ब्रजेश पाठक ही हैं स्वास्थ्य महकमे के ‘सुपर बॉस
ब्रजेश पाठक ही हैं स्वास्थ्य महकमे के ‘सुपर बॉस’:डॉक्टरों का ट्रांसफर रुकवाया, ACS को किया जवाब तलब, विभाग में रसूख कायम करने में रहे सफल
इससे पहले स्वास्थ्य महानिदेशालय भी खुद के स्तर से किए गए 48 डॉक्टरों के ट्रांसफर निरस्त कर चुका था। इसके अलावा 44 पैरामेडिकल स्टॉफ के ट्रांसफर का फैसला भी कैंसिल हो चुका था। कुल मिलाकर अब यह फैक्ट है कि ब्रजेश पाठक ही यहां के सुपर बॉस हैं।
17 अगस्त को जारी हुआ आदेश
चिकित्सा और स्वास्थ्य सचिव रवींद्र ने तबादले निरस्त और संशोधित किए जाने के आदेश जारी किए। 17 डॉक्टरों के तबादले निरस्त किए गए हैं, उसमें से 7 की तैनाती लखनऊ में रही। वहीं 6 डॉक्टरों के ट्रांसफर आदेश में संशोधन कर उन्हें नए जिले में तैनाती दी गई है। इनके ट्रांसफर में दांपत्य नीति, सेवानिवृत्त होने में दो वर्ष से कम का समय, दिव्यांग होने और गंभीर रूप से बीमार जैसे नियमों का पालन नहीं किया गया।
PMS के करीब 2 हजार 200 डॉक्टरों के ट्रांसफर किए गए थे। उसमें लेवल वन के 350 चिकित्सक और बाकी 1 हजार 850 चिकित्सक लेवल टू और उसके ऊपर के हैं। ऐसे में अभी और डॉक्टरों के तबादले रद्द होना तय माना जा रहा है।
5 अगस्त को 44 पैरामेडिकल स्टाफ के ट्रांसफर हुए थे निरस्त
44 पैरामेडिकल स्टाफ के ट्रांसफर भी कैंसिल कर दिए गए हैं। इनमें फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन और एक्स-रे टेक्नीशियन शामिल हैं। डीजी मेडिकल हेल्थ डॉ. लिली सिंह को निर्देश दिए गए हैं कि 44 पैरामेडिकल स्टाफ के ट्रांसफर में गड़बड़ी करने वालों पर भी एक्शन लिया जाए। इसका एक लेटर चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रांजल यादव ने जारी किया था।
30 जुलाई को 48 डॉक्टरों के ट्रांसफर हुए थे निरस्त
यूपी में स्वास्थ्य विभाग में 313 डॉक्टरों में से 48 के ट्रांसफर शनिवार को निरस्त कर दिए गए। विशेष सचिव डॉ. मन्नान अख्तर ने इसका आदेश जारी किया है। इसमें स्वास्थ्य विभाग ने ट्रांसफर में की गई गलती को स्वीकार किया था।
CM ने 3 IAS को दिया था जांच का जिम्मा
स्वास्थ्य विभाग के ट्रांसफर में गड़बड़ी पर डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने सख्त रुख अपनाया था। उन्होंने सबसे पहले अपर मुख्य सचिव अमित मोहन को पत्र लिखकर इसकी जानकारी मांगी थी। इस पर CM योगी ने 3 IAS को जांच का जिम्मा सौंपा था। उन्होंने आदेश दिया था कि मुख्य सचिव यानी CS डीएस मिश्र, ACS अवनीश अवस्थी, संजय भूसरेड्डी रिपोर्ट की दो दिन में समीक्षा करेंगे। रिपोर्ट में सामने आया कि ट्रांसफर में गड़बड़ियां की गई हैं।
डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने 30 जून को विभाग में हुए ट्रांसफर पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने ट्रांसफर में पॉलिसी का पालन न होने की बात कही थी। मंत्री पाठक ने अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद से पूरी ट्रांसफर सूची विवरण सहित तलब की थी।
30 जून को महानिदेशक चिकित्सा और स्वास्थ्य ने लेवल-1 के 313 डॉक्टरों की ट्रांसफर लिस्ट जारी की थी। इसमें कई खामियां होने की बात सामने आई थी। हालांकि लेवल-4 के डॉक्टरों के ट्रांसफर पर अभी तक कोई आदेश CM या शासन स्तर से नहीं आया है। मगर, लेवल-1 की ट्रांसफर लिस्ट में 48 डॉक्टरों के ट्रांसफर निरस्त किए गए हैं।
4 जुलाई को खुलकर सामने आया था विवाद
डिप्टी CM ब्रजेश पाठक और ACS अमित मोहन प्रसाद के बीच काफी समय से मनमुटाव की चर्चा ब्यूरोक्रेसी के गलियारे में चल रही है। मगर, जब पाठक का पत्र सार्वजनिक हुआ तो यह मनमुटाव खुलकर सामने आ गया। डिप्टी CM ने यहां तक कहा था कि लिस्ट में मृतकों के ट्रांसफर हुए थे। सिर्फ यही नहीं, मौत के 13 दिन बाद प्रयागराज के जिस डॉक्टर का ट्रांसफर किया गया था। डिप्टी CM खुद उनके घर भी मिलने पहुंचे थे। इसके अलावा, जब डिप्टी CM ने स्वास्थ्य विभाग का 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड पेश किया था। उस दौरान उनके ठीक बगल में ACS अमित मोहन प्रसाद मौजूद थे। करीब 18 मिनट तक चली प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों ने एक-दूसरे से कोई बातचीत नहीं की थी।
डिप्टी CM के पास आ रही थीं शिकायतें
ब्रजेश पाठक ने ACS को लिखे पत्र में उनसे पूछा था कि डॉक्टरों के ट्रांसफर तो कर दिए गए हैं। मगर, कई अस्पतालों में उनकी तैनाती जगह पर कोई डॉक्टर पहुंचा नहीं है। इसके अलावा भी तमाम तरह की शिकायतें रहीं।