भोपाल पुलिस कमिश्नरेट में एक्सीडेंट में मौत का ग्राफ प्रदेश में सबसे ज्यादा..!

मौत का ग्राफ:भोपाल पुलिस कमिश्नरेट में एक्सीडेंट में मौत का ग्राफ प्रदेश में सबसे ज्यादा, 76% ज्यादा जानें गईं
  • सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने सड़क हादसे व इनमें होने वाली मौत का ग्राफ कम करने के निर्देश सभी राज्यों को दिए
  • हर जिले की पुलिस को 8 कैटेगरी में चालानी कार्रवाई बढ़ानी है

राजधानी में बढ़ रहे सड़क हादसों और उनमें होने वाली मौत को रोक पाने में कमिश्नरेट की ट्रैफिक पुलिस नाकाम साबित हो रही है। हालात ये हैं कि यहां सड़क हादसों में होने वाली मौत में मप्र में सबसे ज्यादा 76% का इजाफा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने सड़क हादसे व इनमें होने वाली मौत का ग्राफ कम करने के निर्देश सभी राज्यों को दिए हैं।

इसके तहत हर जिले की पुलिस को 8 कैटेगरी में चालानी कार्रवाई बढ़ानी है। इनमें हेलमेट, सीट बेल्ट, ओवर स्पीडिंग, ओवर लोडिंग, शराब पीकर वाहन चलाना, ट्रिपल राइडिंग, फोन पर बात करते वाहन चलाना, रेड लाइट जंप करना शामिल हैं। 9 दिसंबर 2021 को भोपाल में लागू हुई पुलिस कमिश्नर प्रणाली को मजबूत बनाने के मकसद से ट्रैफिक पुलिस में भी बल बढ़ाया गया। इन सभी कैटेगरी में सबसे ज्यादा कार्रवाई भी की गई। इसके बाद भी वर्ष 2022 के शुरुआती 6 महीने में 97 लोगों की जान चली गई। जो 2021 के मुकाबले 42 मौत ज्यादा हैं। यह डेटा पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीटीआरआई) ने तैयार किया है।

सड़क हादसों की 5 बड़ी वजह- सबसे ज्यादा 15 जानें मिसरोद थाना क्षेत्र में गईं

1. इंफास्ट्रक्चर

राजधानी में मेट्रो, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम व अन्य निजी एजेंसियों के 30 से ज्यादा प्रोजेक्ट चल रहे हैं। हालात ये हैं कि सड़कों पर चलने की कम जगह बचती है और लोग हादसे का शिकार होते हैं।

2. इजाजत

जिला प्रशासन से लोकहित की आड़ में सैकड़ों ऐसे भारी वाहनों को भी नो एंट्री में चलने की इजाजत मिली है, जो नो एंट्री खुलने पर भी अपने काम कर सकते हैं। इनमें ट्राले, डंपर, क्रेन, जेसीबी और ट्रक शामिल हैं।

3. तेज रफ्तार

शहर में रफ्तार पर लगाम के लिए लगाए गए स्पीड बंप को ज्यादा ऊंचाई का होने के कारण निकाल दिया गया। इसके बाद कम ऊंचाई के स्पीड बंप भी नहीं लगे, जिससे ओवरस्पीडिंग बढ़ गई है।

4. आरटीओ

भोपाल ट्रैफिक पुलिस ने 140 लोगों के लाइसेंस निरस्त करने के लिए भोपाल आरटीओ से सिफारिश की। इसके बाद भी आरटीओ ने अब तक एक भी लाइसेंस निरस्त नहीं किया है।

5. बीआरटीएस

भोपाल में सबसे ज्यादा 117 सड़क हादसे मिसरोद थाना क्षेत्र में हुए, इनमें 15 लोगों की जान गई। इनमें भी ज्यादातर हादसे बीआरटी कॉरिडोर या इसके कारण सड़क पर बची कम जगह के कारण हुए।

केयरलेस हुए लोग
पीटीआरआई ने प्रदेश के सभी जिलों में हुए एक्सीडेंट का डेटा तैयार किया है। लोग भी केयरलेस हो गए हैं। इन जिलों में मौत का ग्राफ बढ़ने की एक बड़ी वजह रफ्तार भी सामने आई है। अब इन सभी जिलों में हादसों को कम करने की प्लानिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।
-जी जनार्दन, एडीजी ट्रैफिक

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