईं। मगर, पूजा में बैठे राहुल विश्वकर्मा ने किताब लेने से मना कर दिया। इस पर लोग गुस्सा हो गए। उसे पीटने लगे।

राहुल जान बचाकर भागा और सीधे खागा कोतवाली पहुंचा। आधे घंटे के भीतर SI कृष्ण स्वरूप फोर्स के साथ सुजरही गांव पहुंचे। मौके पर संजय, उसकी पत्नी नीरमती और गांव के रामचंद्र पासवान को गिरफ्तार कर लिया। फिर खुलासा हुआ कि गांव में गरीब दलितों और हिंदुओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने का लालच दिया गया। ये सब ‘चंगाई सभा’ के नाम पर किया जा रहा था।

धर्मांतरण के इस नए खेल की हकीकत जानने दैनिक भास्कर फतेहपुर पहुंचा। उन घरों में गया जहां लोग ऐसी सभाओं में जा चुके हैं।

चलिए एक-एक करके ‘द चंगाई चेंज’ के बारे में जानते हैं…

सभा में कहा गया- घरों में लगी देवी-देवताओं की फोटो हटा दो
चंगाई सभा में हुई धक्का-मुक्की के बाद राहुल अब घर से ज्यादा नहीं निकलते हैं। खागा कोतवाली से 500 मीटर की दूरी पर बस स्टॉप के पास उनका घर है।

राहुल ने बताया, “सुजहरी गांव में लोगों की बीमारी ठीक करने के लिए चंगाई सभा लगाई गई थी। इसे देखने मैं भी वहां पहुंचा। मगर, वहां बीमारी भगाने के नाम पर कुछ और ही चल रहा था। वहां लोगों को ‘पवित्र शास्त्र’ नाम की नीली किताबें बांटी जा रही थीं। प्रार्थना कराने वाले बोल रहे थे- घरों में लगी देवी-देवताओं की फोटो और मूर्तियां हटा दो।”

चंगाई सभा में राहुल विश्वकर्मा को ‘पवित्र शास्त्र’ नाम की यही नीली किताब दी गई थी।

भूत भगाने और बीमारी ठीक करने के नाम पर बदलवाया जाता है धर्म
खागा के रहने वाले राजकमल पिछले साल दयालपुर में इंटरनल ग्रेस सेवा आश्रम में चंगाई सभा में गए थे। राजकमल कहते हैं, “फतेहपुर में 4 से 5 ईसाई मिशनरियां पिछड़े क्षेत्रों और हरिजन बस्तियों में चंगाई सभा करते हैं। बुरी आत्मा भगाने, बीमारी ठीक करने के बहाने इन सभाओं में धर्म बदलने का लालच दिया जाता है। इसके लिए बाकायदा महिलाओं को गैस चूल्हा, सिलाई मशीन, अपने मिशन में नौकरी और गाय-भैंस भी दी जाती हैं। पूरा जोर लगाया जाता है कि सभा में आने वाले हर एक शख्स का ईसाईकरण हो जाए।”

राजकमल के मुताबिक, इन सभाओं में महिलाओं को सबसे ज्यादा टारगेट किया जाता है। उन्हें घरेलू सामान का लालच देकर बहकाया जाता है।

अकेले फतेहपुर में 1000 से ज्यादा लोगों का हुआ धर्म परिवर्तन
फतेहपुर शहर के रहने वाले आनंद तिवारी 2012 से बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ कार्यकर्ता हैं। वो जिले में चोरी-छिपे चलाई जा रहीं 20 चंगाई सभाओं को बंद करवा चुके हैं।

आनंद बताते हैं, “संगठन ने खागा, एकारी, टीसी, मिचकी, सैनी, सेमरी, अतरहा जैसे 20 से ज्यादा गांवों में चंगाई सभा का काम बंद करवाया है। शहर में तो इनका 80% काम रुकवा चुके हैं। इसके बावजूद गांवों में पुलिस की नजरों से बचाकर ये सभाएं चल रही हैं। 2017 से अब तक जिले में 1000 से ज्यादा लोगों का धर्म का लालच देकर बदल दिया गया।”

ये तस्वीर फतेहपुर के सुजरही गांव में चल रही चंगाई सभा में पड़ी पुलिस की रेड की है। पुलिस के पहुंचते ही महिलाएं भागने लगीं।
ये तस्वीर फतेहपुर के सुजरही गांव में चल रही चंगाई सभा में पड़ी पुलिस की रेड की है। पुलिस के पहुंचते ही महिलाएं भागने लगीं।

प्रयागराज में 2014 से बढ़ाया जा रहा चंगाई सभा का नेटवर्क
ईसाई से हिंदू धर्म में ‘वापस’ आने वाले एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “चंगाई सभा का नेटवर्क 2014 में प्रयागराज से शुरू हुआ। नैनी में सियाट्स इंस्टीट्यूट है, जहां हर शुक्रवार यीशु दरबार लगाया जाता है। यहां जो लोग आते हैं, फिर उन्हें लोगों के बीच जाकर धर्म के प्रचार के लिए कहा जाता है।”

वो आगे कहते हैं, “इंस्टीट्यूट में होने वाली प्रार्थना सभा के विरोध में कई बार VHP और ABVP ने प्रदर्शन भी किया। प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, अम्बेडकर नगर, झांसी, मऊ, आजमगढ़, मेरठ, हाथरस और सहारनपुर में चंगाई सभा का नेटवर्क सबसे ज्यादा सक्रिय है।”

लॉकडाउन में भी नहीं रुकीं चंगाई सभाएं
चंगाई सभा पर VHP यानी विश्व हिंदू परिषद के इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसिडेंट आलोक कुमार कहते हैं, “चंगाई सभा के नाम पर चर्च खुले आम धर्मांतरण करवा रहे हैं। इसमें ज्यादातर आदिवासी और पिछड़ी जातियों को टारगेट किया जाता है। ये सभाएं कोरोना काल में सख्त लॉकडाउन के दौरान भी चलाई गईं। यही वजह थी कि भारत में महामारी के दौरान सबसे ज्यादा गिरजाघर खोले गए।”

चंगाई सभाओं की गतिविधियों पर LIU रख रही नजर
चंगाई सभा में सामने आए धर्मांतरण के मामलों पर फतेहपुर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संजय सिंह कहते हैं, “गांवों में चंगाई सभा से जुड़े धर्म परिवर्तन के मामले पिछले कुछ समय से बढ़े हैं। पुलिस की खुफिया एजेंसी यानी LIU इन सभाओं पर कड़ी नजर रख रही है। खागा वाले केस में 3 गिरफ्तारियां हुई हैं, जिसकी जांच चल रही है।”

खागा के CO संजय सिंह ने बताया कि धर्मांतरण के मामले सामने आने पर गांवों में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। इससे चंगाई सभाओं के मामले कम हुए हैं।
खागा के CO संजय सिंह ने बताया कि धर्मांतरण के मामले सामने आने पर गांवों में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। इससे चंगाई सभाओं के मामले कम हुए हैं।

यहां तक आपने चंगाई सभा में हो रहे धर्म परिवर्तन के बारे में जाना। आगे जानते हैं कि धर्म बदल चुके हिंदुओं को उनके धर्म में दोबारा कैसे लाया जाता है..

‘गंगाजल से नहलाकर और तुलसी दल खिलाकर दोबारा हिंदू बनाते हैं’
बजरंग दल के आनंद बताते हैं, “किसी भी हिंदू के धर्मांतरण की जानकारी मिलते ही संगठन अलर्ट हो जाता है। सबसे पहले जांचा जाता है कि संबंधित व्यक्ति ने किस वजह से धर्म बदला है। फिर संगठन के कुछ लोग उस व्यक्ति पर नजर रखना शुरू कर देते हैं। वो घर से कब निकलता है, कहां जाता है, कितना समय चर्च में बिताता है और किससे मिलता है।”

आनंद आगे बताते हैं, “कुछ दिन नजर रखने के बाद उस व्यक्ति से संपर्क किया जाता है। उसे समझाया जाता है। कई बार लोग हमारी बातें सुनकर गलती सुधार लेते हैं। मगर, कई बार जब समझाने का असर नहीं होता है, तो कानूनी रास्ता अपनाया जाता है। मैं ऐसे 50 से ज्यादा लोगों को दोबारा हिंदू धर्म में वापस ला चुका हूं।”

बजरंग दल के वरिष्ठ कार्यकर्ता आनंद तिवारी।
बजरंग दल के वरिष्ठ कार्यकर्ता आनंद तिवारी।

मह​​​ज 9 महीने में 189 लोगों का हुआ धर्मांतरण
यूपी पुलिस के मुताबिक, प्रदेश में 24 नवंबर 2020 को धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया था। तब से अगस्त 2021 तक 189 लोगों पर धर्म परिवर्तन का मामला दर्ज किया गया। बीते 2 महीनों में यूपी के अलग-अलग जिलों में 100 से ज्यादा लोगों का धर्म बदला गया।

14 अप्रैल 2022 : फतेहपुर शहर के हरिहरगंज मोहल्ले के चूना वाली गली स्थित चर्च के अंदर 70 लोगों के धर्मांतरण की कोशिश की गई। बजरंग दल और VHP के कार्यकर्ताओं की शिकायत के बाद पुलिस एक्शन में आई। चर्च के पादरी सहित 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पादरी ने स्वीकारा कि चर्च में मौजूद 70 लोगों में 50 हिंदू थे।

29 मई 2022 : आजमगढ़ के कंधरापुर इलाके में शैतानी आत्मा के इलाज के नाम पर लोगों के धर्म बदलने की शिकायत मिली। इस मामले में मोहरिल नाम का व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि मोहरिल ने चंगाई सभा कर आजमगढ़ में 100 से ज्यादा लोगों का ईसाईकरण किया।

29 मई 2022 : सहारनपुर के बेहट इलाके में लोगों को लालच देकर ईसाई धर्म में आने वाले 2 युवकों को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए अजय और अनिल से इसी साल अपनी धर्म बदला था। दोनों बेहट में गांव-गांव जाकर लोगों को ईसाई धर्म में आने के लिए उकसा रहे थे।

26 जून 2022 : अंबेडकरनगर में जहांगीरगंज थाने के नयागांव में राजकुमार अग्रहरि हर रविवार को अपने घर पर चंगाई सभा करता था। 26 जून की सभा में गांव की कुछ महिलाओं ने प्रार्थना का विरोध किया, तो हंगामा हो गया। इसके बाद महिलाओं ने राजकुमार के खिलाफ जहांगीरगंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया। महिलाओं ने अपनी तहरीर में लिखा कि राजकुमार उनको धर्म बदलने के नाम पर मिशनरी से 2 लाख दिलवाने की बात कहता था।

2 जुलाई 2022 : फतेहपुर जिले का सुजरही गांव की हरिजन बस्ती में 80 लोगों का धर्म बदलवाने का प्रयास किया गया। इस दौरान चंगाई सभा में मौजूद राहुल सहित 3 लोगों ने बाइबिल लेने से इनकार कर दिया। इस पर सभा कर रहे संजय पासवान ने तीनों को पहले गालियां दीं फिर मारपीट भी की। हंगामे के बाद खागा पुलिस ने मौके पर 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

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