दिल्ली के सरकारी स्कूलों को लेकर BJP ने किया ‘विस्फोटक खुलासा’, खुद मनीष सिसोदिया ने लिखा था लेटर

Manish Sisodia Letter: दिल्ली के सरकारी स्कूलों को लेकर बीजेपी ने एक लेटर जारी किया है। इस लेटर में बीजेपी ने मनीष सिसोदिया पर बहुत बड़े आरोप लगाए हैं। इस लेटर में मनीष सिसोदिया के अंडर आने वाला दिल्ली का शिक्षा मंत्रालय और दिल्ली सरकार के स्कूलों से संबंधित शिकायतों के बारे में जिक्र किया गया है।
  • बीजेपी ने मनीष सिसोदिया को लेकर किया खुलासा
  • दिल्ली शिक्षा मंत्रालय के दस्तावेज में मिली शिकायतें
  • मनीष सिसोदिया के पास है दिल्ली का शिक्षा मंत्रालय

Manish Sisodia Letter:  दिल्ली के सरकारी स्कूलों को लेकर बीजेपी ने एक लेटर जारी किया है। इस लेटर में बीजेपी ने मनीष सिसोदिया पर बहुत बड़े आरोप लगाए हैं। इस लेटर में मनीष सिसोदिया के अंडर आने वाला दिल्ली का शिक्षा मंत्रालय और दिल्ली सरकार के स्कूलों से संबंधित शिकायतों के बारे में जिक्र किया गया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस लेटर को ‘विस्फोटक’ बताते हुए आरोप लगाए कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा लिखे गए एक पत्र ने सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में पीडब्ल्यूडी मंत्रालय के तहत भ्रष्टाचार और दिल्ली के स्कूलों की खराब स्थिति को उजागर किया है।

संबित पात्रा ने लेटर के हवाले से लगाए बड़े आरोप

पात्रा ने लेटर का हवाला देते हुए कहा, “यह दस्तावेज़ राज्य के शिक्षा विभाग का है, जो मनीष सिसोदिया का मंत्रालय है और दिल्ली सरकार के स्कूलों से संबंधित शिकायतों का इसमें जिक्र है। इस पत्र में कहा गया है कि स्कूलों से काम पूरा न होने, घटिया सामग्री के इस्तेमाल को लेकर कई शिकायतें मिलीं हैं।” भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने आगे कहा, “इसमें स्कूल, छात्रों, उनके माता-पिता और कर्मचारियों को प्रभावित करने वाले 15 से अधिक स्कूलों की लिस्ट दी गई है। शिकायतों में से एक में कहा गया है कि स्कूल की इमारत कभी भी गिर सकती है। यह है दिल्ली सरकार के स्कूलों की असल स्थिति।”

आबकारी नीति को लेकर बैकफुट पर है दिल्ली सरकार
बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार पहले ही अपनी आबकारी नीति को लेकर बैकफुट पर है। संबित पात्रा के दिल्ली के स्कूलों को लेकर बड़े आरोपों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रवेश वर्मा ने आरोप लगाया कि दिल्ली में आबकारी नीति 2021-22 के दौरान थोक लाइसेंस धारकों के साथ सैकड़ों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने 30 जुलाई को आबकारी नीति 2021-22 को वापस ले लिया था। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद दिल्ली सरकार ने यह कदम उठाया था।

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