ग्वालियर नगर निगम परिषद भाजपा की हुई …? भाजपा के मनोज तोमर ने 1 वोट से जीता सभापति चुनाव
- भाजपा को 34 और कांग्रेस को मिले 33 वोट
ग्वालियर नगर निगम परिषद भाजपा के नाम रही है। भाजपा को पार्षदों की बाड़ाबंदी रास आ गई है। भाजपा को वही वोट मिले हैं जो उनके प्रत्याशी जीते थे। सारे निर्दलीय आखिर में कांग्रेस की तरफ चले गए हैं। भाजपा की ओर से केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के खास पार्षद मनोज तोमर ने कांग्रेस की उम्मीदवार लक्ष्मी सुरेश गुर्जर को 1 वोट से हराकर सभापति का चुनाव जीत लिया है। 66 पार्षद में से भाजपा को 34 वोट मिले हैं, जबकि 33 वोट कांग्रेस के पास आए हैं। इनमें से एक वोट कांग्रेस मेयर का भी है।
भाजपा-कांग्रेस में कांटे की टक्कर, आखिर में भाजपा की जीत
भाजपा-कांग्रेस में कांटे की टक्कर है, लेकिन पार्षद संख्या को देखते हुए भाजपा का पलड़ा भारी शुरू से ही भारी नजर आ रहा था। पर क्रॉस वोटिंग होती तो कांग्रेस को फायदा हो सकता था, लेकिन कांटे की टककर में भाजपा ने एक वोट से कांग्रेस को मात दे दी है। भाजपा शपथ ग्रहण समारोह के बाद ही अपने सभी पार्षदों को लेकर दिल्ली रवाना हो गई थी। तत्काल उनकी बाड़ाबंदी की राजनीति सफल होते नजर आ रही है।
भाजपा का दावेदार
– भाजपा की ओर से मनोज तोमर दावेदार हैं। यह वार्ड-55 से भाजपा से जीते हैं। दो बार पार्षद रह चुके हैं। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के खास हैं। उनको काफी अनुभव हैं और पार्षदों में अच्छा व्यवहार उनको इस पद के लिए उपयोगी बनाता है
कांग्रेस की दावेदार
– कांग्रेस की ओर से वार्ड-27 से चुनी गईं लक्ष्मी सुरेश गुर्जर का नाम सामने आया है। यह पहली बार जीती हैं, लेकिन कांग्रेस ने OBC महिला को चेहरा बनाकर विधानसभा चुनाव के लिए इस वर्ग को अपनी तरफ करने का मैसेज दिया है। लक्ष्मी के बारे में बता दें कि उन्होंने भाजपा के दो बार से पार्षद धर्मेन्द्र राणा समर्थक उनकी भतीजी को हराकर सिर्फ 12 वोट से जीत दर्ज की थी। यह नगर निगम चुनाव की सबसे छोटी जीत साबित हुई थी।
ऐसे चली सभापति चुनाव की प्रक्रिया
कलेक्टर एवं पीठासीन अधिकारी ग्वालियर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने स्पष्ट किया है कि अध्यक्ष (स्पीकर) का निर्वाचन मध्यप्रदेश नगर पालिका निगम अध्यक्ष (स्पीकर) का निर्वाचन नियम 1998 के अनुसार हुआ।
– शुक्रवार सुबह 10.30 बजे से 11 बजे तक नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किए जाने का समय निर्धारित किया गया।
– नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा सुबह 11 बजे से 11.15 बजे तक की गई
– शुक्रवार सुबह 11.15 बजे से 11.30 बजे तक अभ्यर्थी नाम वापस लेने का समय था
– मतदान 11.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक हुआ
– मतगणना दोपहर 12.30 बजे से की और दोपहर 12.45 बजे परिणाम आ गया
200 जवान लगे हैं सुरक्षा में
– सभापति चुनाव कितना पेचीदा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जलविहार परिषद से लेकर पार्षदों के होटलों तक 200 के लगभग जवान व अफसर तैनात किए गए हैं। जलविहार स्थित परिषद के हर गेट पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी व चौकस है। जिससे यहां उत्साह या निराशा में कोई भी प्रदर्शन हो तो उसे तत्काल काबू में किया जा सके।