3 फेज में पूरी करें अपनी GK की तैयारी … ?

जनरल नॉलेज और करंट अफेयर्स के लिए वो टिप्स जो हमेशा काम आएंगे …
3 फेज में पूरी करें अपनी GK की तैयारी:जनरल नॉलेज और करंट अफेयर्स के लिए वो टिप्स जो हमेशा काम आएंगे

जो सीमित है, वही अनंत है
ज्ञान की पिपासा ही कर देती है
अनंत को सीमित, और सीमित को अनंत

इंडिया के काफी कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स जैसे UPSC, SSC, रेलवे, बैंक, मैनेजमेंट एंट्रेंस (CAT, XAT, CMAT) में जनरल नॉलेज (सामान्य ज्ञान) का सेक्शन होता है। कुछ एग्जाम्स में यह रिटन टेस्ट में उतना उपयोगी ना होकर, बाद वाले ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू राउंड के लिए उपयोगी होता है। लेकिन पढ़ाई हो, एग्जाम हो या नौकरी, जनरल नॉलेज हर जगह यूजफुल होता ही है।

एक बड़ी रेंज होती है जनरल नॉलेज में

हमारे शरीर से लेकर सोसाइटी, कल्चर, सिविलाइजेशन, कम्युनिटी, पर्यावरण, विज्ञान, देश और देश-समूहों के बारे में हमारी अवेयरनेस ही जनरल नॉलेज है। कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स के लिए जनरल नॉलेज में टाइम और एफर्ट दोनों लगता है। केवल दो-तीन महीने में नहीं किया जा सकता। ये भी है कि अच्छा जनरल नॉलेज पर्सनल ग्रोथ और एक अच्छा सिटीजन बनने में मदद करता है।

दो प्रकार का जनरल नॉलेज

मोटे तौर पर जनरल नॉलेज को दो भागों में बांटा जा सकता है –

(1) पहला स्टैटिक जनरल नॉलेज और दूसरा (2) डायनेमिक जनरल नॉलेज।

स्टैटिक GK: स्टैटिक GK में स्कूलों में कक्षा 10 तक पढ़ाए जाने वाले सभी विषय जैसे, भूगोल, इतिहास, नागरिक शास्त्र, अर्थशास्त्र, सामान्य विज्ञान, पर्यावरण इत्यादि सभी कुछ शामिल होता है। यह लगभग हर परीक्षा के लिए सामान्य जागरूकता का एक अनिवार्य हिस्सा है।

डायनेमिक GK: डायनेमिक जनरल नॉलेज को करंट अफेयर्स भी कहा जाता है। इसे विभिन्न क्षेत्रों जैसे, इकोनॉमी, पॉलिटी एंड गवर्नेंस, डिफेन्स, एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजी, सोशल, इंटरनेशनल अफेयर्स, गवर्नमेंट स्कीम्स, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, आर्ट्स एंड कल्चर, स्पोर्ट्स इत्यादि में बांटा जा सकता है।

किसी भी रेस (दौड़) की तरह, जनरल नॉलेज की तैयारी भी तीन फेज में की जा सकती है – स्टार्ट – रन – फिनिश

1) फेज 1: स्टार्ट – जनरल नॉलेज पढ़ने से पहले की जाने वाली तैयारी

ये बात पूरी सच नहीं है कि एग्जाम्स में कहीं से भी प्रश्न पूछे जा सकते हैं। वास्तविकता यह है कि हर एग्जाम की पहले से तय रेंज और पैटर्न होता है। तो एमबीए एंट्रेंस टेस्ट में अधिकतर प्रश्न बैंकिंग, इकोनॉमिक्स, इंडियन और वर्ल्ड इकोनॉमी, बिजनेस इत्यादि क्षेत्रों से होते हैं।

फेज 1 की स्ट्रेटेजी – FARRATE (फर्राटे) अर्थात Focus, Analysis, Resources, Time-table

विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी काम को पूरा करने में सबसे अहम रोल टाइम मैनेजमेंट का है।
विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी काम को पूरा करने में सबसे अहम रोल टाइम मैनेजमेंट का है।

फोकस – कॉम्पिटिटिव एग्जाम के लिए GK की तैयारी करते वक्त उसी एग्जाम पर फोकस करें जिसकी आप तैयारी कर रहे हैं।

एनालिसिस- इंटरनेट पर उपलब्ध सोर्सेस से उस एग्जाम के पिछले सालों के एनालिसिस और पेपर्स देखें।

रिसोर्सेज – उसके बाद, इन एरियाज और टॉपिक्स को तैयार करने के लिए स्टडी मटेरियल जैसे की-बुक्स, टाइप्ड नोट्स, पीडीएफ, वीडियो आदि जो भी आपको आवश्यक लगे, उसका इंतजाम करें।

टाइम-टेबल – फिर इस जुटाए गए स्टडी मटेरियल को पूरी तरह से पढ़ने का प्लान मतलब टाइम टेबल बनाएं। शेड्यूल प्रैक्टिकल बनाएं, मतलब ऐसा जिसे आप रोज कर पाएं।

2) फेज 2: रन – जनरल नॉलेज की पढ़ाई – CRAWWL – Curious, Read, Watch, Write और Listen अप्रोच

अखबार पढ़ना करंट अफेयर्स का ज्ञान तो बढ़ाता ही है, रीडिंग हैबिट भी डेवलप करता है।
अखबार पढ़ना करंट अफेयर्स का ज्ञान तो बढ़ाता ही है, रीडिंग हैबिट भी डेवलप करता है।

CURIOUS (जिज्ञासु) बनें – अपने आस-पास के माहौल के प्रति जिज्ञासु प्रवृत्ति आपके लिए जनरल नॉलेज की पढ़ाई आसान बना सकती है। हमारी डेली लाइफ में कितने ही प्रश्न हमारे दिमाग में आते हैं लेकिन हम उनका उत्तर ढूंढने के बजाय उन प्रश्नों को इग्नोर कर देते है। ऊंची इमारतों में चढ़ने के लिए हम लिफ्ट का सहारा लेते हैं, लिफ्ट का इन्वेंशन किसने किया? (लिफ्ट के इन्वेंटर एलिशा ग्रेव्स ओटिस है उनके नाम से इस क्षेत्र की एक लीडिंग कम्पनी भी है)

READ अर्थात पढ़ें – एक या दो इंग्लिश और एक हिंदी या क्षेत्रीय भाषा का न्यूज पेपर रोजाना पढ़ने की आदत बनाएं। न्यूज पेपर में क्या पढ़ना है यह भी इम्पोर्टेन्ट है, एडिटोरियल अर्थात सम्पादकीय, इंटरनेशनल, नेशनल, न्यूज जरूर पढ़ें। आप ई-पेपर का सब्स्क्रिप्शन लेकर भी कर सकते हैं।

WATCH अर्थात देखें – गुणवत्तापूर्ण समाचार, डॉक्यूमेंट्री, यू-ट्यूब पर उपलब्ध विभिन्न रेपुटेड वीडियोज जैसे TED Talks, परीक्षा के एक्सपर्ट्स द्वारा डाले गए वीडियोज देखें। उदाहरण के लिए-डीडी न्यूज, डिस्कवरी, हिस्ट्री चैनल इत्यादि। सच्ची घटनाओं, आत्मकथाओं पर आधारित फिल्में देखें। विभिन्न खेल भी देखे जा सकते हैं।

WRITE अर्थात लिखें – पढ़ी, देखी और सुनी गई सभी चीजों के प्रिसाइस, क्रिएटिव नोट्स लिखे जा सकते हैं। कई परीक्षाओं में निबंध लिखने के लिए आते हैं।खुद लिखी हुई चीजों को याद रखना आसान हो जाता है। निमोनिक्स और विजुअलाइजेशन/चित्र भी मदद कर सकते हैं।

LISTEN अर्थात सुनें – जनरल नॉलेज बढ़ाने के लिए सुनना, समय बचाते हुए नॉलेज प्राप्त करने का एक बढ़िया तरीका हो सकता है, क्योंकि आप इसे कुछ और मेकेनिकल काम जैसे, एक्सरसाइज, कुकिंग, ट्रेवलिंग, टाइपिंग इत्यादि के साथ भी कर सकते हैं। आप किसी भी चैनल, यू-ट्यूब या रेडियो से न्यूज, पॉडकास्ट सुन सकते हैं, फ्री उपलब्ध ऑडियोबुक्स सुन सकते हैं।

3) फेज 3: फिनिश – अर्थात फाइनल टच

यह फेज परीक्षा से एक-डेढ़ महीने पहले शुरू होता है। इस दौरान अपने नोट्स का रिविजन करें, मॉक टेस्ट अधिक मात्रा में दे, उनकी एनालिसिस करें। परीक्षा से एक या दो दिन पहले, कुछ भी न पढ़ें, बस आराम करें और महीनों की कड़ी मेहनत को अंजाम दें।

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