VIP कल्चर बना बांके बिहारी हादसे की वजह ..?
प्रत्यक्षदर्शी बोले-अफसरों के लिए खाली करा दी थी बालकनी, सीढ़ी भी बंद कर दी थी …
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती के दौरान हुए हादसे में पुलिस-प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल खडे़ हो गए हैं। हजारों लोगों की भीड़ को कहीं पर भी रोकने के इंतजाम नहीं थे। अफसरों का ध्यान सीएम के कार्यक्रम पर था, उनके वृंदावन के जाते ही वो बेफ्रिक हो गए। सीएम के जाते ही अफसर परिवार के साथ वीआईपी दर्शन करने में व्यस्त हो गए।
कहीं पर भी नहीं रोकी गई भीड़
बांके बिहारी मंदिर की ओर जाने वाले किसी भी रास्ते पर भीड़ को रोकने के लिए कोई भी बैरिकेडिंग नहीं की गई थी। भीड़ का सैलाब मंदिर पर उमड़ पड़ा था। ऐसे में दर्शन करने के लिए भीड़ का दबाव बढ़ता गया। अंदर क्षमता से अधिक लोग प्रवेश कर गए।
वीआईपी ट्रीटमेंट में व्यस्त रही पुलिस
बांके बिहारी मंदिर सेवायत दिनेश गोस्वामी ने हादसे के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। वह कहते हैं, “जब मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को फोटो खींचना मना तो इसके बाद भी अधिकारी वीडियो बना रहे थे। उनका पूरा ध्यान अपने परिवार पर था।”
वह आगे कहते हैं कि इसके अलावा जो पुलिसकर्मी तैनात थे, वो वीआईपी लोगों को मंदिर में लाने और ले जाने में व्यस्त थे। व्यवस्था बनाने पर उनका कोई ध्यान नहीं था। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है।
हर रास्ते भीड़ से पटे हुए थे
मंदिर प्रशासन ने यह सवाल भी किया कि क्या प्रशासन को ये नहीं पता था कि जन्माष्टमी पर मंगला आरती के लिए इतनी भीड़ मंदिर में आएगी? अगर प्रशासन को इसकी जानकारी थी तो भीड़ को मंदिर प्रांगण में नियंत्रित करने के लिए क्या व्यवस्था की गई थीं? मंदिर परिसर को आने वाले हर रास्ते भीड़ से पटे हुए थे। ठाकुर जी के विशेष श्रृंगार के दौरान जब कपाट बंद थे तो अंदर श्रद्धालुओं का प्रवेश कैसे होता रहा ?
माना जा रहा है कि पुलिस-प्रशासन का पूरा ध्यान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वृंदावन और मथुरा जन्मभूमि के कार्यक्रम पर था। मुख्यमंत्री के जाने के बाद अधिकारी बेफ्रिक हो गए।
मंदिर में भीड़ को व्यवस्थित करने के बजाए अधिकारी अपने परिवार के साथ मंदिर की बालकनी में खडे़ होकर वीडियो बनाते रहे। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिस समय अधिकारी वीडियो बना रहे थे। उस समय भीड़ बेकाबू हो गई थी। इसके बाद भी अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
एडीजी बोले- जांच होगी
हादसे के बाद एडीजी आगरा जोन राजीव कृष्ण ने पुलिस-प्रशासन की लापरवाही को लेकर उठ रहे सवालों पर अपनी सफाई दी। उनका कहना है कि जन्माष्टमी पर मंगला आरती साल में एक बार होती है, ऐसे में हर कोई श्रद्धालु चाहता है कि वो मंगला आरती के दौरान अंदर रहे। ऐसे में मंदिर परिसर में भीड़ बढ़ती गई।
इसके अलावा एक निकास द्वार पर एक महिला की तबियत खराब होने के चलते उन्हें हटाने में दो-तीन मिनट लगे। इसके चलते गेट नंबर चार ब्लॉक हो गया। अधिकारियों के वीडियो बनाने और वीआईपी लोगों को एंट्री देने की बात पर उन्होंने जांच की बात कही। इसके साथ उन्होंने पूरे मामले की जांच की बात कही है।