शराब के लिए कतारें: दिल्ली में ठेकों के बाहर लगी लोगों की भीड़, स्टॉक खत्म करने में जुटे दुकानदार

एलजी ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट के बाद सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। इसी महीने की शुरुआत में तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार केजरीवाल सरकार पर जीएनसीटीडी एक्ट 1991, व्यापार लेनदेन नियम 1993, दिल्ली आबकारी नीति 2009 और दिल्ली आबकारी नियम 2010 के उल्लंघन का आरोप है।

नई आबकारी नीति (new excise policy) में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद दिल्ली सरकार बैकफुट पर आ गई है। शनिवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि सोमवार से दिल्ली में पुरानी आबकारी नीति लागू होगी। जोकि छह महीने तक लागू रहेगी। सरकार के इस कदम के बाद दिल्ली में शराब की दुकानों के बाहर लोगों की कतारें लगी हैं। दुकानदार स्टॉक खत्म कर रहे हैं। इसके चलते शराब लेने के लिए ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी है। यह नजारा तकरीबन दिल्ली की अधिकांश दुकानों के बाहर देखने को मिल रहा है।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया  ने कहा कि नई आबकारी नीति वापस होगी। नई नीति तैयार होने तक पुरानी नीति के तहत ही शराब की बिक्री की जाएगी। इसकी घोषणा करते हुए सिसोदिया ने कहा कि हमने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए नई आबकारी नीति लागू की थी। इसके पहले 850 शराब की दुकानों से सरकार को 6000 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति होती थी। लेकिन नई आबकारी नीति लागू होने के बाद हमारी सरकार को उतनी ही दुकानों से 9000 करोड़ रुपये से भी अधिक राजस्व मिलता।

राज्यपाल दे चुके हैं जांच का आदेश
एलजी विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। केजरीवाल सरकार पर नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों के टेंडर में गड़बड़ी का आरोप है। आरोप है कि नई आबकारी नीति में नियमों की अनदेखी करते हुए शराब की दुकानों के टेंडर दिए गए।

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