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ग्वालियर में यशोदा रेजीडेंसी मामले में ईओडब्ल्यू सक्रिय, तीन सरकारी एजेंसियों सहित सात पार्टनरों को नोटिस

यशोदा गृह निर्माण सहकारी संस्था के संचालक मंडल में शामिल अमित सिंह यादव, मोहित यादव, सरला यादव, बुद्धिमती यादव, सुमन यादव, वरुण यादव और उपाध्यक्ष मुकेश तिवारी को नोटिस जारी कर बयान दर्ज कराने के लिए कहा है।

ग्वालियर,..  शहर की पाश टाउनशिप यशोदा रेजीडेंसी अब पूरी तरह से अवैध घोषित हो चुकी है। नगर निगम, टीएंडसीपी, सहकारिता विभाग के अफसरों की मिलीभगत से इस टाउनशिप के निर्माण में मनमानी की गई। निगम के अधिकारियों ने आंखें बंद कर अवैध निर्माण को बढ़ावा दिया, वहीं सहकारिता विभाग ने भी समिति के सदस्यों की वरिष्ठता न देखते हुए मनमर्जी से भूखंड आवंटन होने दिया। अब इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच के लिए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) भी सक्रिय हुई है। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में नगर निगम, टीएंडसीपी और सहकारिता विभाग के साथ ही टाउनशिप का निर्माण करने वाले सात पार्टनरों को नोटिस जारी कर बयान के लिए बुलाया है। आगामी 30 सितंबर को इनके बयान दर्ज किए जाएंगे।

यशोदा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित द्वारा नगर निगम, टीएंडसीपी और सहकारिता विभाग से सांठ-गांठ करने के बाद टाउनशिप के 300 निवासियों के साथ धोखाधड़ी एवं सरकारी राजस्व को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने के मामलों में भोपाल स्थित ईओडब्ल्यू मुख्यालय में 500 पेज के दस्तावेजों के साथ शिकायत की गई थी। यह शिकायत टाउनशिप में रहने वाले लोगों ने की थी, जिसके आधार पर गत जनवरी 2022 में ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज कर लिया था। गत मार्च माह में ईओडब्ल्यू के जांच अधिकारी ने टाउनशिप में निवास करने वाले बीसी मिश्रा, शिवशंकर वर्मा एवं नितिन कुलकर्णी के बयान दर्ज कर लिए थे। इसके बाद सहकारिता विभाग, टीएंडसीपी और नगर निगम से दस्तावेज मांगे गए थे, लेकिन तीनों ही एजेंसियों ने कोई दस्तावेज जांच के लिए ईओडब्ल्यू के सामने प्रस्तुत नहीं किए। गत दो सितंबर को नगर निगम ने यशोदा रेजीडेंसी, यशोदा टावर और यशोदा ग्रीन को दी गई निर्माण की अनुमतियों को कैंसिल कर दिया था। ऐसे में मामला फिर गरमा गया है। अब ईओडब्ल्यू के निरीक्षक व मामले के विवेचक शैलेंद्र सिंह कुशवाह ने तीनों सरकारी एजेंसियों को नोटिस जारी कर 30 सितंबर तक दस्तावेज देने और मामले में बयान दर्ज कराने की समय सीमा दी है। इसके अलावा यशोदा गृह निर्माण सहकारी संस्था के संचालक मंडल में शामिल अमित सिंह यादव, मोहित यादव, सरला यादव, बुद्धिमती यादव, सुमन यादव, वरुण यादव और उपाध्यक्ष मुकेश तिवारी को भी नोटिस जारी कर बयान दर्ज कराने के लिए कहा है।

टीएंडसीपी निरस्त कर चुका विकास अनुज्ञा, सहकारिता विभाग ने बनाए 26 आरोपितः यशोदा रेजीडेंसी में की गई बंदरबांट और नियम विरुद्ध निर्माण को देखते हुए गत जनवरी माह में ही टीएंडसीपी ने इस टाउनशिप के लिए जारी की गईं तीन विकास अनुज्ञा को निरस्त कर दिया था। दूसरी तरफ सहकारिता नियमों को ताक पर रखकर भूखंड आवंटन करने के मामले में सहकारिता विभाग द्वारा भी आपराधिक प्रकरण प्रथम दंडाधिकारी ग्वालियर में प्रस्तुत किया जा चुका है। इसमें कुल 26 आरोपित नामजद किए गए हैं।

वर्जन-

यशोदा रेजीडेंसी के मामले में नगर निगम, टीएंडसीपी व सहकारिता विभाग के साथ ही समिति के संचालक मंडल के पदाधिकारियों को भी नोटिस जारी किए गए हैं। उन्हें 30 सितंबर तक जानकारी उपलब्ध कराने और बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है।

शैलेंद्र सिंह कुशवाह, निरीक्षक ईओडब्ल्यू

 

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