ऑनलाइन गेमिंग में कर चोरी का खेल, 58 हजार करोड़ कमाने पर भी टैक्स शून्य
ईडी ने भी ऑनलाइन गेम के जरिये काला धन सफेद करने व ग्राहकों के खातों से अवैध ढंग से पैसा काटने पर कोडा पेमेंट्स इंडिया और गरीना फ्री फायर के तीन ठिकानों पर छापे मारे। इनके बैंक खाते भी फ्रीज किए, जिनमें 68.53 करोड़ रुपये थे।
Online Gaming : ऑनलाइन गेमिंग उद्योग पर केंद्र सरकार की सख्ती से टैक्स चोरी व फर्जीवाड़े के बड़े खेल का खुलासा हुआ है। देश में बीते तीन साल में लोगों ने ऑनलाइन गेम खेलकर 58 हजार करोड़ रुपये की रकम जीती। लेकिन, इस पर कर नहीं चुकाया। वहीं, यूनिकॉर्न स्टार्टअप गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी के छह साल से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) न देने का भी खुलासा हुआ है।
कंपनी ने जुए के लिए ग्राहकों को फर्जी इनवॉयस भी जारी किए। फोरेंसिक जांच में पता चला कि ग्राहकों के वॉलेट में रकम आने के बाद उसे निकालने का कोई तरीका नहीं है। यह आश्चर्यजनक तथ्य भी सामने आया कि सात महीने पहले ही प्रतिबंधित की जा चुकी कंपनी अपना धंधा बदस्तूर जारी रखे हुए है, दूसरी कंपनी यूजर्स से 2,850 करोड़ रुपये वसूल चुकी है। ईडी ने मंगलवार को इन कंपनियों पर शिकंजा कसा है।
01 लोगों ने गेम खेलकर कमाए करोड़ों : सीबीडीटी प्रमुख बोले.. ईडी के भी दायरे में आएंगे
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के प्रमुख नितिन गुप्ता ने मंगलवार को बताया, आयकर विभाग ने ऑनलाइन गेम खेलने और जीतने वाले लोगों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। गड़बड़ी के सबूत मिलने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कार्रवाई शुरू करेगा। उन्होंने कहा, ऐसे सभी विजेताओं को नोटिस भेजे जा रहे हैं, जिनकी आय व कर भुगतान में कोई मेल नहीं है।
विजेताओं का पूरा डाटा
गुप्ता ने कहा, हमारे पास सभी लोगों का डाटा है, जिन्होंने तीन साल में ऑनलाइन गेमिंग से 58,000 करोड़ रुपये जीते हैं। नोटिस कर अनुपालन पोर्टल पर हैं। सभी को स्वेच्छा से कर चुकाने के लिए कहा जा रहा है।
02 स्टार्टअप ने 77 हजार करोड़ कमाए : सबसे बड़ी रकम वाला कारण बताओ नोटिस
जीएसटी चोरी में बंगलूरू की ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी को 21 हजार करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है। अप्रत्यक्ष कर के इतिहास में इसे सबसे बड़ी रकम वाला नोटिस माना जा रहा है। नोटिस 2017 से 30 जून, 2022 की अवधि का है। कंपनी पर कार्ड, कैजुअल, रमी कल्चर, गेम्जी व रमी टाइम जैसे फैंटेसी गेम के जरिये ऑनलाइन बेटिंग को बढ़ावा देने का भी आरोप है।
कर गणना गलत
जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय ने पहले 8 सितंबर को भेजे नोटिस में कहा था कि कंपनी ने जो टैक्स चुकाया, उसकी गणना गलत तरीके से की थी। बेटिंग से जुड़ी 77 हजार करोड़ रुपये की रकम पर 28% टैक्स है।