बच्चों से ज्यादती के मामले में मप्र फिर नं. 1
एनसीआरबी का डाटा:बच्चों से ज्यादती के मामले में मप्र फिर नं. 1, प्रदेश में हर तीन घंटे में एक बच्ची से हो रहा दुष्कर्म
यानी हर तीन घंटे में एक बच्ची से दुष्कर्म हुआ। साल 2020 में भी यही स्थिति थी। तब 5598 दुष्कर्म के केस रजिस्टर हुए थे, इनमें 3259 नाबालिग बच्चियों के थे। तब भी मप्र देश में नंबर वन था। वहीं, दिल्ली देश में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर है। यहां 2020 में महिलाओं के खिलाफ 9,782 अपराध दर्ज किए गए थे, जो 2021 में 40% बढ़कर 13,892 हो गए। दिल्ली में 2021 में हर दिन दो नाबालिग लड़कियां दुष्कर्म का शिकार बनीं।
प्रति दस लाख पर 120 आत्महत्या
2020 की तुलना में देश में आत्महत्या के मामले 7.2 % तक बढ़े हैं। आत्महत्या के 1.64 लाख मामले दर्ज किए गए। 2020 में ये 1.53 लाख थे। 2021 में प्रति 10 लाख व्यक्तियों में देश में 120 लोगों ने आत्महत्या की। ये आत्महत्या का रिकॉर्ड स्तर है। ये 1967 के बाद सबसे ज्यादा है।
आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले
- महाराष्ट्र 22,207
- तमिलनाडु 18,925
- मध्य प्रदेश 13,500
- प. बंगाल 13,056
दलितों, ट्राइबल के खिलाफ अत्याचार में भी अव्वल
प्रदेश ट्राइबल व दलितों के खिलाफ अत्याचार में भी टॉप पर है। 2021 में यहां एससी/एसटी एक्ट के तहत 2627 मामले दर्ज हुए। यह 2020 की तुलना में करीब 9.38% ज्यादा हैं। 2020 में 2401 मामले आए थे। दलितों से अत्याचार के कुल 7214 मामले दर्ज हुए।
महिलाओं के खिलाफ अपराध

देश में गंभीर अपराध 20 फीसदी तक बढ़ गए
देश में गंभीर अपराध 20% तक बढ़ गए हैं। 2021 में 36.63 लाख आपराधिक केस दर्ज हुए। इस दौरान अपराध दर 368 अपराध प्रति एक लाख व्यक्ति रही। हालांकि 2020 में 42.54 लाख केस दर्ज हुए थे।