MPPSC की आयुर्वेद मेडिकल अधिकारी परीक्षा में गड़बड़ी..!

बिना सीसीटीवी वाले कॉलेज को सेंटर बनाया; प्रश्न पत्र क्रमांक पर व्हाइटनर लगा मिला; अभ्यर्थी थाने पहुंचे ..

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी एवं होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी की रविवार को आयोजित परीक्षा-2021 में गड़बड़ी का आरोप लगा है। यहां कुछ प्रश्न पत्र के क्रमांक पर व्हाइटनर लगा मिला। इतना ही नहीं सेंटर पर सीसीटीवी कैमरे भी नहीं थे। अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत सेंटर प्रभारी से की, लेकिन उनकी शिकायत नहीं ली गई। सोमवार को ग्वालियर में कुछ अभ्यर्थियों ने पुलिस से शिकायत की।

शिकायतकर्ता डॉक्टर प्रशांत शर्मा ने बताया कि 692 पदों के लिए रविवार को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें 4 हजार 999 अभ्यार्थियों में से 4 हजार 300 ने परीक्षा दी थी। उन्होंने और उनकी पत्नी ने भी परीक्षा दी है। पत्नी का सेंटर ग्वालियर के पदमा कॉलेज में था। वहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं थे। इतना ही नहीं सेट ए के पेपर के प्रश्न पत्र क्रमांक पर व्हाइटनर लगा था। परीक्षाथियों ने इसकी शिकायत सेंटर प्रभारी से की, लेकिन उन्होंने शिकायत नहीं ली।

शर्मा का कहना है कि उनके पास इंदौर और जबलपुर से भी इसी तरह की गड़बड़ी होने के संबंध में कुछ अभ्यर्थियों ने संपर्क किया है। इस तरह के 10 प्रश्न पत्र तो मेरे पास ही हैं। उन्होंने कहा- यह पूरी तरह से गड़बड़ी की ओर इशारा करता है।

इसी तरह के 10 प्रश्न पत्र में व्हाइटनर लगा मिला।
इसी तरह के 10 प्रश्न पत्र में व्हाइटनर लगा मिला।

7 साल बाद परीक्षा हुई

प्रशांत ने बताया कि लोक सेवा आयोग द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी की परीक्षा का आयोजन 7 से 8 साल बाद किया गया है। आयुर्वेद चिकित्सक वर्षों से इसका इंतजार कर रहे थे। इस परीक्षा में पहले से संविदाकर्मियों को 67.5 का बोनस मार्क देकर अन्याय किया गया। रविवार को हुई परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों ने खाली आंसर शीट जमा की।

भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में परीक्षा हुई

आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के लिए परीक्षा केंद्र इंदौर भोपाल जबलपुर एवं ग्वालियर परीक्षा 25 सितंबर 2022 दिन रविवार समय दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक हुई। होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी के लिए परीक्षा केंद्र इंदौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर परीक्षा 25 सितंबर 2022 दिन रविवार समय दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक। यूनानी चिकित्सा अधिकारी के लिए परीक्षा केंद्र इंदौर एवं भोपाल में परीक्षा 25 सितंबर 2022 दिन रविवार समय दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक आयोजित की गई।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी उठा चुके हैं सवाल

लोक सेवा आयोग प्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी द्वितीय श्रेणी के 692 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया संचालित कर रहा है। मध्यप्रदेश में लगभग 15 हजार डिग्री धारी आयुर्वेदिक डॉक्टर बेरोजगार हैं। इनका कहना है कि MPPSC द्वारा बनाई गई चयन प्रक्रिया न्याय संगत नहीं है। इसको लेकर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री से चयन प्रक्रिया को न्याय संगत बनाएं जाने की मांग की थी। यह बात कमलनाथ ने 12 सितंबर को कही थी।

पहले से ही विरोध हो रहा

  • अभ्यर्थियों का कहना है कि आयुष विभाग द्वारा मध्यप्रदेश आयुष विभाग सेवा भर्ती नियम 2013 में संशोधन किया गया। इस कारण आयुष चिकित्सक के पद पर कार्यरत अथवा पूर्व में कार्यरत रहे संविदा आयुष चिकित्सकों को भर्ती की लिखित परीक्षा में निर्धारित पूर्णांकों के 3 प्रतिशत अंक प्रतिवर्ष के मान से अधिकतम 5 वर्ष के लिए 15 प्रतिशत बोनस अंक दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
  • डॉक्टरों का कहना है कि मूल भर्ती नियमों में ऐसा प्रावधान नहीं किया गया था। शासन द्वारा वर्ष 2018 में नियमों में संशोधन कर संविदा चिकित्सकों को बोनस अंक का लाभ मात्र एक बार देने का निर्णय लिया गया था, जिसे 2021 में संशोधन के साथ पुनः लागू किया गया है।
  • वर्ष 2015 में लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आयुष चिकित्सा अधिकारी की परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्तकर्ता एवं कट ऑफ अंक प्राप्तकर्ता के मध्य अंकों का अंतर 67.5 अंकों से अत्यधिक कम रहा है और इस तरह की स्थिति प्रचलित परीक्षा में निर्मित होने पर नवीन अभ्यर्थियों के चयन की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी। इस विषय में माननीय उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाएं भी विचाराधीन है।
  • बेरोजगार चिकित्सकों का कहना है कि संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/ कर्मचारियों को अवसर प्रदान करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र 5 जून, 2018 में जारी निर्देशानुसार लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाने वाले श्रेणी-1, 2 के चिन्हित पदों पर संविदा सेवकों को नियमित भर्ती में अवसर देने के लिए कार्यरत अवधि अनुसार अधिकतम 55 वर्ष तक की आयु सीमा में छूट का लाभ प्रदान किए जाने के निर्देश हैं, अन्य कोई नहीं।

परीक्षार्थियों के लिए निर्देश

  • परीक्षा शुरू होने के तुरंत बाद, आप इस प्रश्न-पुस्तिका की पड़ताल अवश्य कर लें, कि इसमें कोई बिना छपा, फटा या छूटा हुआ पृष्ठ अथवा प्रश्नांश, आदि न हो। यदि ऐसा है, तो तत्काल संपर्क कर प्रश्न-पुस्तिका बदल लेवें।
  • वह प्रश्न पुस्तिका सम्मिलित रूप से दो खंडों में विभाजित है। खंड – ‘अ’ तथा खंड – ‘व’।
  • खंड- ‘अ’ सामान्य अध्ययन से संबंधित है, जिसमें कुल 50 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न हिन्दी तथा अंग्रेजी भाषा में हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य है।
  • खंड व संबंधित आयुर्वेद चिकित्सा विषय से है, जिसमें कुल 100 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न केवल हिन्दी भाषा में हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • सभी प्रश्नों के अंक समान हैं। प्रत्येक सही उत्तर के लिए 3 अंक प्रदान किए जाएंगे। ऋणात्मक मूल्यांकन का प्रावधान है। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1 अंक काटा जाएगा।
  • प्रदत्त उत्तर-पत्र (ओ.एम. आर. शीट) पर दिए गए निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा अपने उत्तर अंकित करें।
  • कृपया उत्तर-पत्र (ओ.एम.आर. शीट) पर निर्धारित स्थानों पर मांगी गई जानकारी भरें, अन्यत्र स्थानों पर नहीं।
  • परीक्षार्थी सभी रफ कार्य प्रश्न-पुस्तिका के अंतिम पृष्ठों पर निर्धारित स्थान पर ही करें, अन्यत्र कहीं नहीं तथा उत्तर-पत्र (ओ.एम.आर. शीट) पर भी नहीं।
  • यदि खंड ‘अ’ के किसी प्रश्न में किसी प्रकार की कोई मुद्रण या तथ्यात्मक प्रकार की त्रुटि हो, तो प्रश्न के हिन्दी तथा अंग्रेजी रूपांतरों में से हिन्दी रूपांतर को मानक माना जाएगा।

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