आपकी नाक के नीचे PFI का नेटवर्क कैसे खड़ा हो गया, जवाब दे सरकार- मौलाना नियाज फारुकी
मौलाना नियाज फारुकी ने कहा कि जिन सबूतों के आधार पर यह एजेंसियां पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं, उन्हें सामने लाना चाहिए. देश में एक माहौल बन गया है कि मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है.
राजधानी दिल्ली में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय सचिव मौलाना नियाज फारुकी ने सद्भावना संसद पर कहा कि देश में शांति, अमन, भाईचारा और एकता कायम करने के मकसद से जमीयत-उलमा-ए-हिंद सद्भावना संसद का आयोजन कर रही है. इसमें सभी धर्मों के बुद्धिजीवियों, धर्मगुरुओं और समाजसेवियों को बुलाया गया है, ताकि यहां से सामाजिक ताने-बाने को बचाने का एक मजबूत संदेश दिया जा सके.
पूरे देश में PFI का नेटवर्क कैसे खड़ा हो गया?
वहीं पीएफआई पर मौलाना नियाज फारुकी ने कहा कि जिन सबूतों के आधार पर यह एजेंसियां पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं, उन्हें सामने लाना चाहिए. देश में एक माहौल बन गया है कि मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है. इस पूरी कार्रवाई में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है. आप कह रहे हैं कि पूरे देश में पीएफआई का नेटवर्क खड़ा हो गया है तो आपके नाक के नीचे यह नेटवर्क कैसे खड़ा हो गया? पीएफआई 10 सालों के भीतर इतना कैसे तरक्की कर गया? ये जवाबदेही तो सरकार की भी है. अब तक पीएफआई के मामले में जो तथ्य सामने आए हैं, उसे जस्टिफाई नहीं किया जा सकता.
कन्हैया लाल के मामले की हमने निंदा की
मौलाना नियाज फारुकी ने कहा कि अगर हिजाब के खिलाफ आंदोलन के पीछे पीएफआई का हाथ था तो इसमें टेररिज्म कहां से आ गया? मैं मानता हूं कि हिजाब के खिलाफ उन्होंने किया तो इसका मतलब पूरे मुल्क में आप उनको बैन कर देंगे. हिजाब के खिलाफ तो मैं भी खड़ा हूं, क्या आप मुझे भी बंद कर देंगे? कन्हैया लाल के मामले में जो भी हुआ मुस्लिम समाज ने भी और पीएफआई ने भी उसकी निंदा की, क्या एजेंसियों ने कोई लिंक साबित किया कि कन्हैया लाल की हत्या का संबंध पीएफआई से जुड़े लोगों का है?
मौलाना नियाज फारुकी ने कहा कि ऐसे मामले में एक्विटल रेट 95 प्रतिशत है. 20 साल सजा देने के बाद आप कहते हैं कि यह तो बेकसूर है. ऐसे में एजेंसी पर कैसे भरोसा करूं? अगर कहीं भी टेररिज्म का कोई लिंक है तो उसके खिलाफ जमीयत का जीरो टॉलरेंस है, चाहे वह पीएफआई ही क्यों न हो? आतंकवाद के मुद्दे पर हम देश के साथ हैं, लेकिन इस मामले में हो रही राजनीति के हम खिलाफ हैं.