रानी की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग…:नेता प्रतिपक्ष बोले-अधिकारी इस तरह परेशान कर रहे हैं कि महिला को आत्महत्या करनी पड़ी

  • – मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, की जांच की मांग ,,,,,

MPIDC (मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) की मैनेजर रानी शर्मा (27) की पांचवीं मंजिल से कूदकर खुदकुशी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। शनिवार को सदन के नेता प्रतिपक्ष लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की की मांग करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। पत्र में नेता प्रतिपक्ष बोले हैं कि विभाग में अधिकारी महिलाओं को इस तरह परेशान कर रहे हैं कि उसे आत्महत्या को मजबूर होना पड़ा। आत्महत्या के कारण सामने आने चाहिए। यह तभी होगा जब मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। इसके साथ ही अब रानी शर्मा के पिता भोपाल जाएंगे और इस मामले में अभी तक की गई जांच के बारे में पता लगाएंगे, क्योंकि रानी का मोबाइल व विभाग के CCTV कैमरे भी बहुत कुछ कहानी खोल सकते हैं।

मुख्यमंत्री को निष्पक्ष जांच के लिए नेता प्रतिपक्ष द्वारा लिखा गया पत्र
मुख्यमंत्री को निष्पक्ष जांच के लिए नेता प्रतिपक्ष द्वारा लिखा गया पत्र

नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को यह लिखा पत्र
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह लिखते हैं कि विभिन्न मीडिया संसाधनांे से संज्ञान में आया है कि ग्वालियर की बेटी रानी शर्मा पुत्री वेदराम शर्मा विभागीय अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली है। महिलाओं के साथ अधिकारी इस स्तर तक प्रताड़ना कर रहे हैं कि उनको आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा है। अब उन कारणों का पता लगाया जाना आवश्यक है जिन कारणों से उसने यह कदम उठाया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस मामले में निष्पक्ष जांच कराएं। भविष्य में किसी महिला के साथ इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

इस तरह हुई है यह घटना
– ग्वालियर के कोतवाली थाने में पदस्थ कार्यवाहन उपनिरीक्षक वेदराम शर्मा की छोटी बेटी रानी शर्मा अपने पिता का अभिमान थी। रानी ने 10वीं में 90 प्रतिशत मार्क्स लाकर पास हुई। इसके बाद 12वीं में संभाग में टॉप थ्री मंे रही। इसके बाद उसने जो परीक्षा दी उसमें बेहत्तर किया और जॉब हासिल की। MPIDC (मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) में बतौर मैनेजर नौकरी हासिल करने से पहले वह बैंक पीओ, सांख्यिकी अधिकारी की पोस्ट पर भी सिलेक्ट हो चुकी थी। वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन मंे उसका सिलेक्शन हुआ। पहले वह इंदौर में पदस्थ थीं, लेकिन एक घटना के बाद रानी का ट्रांसफर भोपाल हो गया। वहीं से उसके डिप्रेशन की कहानी शुरू होती है। यहां से उसे वल्लभ भवन में पदस्थ किया गया। कम उम्र की रानी पर काम का इतना बोझ डाल दिया गया कि वह गलतियां करने लगी। हर गलती पर उसके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता था कि उसके मन में डर बैठता गया। वह इतनी घबरा गई थी कि उसने 1 अगस्त की सुबह 5 बजे अपनी अपार्टमेंट की पांचवीं मंजिल की बालकनी से कूदकर आत्महत्या कर ली। भोपाल के शाहपुरा थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है।

अब रानी के पिता जाएंगे भोपाल, पूछेंगे सवाल
– रानी की अस्तियों का इलाहाबाद स्थित गंगा में विसर्जित कर परिवार अब वापस लौट आया है। अब जल्द ही रानी के पिता वेदराम शर्मा भोपाल जाएंगे और वहां की पुलिस से इस मामले में अब तक की कार्रवाई की जांच पर बात करेंगे। वेदराम शर्मा खुद पुलिस में कार्यवाहक सब इंस्पेक्टर हैं। इसलिए जांच के दाव पेच वह समझते हैं। वह वहां जाकर पूछेंगे कि पुलिस ने विभाग के CCTV कैमरों को खंगाला है या नहीं। रानी के मोबाइल की कॉल डिटेल और मोबाइल के डेटा को चेक किया है या नहीं।

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