भिंड में 3 पत्रकारों पर FIR का मामला …?

नेता प्रतिपक्ष बोले-लहार SDM ने पीड़ित को डरा धमका कर फर्जी जांच रिपोर्ट तैयार की /….

भिंड जिले के तीन पत्रकारों पर दबोह थाना में एफआईआर दर्ज की गई। पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज करने के पीछे फेक दिखाना दर्शाया गया। ये मामला इन दिनों तूल पकड़े हुए है। इस मामले में नेता प्रतिाक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह पीड़ित परिवार से मिले और उन्होंने प्रशासन की जांच रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए। वहीं, भिंड कलेक्टर व लहार एसडीएम के खिलाफ सख्त लहजे में नाराजगी व्यक्त की।

  • ये मामला है

भिंड जिले के दबोह थाना क्षेत्र स्थित मारपुरा गांव में रहने वाले बुजुर्ग ग्याप्रसाद विश्वकर्मा बीमारी से पीड़ित था। पीड़ित के परिवार के मुताबिक अस्पताल में उपचार के लिए एम्बुलेंस सेवा के लिए 108 हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके मदद लेनी चाही, परंतु कोई संपर्क नहीं हो सका था। इसके बाद पीड़ित परिवार अपने गांव से छह किलोमीटर दूर अस्पताल में उपचार के लिए हाथ ठेला पर लेटाकर बुजुर्ग ग्याप्रसाद काे उनका बेटा हरिसिंह समेत अन्य परिजन लेकर पहुंचे थे। गरीब को शासन की योजनाओं की हकीकत को प्रशासनिक व्यवस्थाओं की पोल खोलने वाली खबर मीडिया संस्थानों ने दिखाई थी। इस खबर के बाद जिला प्रशासन के अफसरों में हड़कंप मच गया। इस खबर प्रशासनिक अफसरों ने पूरे मामले की जांच कराई। इस जांच रिपोर्ट में पत्रकारों द्वारा दिखाई गई खबर को गलत ठहराया और पीड़ित परिवार को शासन की योजना में आवास, वृद्धा पेंशन समेत दूसरे लाभ दिए जाना दर्शाया। इसके बाद जिला प्रशासन ने फेंक न्यूज प्रकाशित करने वाले दबोह कस्बे का एक व जिला मुख्यालय के दो (दैनिक भास्कर को छोड़कर) पत्रकारों के खिलाफ दबोह थाना में एफआईआर दर्ज कराई।

पीड़ितों को नेता प्रतिपक्ष ने आर्थिक सहायता दी

इस खबर के बाद भिंड जिले के पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज कराई गई। ये खबर के नेता प्रतिपक्ष डॉ गाेविंद सिंह ने मारपुरा गांव के पीड़ित परिवार को बुलाया और पूरे मामले के बारे में पूछा। पीड़ित परिवार ने प्रशासनिक अफसरों द्वारा की जाने वाली जांच की हकीकत बयां की। पीड़ित परिवार द्वारा बतायागया कि उसके पास रहने और रोजगार की समुचित व्यवस्था नहीं है। कच्चे मकान में रहता है। शासन की ओर से आवास के लिए आवेदन किया था। उसके खाते में पहली किश्त की राशि पिछले दिनों आई है उस राशि को बीमारी के चलते बैंक खाते से सदुउपयोग नहीं कर सका। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने गरीब परिवार को आर्थिक सहायता के तौर पर दस हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी।

शासन-प्रशासन पर गरजे नेता प्रतिपक्ष

इस मामले में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने प्रदेश सरकार व स्थानीय प्रशासन के अफसरों को आड़े हाथों लिया। उन्हाेंने भिंड कलेक्टर डाॅ सतीश कुमार एस व लहार एसडीएम आरए प्रजापति के खिलाफ खुलकर नाराजगी व्यक्त की। नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुख्य मंंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों भोपाल में एक हजार एम्बुलेंस का शुभारंभ किया था। और दाबा किया था कि ये एम्बुलेंस हर गरीब के उपचार में मददगार साबित होंगी। आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराएंगी। जबकि भिंड के दबोह कस्बे मारपुरा गांव में हरिसिंह विश्वकर्मा ने अपने पिता को उपचार के लिए 108 पर फोन किया। फोन बंद मिलता है। ये हकीकत जब भिंड की पत्रकारों द्वारा खबर के माध्यम से दिखाते है तो उन पर 420 की धाराओं के मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि गरीब परिवार को डरा धमकाकर लहार एसडीएम समेत दूसरे अफसरों गलत रिपोर्ट तैयार की है। इस बात की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। क्योंकि भिंड प्रशासन ने पत्रकारों को नीचा दिखाने का काम किया है।

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