‘राष्ट्रपति’ शब्द को जेंडर न्यूट्रल घोषित करने की मांग …?
कांग्रेस नेता देवाशीष जरारिया ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा लेटर, माफी भी मांगी…
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर टिप्पणी के बाद सियासत गरमाई हुई है। हालांकि उन्होंने लिखित में माफी भी मांग ली है। इधर इस मामले में मचे बवाल के बीच मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेता देवाशीष जरारिया ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेटर लिखा है। भिंड से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके जरारिया ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से ‘राष्ट्रपति’ शब्द को जेंडर न्यूट्रल (लैंगिक तटस्थ) करने की मांग की है।
पढ़िए, कांग्रेस नेता ने लेटर में राष्ट्रपति से क्या मांग की
देवाशीष ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे पत्र में लिखा- आपके भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति व देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनने से देश गौरवान्वित है। आपका यह कार्यकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। करोड़ों दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, गरीबों के लिए प्रेरणा बनेगा ऐसा मेरा विश्वास है। आपके देश के सर्वोच्च पद पर निर्वाचन से सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष भी अभिभूत है, लेकिन देश में आपको संबोधित करने को लेकर जो विवाद की स्थिति बनी है, वो निराशाजनक है।
जरारिया ने कांग्रेस की तरफ से मांगी माफी
जरारिया ने लिखा- मेरी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के लोकसभा के नेता अधीर रंजन चौधरी जी द्वारा, संसद में आपको संबोधित करने के दौरान लैंगिक त्रुटि हुई। इसके लिए उन्होंने तत्काल माफी भी मांगी। देश का नागरिक एवं पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते मैं भी क्षमा प्रार्थी हूं।
‘भारत बहुभाषी देश, कई सांसदों की हिन्दी ठीक नहीं’
कांग्रेस नेता जरारिया ने लिखा- भारत एक बहुभाषी देश है। भारत की संसद में ऐसे अनेकों सांसद हैं, जिनकी हिंदी अच्छी नहीं है, या उन्हें आती नहीं है। अधीर रंजन चौधरी भी पश्चिम बंगाल राज्य से आते हैं। उनकी हिंदी भाषा पर पकड़ इतनी मजबूत भी नहीं है। एक गैर हिंदी भाषी के व्याकरण त्रुटि को आपके अनादर से जोड़ना उन करोड़ों भारतीयों के लिए अपमानजनक है, जिनकी प्रथम भाषा या मातृभाषा हिंदी नहीं है। देश के वर्तमान हालातों में मुद्दे जैसे महंगाई, बेरोजगारी से ध्यान हटा कर व्याकरण त्रुटि पर ले जाया जा रहा है।
राष्ट्रपति शब्द जेंडर न्यूट्रल हो: जरारिया
कांग्रेस नेता ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेटर में लिखा- भारत के आम नागरिक होने के नाते इस विषय को खत्म करने के लिए राष्ट्रपति शब्द को लैंगिक तटस्थ (Gender Neutral) करने की जरूरत है। विश्व में ऐसे उदाहरण है कि जब कोई पद लैंगिकता प्रदर्शित कर रहा हो, तो उसे लैंगिक तटस्थ शब्द से बदल दिया गया है। उदहारण के लिए अंग्रेजी में Chairman शब्द के स्थान पर Chairperson का इस्तेमाल किया जाने लगा है। Batsman के स्थान पर Batter शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत में आपके बाद भी कई भारतीय महिलाएं देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होंगी। इस बेवजह के विवाद को हमेशा के लिए समाप्त करने के लिए आप स्वयं आगे आएं और राष्ट्रपति शब्द को किसी लैंगिक तटस्थ (Gender Neutral) शब्द से बदल दें।