एसिडिटी की दवा रैनिटिडीन से कैंसर की आशंका, फिर भी बिना डॉक्टर पर्चे के बेच रहे मेडिकल स्टोर

लापरवाही ….

  • यह दवा डॉक्टर के पर्चे के बिना भी मेडिकल स्टोर से धड़ल्ले से बेची जा रही
  • 90 ब्रांडनेम से टैबलेट और इंजेक्शन फर्म में उपलब्ध, ड्रग डिपार्टमेंट नहीं कर रहा कार्रवाई

एसिडिटी की दवा रैनिटिडीन से कैंसर की आशंका है। इसे आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची से रैनिटिडीन को बाहर किया गया है। करीब दो हफ्ते पहले हुई इस कार्रवाई के बाद रैनिटिडीन का उपयोग करें या न करें इसको लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। क्योंकि, लगभग हर घर में लोग एसिडिटी की समस्या होने पर अलग-अलग ब्रांडनेम से बिकने वाली दवा रैनिटिडीन का उपयोग कर रहे हैं।

इसकी वजह यह भी है कि यह दवा डॉक्टर के पर्चे के बिना भी मेडिकल स्टोर से धड़ल्ले से बेची जा रही है। लेकिन, ड्रग डिपार्टमेंट की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस संबंध में जब हमने ड्रग डिपार्टमेंट के अधिकारियों से बात की तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। दवा कारोबारियों की मानें तो रैनिटिडीन एसिडिटी समेत पेट में होने वाले छालों को ठीक करने, छाले को बार-बार होने से रोकने लिए इस्तेमाल में आती है। ऐसे में रैनिटिडीन टैबलेट के अलावा इंजेक्शन के तौर पर भी मिलती है। यह शहर के ज्यादातर मेडिकल स्टोर्स पर 90 से अधिक अलग-अलग ब्रांड नेम से बेचा जाता है।

तीन साल पहले चेतावनी… रैनिटिडीन में मिले एसिड से कैंसर का खतरा

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की ओर से तीन साल पहले चेतावनी जारी की गई थी कि रैनिटिडीन में ऐसे रसायन हैं, जिनसे कैंसर हाे सकता है। यह चेतावनी सभी राज्यों के साथ ड्रग कंट्रोलर को भेजकर यह दवा बनाने वाली कंपनी से बात करने के साथ ही लोगों को भी सजग रहने को कहा गया था। यही नहीं, यह दवाई बनाने वाली कंपनियों से उत्पादन रोकने के लिए कहा गया। लेकिन, हालात ऐसे हैं कि न तो उत्पादन रुका और न बिक्री पर ही प्रतिबंध लगा है। यही वजह है कि मेडिकल स्टोर्स से लोग धड़ल्ले से ये दवा खरीदकर खा रहे हैं।

राजधानी में ही हर महीने में 20 लाख रुपए से ज्यादा की बिक्री

दवा कारोबारी सुनील सिंह की मानें तो रैनिटिडीन से कैंसर हो सकता है, इस बात को लेकर न तो विभाग गंभीर हैं और न लोग। यही वजह है कि दवाइयों का निर्माण और बिक्री बिना रोकटोक जारी है। लोग सीधे मेडिकल स्टोर्स से दवा लेकर खा रहे हैं। कार्रवाई नहीं किए जाने की वजह से मेडिकल स्टोर संचालकों को किसी तरह का डर नहीं है। वह भी बिना डॉक्टर के पर्चे के न सिर्फ टेबलेट बल्कि रैनिटिडीन के इंजेक्शन तक बेच रहे हैं। यही वजह है कि शहर में रैनिटिडीन का हर महीने 20 लाख से ज्यादा का कारोबार हो रहा है।

बिना डॉक्टरी सलाह के इस दवा का उपयोग हो सकता है घातक

वर्तमान में सोशल मीडिया पर जारी बहस के बीच डॉक्टरों का कहना यह है कि उक्त दवा विवादों में है। ऐसे में सावधानी रखना चाहिए कि बिना डॉक्टरों की सलाह के दवाई का सेवन न करें। हालांकि, मेडिकल स्टोर से बिना डॉक्टर के पर्चे के उक्त दवाई की बिक्री नहीं होनी चाहिए। लेकिन, ड्रग डिपार्टमेंट की अनदेखी के कारण यह दवाई धड़ल्ले से बिना डॉक्टर के पर्चे के बेची जा रही है। कई बार लोगों को इस दवा के शरीर पर होने वाले प्रतिकूल परिणामों की जानकारी नहीं होने से भी वे इसका उपयोग करते रहते हैं।

बिक्री तो सामान्य रूप से कर रहे
रैनिटिडीन की बिक्री पर रोक के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। इस कारण बिक्री ताे सामान्य रूप से कर रहे हैं। हालांकि, दो-ढाई साल से जेनटेक और मोनोरिन कंपनी की रैनिटिडीन आना बंद हा गई है।
मेडिकल स्टोर

रैनिटिडीन को लेकर कंट्रोवर्सी
रैनिटिडीन को लेकर कंट्रोवर्सी है। यही वजह है कि हमने यह दवा लिखना ही बंद कर दी है। लोगों को भी बिना डॉक्टरी सलाह के इस दवा का उपयोग नहीं करना चाहिए।
-डॉ. सिम्मी दुबे, एचओडी, मेडिसिन डिपार्टमेंट, जीएमसी

दवाई को अभी बैन नहीं किया है
दवाई को बैन नहीं किया गया है, इस कारण इसकी बिक्री पर रोक तो नहीं लगाई जा सकती है, लेकिन यह भी सही है कि बिना डॉक्टर के पर्चे के बिक्री नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा हो रहा है तो यह गलत है, हम कार्रवाई करेंगे।
-शोभित कोष्ठा, डिप्टी ड्रग कंट्रोलर

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