वोटर ID आधार लिंक में राजधानी फिसड्‌डी:

भोपाल में 500 BLO फिल्ड में नहीं उतरे, नतीजा-48% ही हो सका; इंदौर, ग्वालियर-जबलपुर भी रेड जोन में …

मध्यप्रदेश के चार बड़े शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर वोटर आईडी लिंक करने में पिछड़ गए हैं। भोपाल तो सबसे फिसड्‌डी है। यहां पर 47.79% वोटर आईडी ही आधार से लिंक हो सके हैं। इस कारण अब 500 से ज्यादा BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। ये बीएलओ फिल्ड में ही नहीं उतरे। इस कारण आधार लिंक का आंकड़ा 50% के पार भी नहीं पहुंच सका है।

मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग ने जिलों की डिस्ट्रिक वाइज परफॉरमेंस रिपोर्ट जारी की है। इसमें बड़े शहरों के नतीजे काफी बुरे हैं, जबकि बुरहानपुर जिला अव्वल रहा। यहां पर सौ प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। दूसरे नंबर पर डिंडोरी, तीसरे पर निवाड़ी और चौथे पर झाबुआ जिला रहा। आगर-मालवा, रायसेन, शाजापुर, अलीराजपुर अशोकनगर जैसे छोटे जिलों का परफॉरमेंस बेहतर रहा। यहां पर आधार लिंक का आंकड़ा 80% के पार ही है।

डुप्लीकेसी रोकने के लिए हो रहा काम
वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने का काम 1 अगस्त से चल रहा है। वोटरों की पहचान करने और वोटर लिस्ट में डुप्लीकेसी रोकने के लिए वोटर आईडी को आधार से लिंक किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में यह काम जोरों पर चला, जबकि कुछ जिलों में काम की रफ्तार काफी धीमी रही। इस कारण बड़े जिले फिसड‌्डी हो गए हैं। खासकर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर निचले पायदान पर आ गए।

 

बुरहानपुर सबसे टॉप पर
प्रदेश में बुरहानपुर जिला सबसे टॉप पर है। यहां पर आधार लिंक का काम 100% पूरा हो गया है। डिंडोरी दूसरे, निवाड़ी तीसरे, झाबुआ चौथे और सिवनी पांचवें स्थान पर रहा। इन जिलों में 93 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है।

सबसे नीचे के पांच जिलों में गुना-भिंड भी
अब बात करते हैं सबसे नीचे के पांच जिलों की। इनमें भोपाल पहले नंबर पर है। यहां पर 47.79% काम हुआ है। दूसरे नंबर पर ग्वालियर रहा। जहां 51.80% वोटर आईडी ही आधार से लिंक हुए। इंदौर तीसरे, गुना चौथे और भिंड पांचवें स्थान पर रहा। जबलपुर जिला 42वें स्थान पर है।

भोपाल में 500 बीएलओ नहीं कर रहे काम, कार्यालय प्रमुखों को भी लिखे लैटर
भोपाल में इस काम में 2013 बीएलओ को ड्यूटी पर लगाया था। उसमें से 1500 फिल्ड पर काम कर रहे हैं। जिनकी बदौलत 47.79% काम हो सका। बाकी काम नहीं कर रहे हैं। या तो वे आए नहीं या फिर विभाग से रिलीव नहीं किया गया। इसके चलते अब 500 से ज्यादा बीएलओ पर निलंबन की तलवार लटकी हुई है। उन्हें जिला निर्वाचन विभाग से नोटिस जारी किए गए हैं। वहीं, देखने में ये भी आया है कि कार्यालय प्रमुख ही उन्हें रिलीव नहीं कर रहे हैं, जबकि कलेक्टर अविनाश लवानिया बीएलओ की ड्यूटी लगा चुके हैं।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने बताया, वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का काम डेढ़ महीने से चल रहा है। इसमें भोपाल का प्रतिशत सबसे नीचे चल रहा है। यह प्रोग्रेस अच्छी नहीं है। करीब 500 बीएलओ को नोटिस दिए हैं। उनके कार्यालय प्रमुखों को भी लैटर लिखे हैं कि वे बीएलओ को रिलीव कर दें। इस बात से राज्य निर्वाचन आयोग को भी अवगत करा रहे हैं।

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