जब अटल का दिल राजकुमारी पर आ गया …?
80 साल पुरानी अटल की वो लव स्टोरी, जिसमें सब कुछ था बस कोई नाम नहीं…
कहानी शुरू होती है 80 साल पहले, यानी 1942 से। महात्मा गांधी के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन चल रहा था। 9 अगस्त को आंदोलन शुरू हुआ। उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी 18 साल के थे। ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से B.A की पढ़ाई के साथ वो RSS के सक्रिय सदस्य थे। उनकी जिंदगी में इस वक्त एक साथ दो चीजें हुईं।
पहली, आंदोलन के वक्त अटल पर क्रांतिकारियों के खिलाफ गवाही देने के आरोप लगे। दूसरी, उनका दिल कॉलेज में साथ पढ़ने वाली राजकुमारी कौल पर आ गया।
आज की हमारी ये कहानी उसी लव स्टोरी के बारे में है। चलिए अटल और राजकुमारी की इस कहानी को शुरू करते हैं…
18 साल की उम्र में राजकुमारी को दिल दे बैठे थे अटल
एक मशहूर पत्रकार और लेखक हैं किंगशुक नाग। उन्होंने अपनी किताब “अटल बिहारी वाजपेयी: ए मैन ऑफ आल सीजन्स” के कुछ पन्ने अटल की प्रेम कहानी पर खर्च किए हैं। किंगशुक ने लिखा, ”अटल और राजकुमारी एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। अटल को राजकुमारी अच्छी लगने लगीं। वो भी उन्हें पसंद करती थीं। ये ऐसा दौर था जब लड़के और लड़कियों की दोस्ती को स्वीकार नहीं किया जाता था। इसलिए ये दोनों भी अपने प्यार का खुल कर इजहार करने से डरते थे।”
अटल ने राजकुमारी को लव लेटर लिखा, लेकिन उसका जवाब नहीं मिला
जैसे-जैसे दिन बीते दोनों में इशारों में बातचीत होने लगी, लेकिन प्रेम का इजहार अब तक किसी ने नहीं किया था। कलम के सिपाही रहे अटल ने एक दिन हिम्मत जुटाई और पन्ने पर अपने दिल का हाल लिख डाला। कॉलेज की लाइब्रेरी में एक किताब के अंदर राजकुमारी के लिए वो लव लेटर रख दिया। राजकुमारी ने वो लेटर पढ़ा, लेकिन अटल को उसका कोई जवाब नहीं मिल सका। अटल बहुत निराश हुए।
राजकुमारी के परिवार ने अटल को अपनी बेटी के लायक नहीं समझा
पत्रकार और लेखिका सागरिका घोष ने अटल की जीवनी लिखी है। वो उसमें बताती हैं कि राजकुमारी ने अटल से शादी करने की बात अपने परिवार से की थी, लेकिन उनके परिवार ने शिंदे की छावनी में रहने वाले और RSS की शाखा में रोज जाने वाले अटल को अपनी बेटी के लायक नहीं समझा। राजकुमारी भी अपने परिवार के खिलाफ नहीं जा सकीं। परिवार ने दिल्ली के रामजस कॉलेज में दर्शन शास्त्र पढ़ाने वाले ब्रज नारायण कौल से उनकी शादी कर दी।
राजकुमारी ने तो शादी करके अपना घर बसा लिया था, लेकिन अटल ने कभी शादी नहीं की। राजकुमारी ने अपना परिवार चुना तो अटल ने देश के लिए अपनी जिंदगी समर्पित करने का फैसला किया।
शादी की बात हुई तो घर से भाग गए थे अटल
अटल बिहारी के दोस्त गोरे लाल त्रिपाठी के बेटे विजय प्रकाश उनकी शादी से जुड़ा एक किस्सा बताते हैं। TOI को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि जब अटल के परिवारवाले उनकी शादी की बात कर रहे थे तो वो दोस्त के घर जाकर छिप गए थे।
वो कहते हैं कि अटल ने खुद को तीन दिन तक दोस्त के घर कमरे में बंद रखा। वो बताते हैं कि अटल को लगता था कि उनकी शादी से देश की सेवा करने में रुकावट आ जाएगी। इसलिए वो शादी नहीं करना चाहते थे।
वक्त बीता। अटल और राजकुमारी अपनी जिंदगियों में आगे बढ़ चुके थे, लेकिन उनकी ये लव स्टोरी यहीं खत्म नहीं हुई।
15 साल बाद… असली कहानी यहां से शुरू होती है
राजकुमारी शादी के बाद अपने पति ब्रज नारायण कौल के साथ दिल्ली चली आईं। साल 1957 में लोकसभा चुनाव हुए। अटल जनसंघ पार्टी के टिकट पर पहली बार संसद पहुंचे। जिस रामजस कॉलेज में ब्रज पढ़ाते थे, वहां अटल को भाषण देने के लिए अनुरोध किया गया। अटल का भाषण सुनने राजकुमारी भी कॉलेज आईं थीं। यहीं अटल की 15 साल बाद उनसे दोबारा मुलाकात हुई।
राजकुमारी ने उनके खत का जवाब दिया था
अब अटल और राजकुमारी की मुलाकातों का सिलसिला दोबारा शुरू हो गया। कुछ वक्त बीता तो अटल को पता चला कि उनके खत का जवाब राजकुमारी ने तब ही दे दिया था। वो भी उन्हें पसंद करती थीं। उन्होंने अटल के लिए अपने दिल की बात लिखकर खत उसी किताब में रख दिया था, लेकिन वो खत अटल तक नहीं पहुंच सका।
अपने पति और बच्चों के साथ अटल के घर शिफ्ट हो गईं राजकुमारी
अटल अक्सर राजकुमारी से मिलने उनके घर जाया करते थे। बाद में जब वो प्रधानमंत्री बने और उन्हें दिल्ली में बड़ा सरकारी घर मिला तो राजकुमारी, उनके पति और दो बेटियां अटल के घर में शिफ्ट हो गए। घर में सबके अपने-अपने शयनकक्ष हुआ करते थे।
हिंदुस्तान की राजनीति में शायद पहले कभी नहीं हुआ होगा कि प्रधानमंत्री के सरकारी आवास में ऐसी शख्सियत रह रही हो जिसे प्रोटोकॉल में कोई जगह न दी गई हो, लेकिन उसकी उपस्थिति सबको मंजूर हो। अटल और राजकुमारी का रिश्ता इतना पवित्र था कि किसी भी विपक्षी पार्टी ने इस पर कभी सवाल नहीं उठाया।
राजकुमारी के पति भी अटल को पसंद करते थे
सागरिका घोष लिखती हैं, “अटल के दोस्त बलबीर पुंज ने उन्हें बताया कि जब वो पहली बार वाजपेयी के घर गए तो उन्हें राजकुमारी और उनके पति को वहां देखकर बहुत अजीब लगा था, लेकिन उन्होंने देखा कि उन तीनों के लिए ये बहुत नार्मल बात थी। इसके बाद उन्होंने भी इसके बारे में सोचना बंद कर दिया।”
अटल के घर में तीनों लोग एक दूसरे के साथ बहुत इज्जत से रहते थे। जब दोस्त अप्पा घटाटे अटल को खाने पर बुलाते थे तो राजकुमारी और उनके पति ब्रज भी साथ जाते। बलबीर बताते हैं, “अटल और ब्रज एक दूसरे का बहुत आदर करते थे। ब्रज ने ना सिर्फ अटल के साथ राजकुमारी की दोस्ती स्वीकार कर ली थी, बल्कि वो उन्हें बहुत पसंद करते थे। वो अक्सर अटल का हाल-चाल लेते थे। उनके खाने-पीने का ध्यान रखते। उनके भाषण के बारे में पूछते थे।”
“मेरे पति और मेरा, अटल के साथ रिश्ता बहुत मजबूत है”
साल था 1980. एक पत्रिका “सैवी” ने राजकुमारी का इंटरव्यू लिया। उसके मुताबिक राजकुमारी ने स्वीकार किया था कि उनके और अटल के बीच जो परिपक्व संबंध थे, उसे बहुत कम लोग समझ पाएंगे। राजकुमारी ने अपने पति के बारे में भी कहा, “अटल और मुझे अपने पति को इस रिश्ते के बारे में कभी सफाई नहीं देनी पड़ी। मेरे पति और मेरा, अटल के साथ रिश्ता बहुत मजबूत है।”
राजकुमारी को हाई कमांड बुलाते थे अटल
पत्रकार और लेखक करण थापर ने अपनी आत्मकथा ‘डेविल्स एडवोकेट’ में अटल का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि एक बार वो अटल का इंटरव्यू लेना चाह रहे थे, लेकिन बात नहीं बन पा रही थी। उन्होंने थक-हारकर अटल के घर का नंबर डायल कर दिया। फोन पर राजकुमारी से बात हुई।
थापर ने उन्हें अपनी परेशानी बताई। जवाब मिला, “आप कल घर आ जाइए, इंटरव्यू हो जाना चाहिए।” अगले दिन जब थापर अटल के घर पहुंचे तो वो पहले से इंटरव्यू के लिए तैयार बैठे थे। उन्होंने लिखा कि अटल ने उनसे मिलते ही बोला, “आपने तो हाई कमांड से बात कर ली। अब मैं आपको कैसे मना कर सकता हूं।”
साल 2014 में आखिर ये प्रेम कहानी खत्म हो गई
साल 2014 में अटल और राजकुमारी की ये प्रेम कहानी खत्म हो गई। राजकुमारी अब इस दुनिया में नहीं थीं। पत्रकार कुलदीप नैयर ने ‘द टेलीग्राफ’ में लिखा, “राजकुमारी कौल बेहद संकोची महिला थीं। वो अटल की सबकुछ थीं। जिस तरह उन्होंने उनकी सेवा की, वह शायद ही कोई कर पाए। वह हमेशा उनके साथ रहीं, जब तक उनका हार्ट अटैक से निधन नहीं हो गया।”
राजकुमारी के बाद 4 साल ही जी पाए अटल
16 अगस्त 2018, अटल जी नहीं रहे। आज उनकी चौथी पुण्यतिथि है। उन्होंने ताउम्र शादी नहीं की लेकिन राजकुमारी उनकी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बनी रहीं। एक कार्यक्रम में अटल ने स्वीकार किया था, “मैं कुंवारा हूं, ब्रह्मचारी नहीं।”
अटल और राजकुमारी तो चले गए, लेकिन ये लम्हे उनकी जिंदगी की खूबसूरत प्रेम कहानी बन गए। पत्रकार कुलदीप नैयर ने लिखा,” ये देश के राजनीतिक हलके में घटी सबसे महान प्रेम कहानी थी।”
वाजपेयी और राजकुमारी के रिश्ते ने ये साबित कर दिया कि हर रिश्ते का नाम जरूरी नहीं है… उनका बस होना ही काफी है।
सन्दर्भ: 1. किंगशुक नाग की किताब, ‘अटल बिहारी वाजपेयी: ए मैन ऑफ आल सीजन्स।’ 2. विनय सीतापति की किताब, ‘जुगलबंदी द बीजेपी बिफोर मोदी।’ 3. सागरिका घोष की अटल बिहारी वाजपेयी पर लिखी जीवनी। 4. करण थापर की किताब, ‘डेविल्स एडवोकेट’। 5. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ अखबार। 6. पत्रिका ‘सैवी।’ 7. ‘द टेलीग्राफ’ अखबार।