मास्टर प्लान 2035…:1000 के प्लॉट पर 2500 की जगह 1250 वर्गफीट ही किया जा सकेगा निर्माण
2035 तक ग्वालियर के विकास की दिशा तय करने वाले प्रस्तावित मास्टर प्लान में संशोधन करके सरकार लोगों को झटका देने की तैयारी कर रही है। निर्माण क्षेत्र के एफएआर (फ्लोर एरिया रेश्यो) को मास्टर प्लान के प्रारूप में आवासीय एवं व्यवसायिक दोनों निर्माण कार्यों में 2.5 गुना फ्री देने का प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन राज्य शासन इस पर सहमत नहीं है और इसे आवासीय में 1.25 तथा व्यवसायिक निर्माण में 1.50 गुना तक करना चाहता है।
इससे ज्यादा एफएआर के लिए निर्धारित राशि चुकानी होगी। नोटिफिकेशन में प्रस्तावित अन्य संशोधनों के संबंध में उपसचिव शुभाशीष बैनर्जी ने 2 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी कर 30 दिन में दावे-आपत्ति मांगे हैं। दावे-आपत्ति 1 अक्टूबर तक दिए जा सकेंगे।
प्रारूप में ये संशोधन करना चाहती है सरकार
प्रारूप
- 24 मीटर चौड़ी सड़क पर व्यवसायिक कार्यों की गतिविधि के लिए अनुमति।
- मास्टर प्लान में शामिल मिश्रित भूमि का उपयोग परिवर्तन, परिवर्तन शुल्क, पार्किंग प्रीमियम राशि स्थानीय निकाय में जमा कराया जाएगा। ये प्रावधान अस्पताल के लिए रखा गया था।
संशोधन प्रस्ताव
- व्यवसायिक कार्यों की गतिविधि के लिए 18 मीटर चौड़ी सड़क का ही प्रावधान रखा जाए।
- इसे सिर्फ अस्पताल तक सीमित न रखते हुए सभी के लिए लागू करने का प्रस्ताव रखा गया है।
जानें… क्या है एफएआर का गणित
मास्टर प्लान 2035 में 2.5 गुना एफएआर प्रस्तावित किया गया है। जिसका मतलब है कि 1000 वर्गफीट के प्लॉट पर 2500 वर्गफीट निर्माण हो सकता है। यदि एफएआर 1.5 है तो 1500 और 1.25 है तो निर्माण 1250 वर्गफीट निर्माण किया जा सकेगा। इस एरिया माप में कॉरिडोर, बालकनी और सीढ़ियां शामिल नहीं होती हैं। सामान्यतौर पर प्लॉट के कुल क्षेत्रफल का 60 से 70% पर ही निर्माण की अनुमति दी जाती है।