नीतीश कुमार ने बिहार को मिलकर आगे बढ़ाने की बात कही, तेजस्वी बोले- मुख्यमंत्री ने निडर निर्णय लिया
Bihar Political Crisis Live: बिहार में नीतीश कुमार ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का एलान कर दिया है. राज्यपाल को उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता विकल्प चाहती है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, प्रधानमंत्री के सामने इसकी मांग की थी. देश में बेतहाशा महंगाई और बेरोजगारी है. हमें देश के संविधान को बचाना है. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि देश के माहौल को खराब किया जा रहा है. नीतीश कुमार ने निडर होकर निर्णय लिया है. बीजेपी के एजेंडे को बिहार में लागू नहीं होने देना है.
सरकार का दावा पेश करने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे पास सात पार्टियों का समर्थन है. इसमें 164 विधायक शामिल हैं. हम लोग मिलकर काम करेंगे और बिहार को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. आरसीपी सिंह का नाम लिए बिना नीतीश कुमार ने बीजेपी पर निशाना साधा.
बिहार के सियासी घटनाक्रम पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया सामने आई है. अशोक गहलोत ने कहा, “लोकतंत्र का गला घोट कर बिहार में सरकार बनाने के लिए बने इस नापाक गठबंधन का टूटना तय था.”
शरद यादव क्या बोले?
सीनियर समाजवादी नेता शरद यादव ने कहा, “लोगों ने राज्य के चुनावों के दौरान उसी गठबंधन को वोट दिया जो अब बना है. पिछली सरकार (बीजेपी-जेडीयू सरकार) लोगों के जनादेश के अनुसार नहीं थी, अब राज्य की सरकार जनादेश के अनुसार होगी.
नीतीश कुमार ने 164 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.
उपेंद्र कुशावाहा ने ट्वीट किया, “NDA से अलग होने के निर्णय से देश को फिर से रुढ़िवाद के दल-दल में धकेलने की साज़िश में लगी भाजपा के चक्रव्यूह से हम सब बाहर आ गए. यह निर्णय सिर्फ बिहार ही नहीं देश के लिए मिल का पत्थर साबित होगा.”
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव राजभवन पहुंचे. उनके साथ ललन सिंह,अजीत सिंह,जीतन राम मांझी,विजय चौधरी और श्रवण कुमार मौजूद रहे.
आरजेडी सूत्रों के हवाले से बड़ी जानकारी सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार ने आरजेडी नेता राबड़ी देवी से कहा कि 2017 में जो हुआ उसे भूल जाइए और एक नया अध्याय शुरू कीजिए.