यिन-यांग फिलॉसफी से समझें बच्चों का फ्यूचर ..!

बच्चों को ऑब्जर्व करें… यिन-यांग से जुड़े 4 टिप्स से चुनिए उनका करिअर …

प्रकृति में बैलेंस ही सब कुछ है, दुनिया की कितनी चीजें जोड़ियों में आती हैं यिन-यांग, सही-गलत, पुरुष-महिला!

सभी पेरेंट्स और टीचर्स- आज मैं आपको बताऊंगा कैसे यिन-यांग की मदद से आप अपने बच्चों में पर्सनालिटी के ट्रेट पहचान कर, उनके करिअर की प्लानिंग कर सकते हैं। पहले तुरंत यिन-यांग समझ लें। तैयार हैं आप?

यिनयांग: ताओवाद से लिया गया कॉन्सेप्ट

चीन के प्राचीन विश्वास ताओवाद का एक फिलोसॉफिकल कॉन्सेप्ट है जिसे यिनयांग कहते हैं। यह परस्पर जुड़ी हुई विपरीत शक्तियों का वर्णन करता है। जैसे सर्दी-गर्मी, ठंडा-गरम, अंधेरा-उजाला, अच्छा-बुरा, उत्तर-दक्षिण, महिला-पुरुष, जन्म और मृत्यु, निर्माण और विनाश, कमजोर और मजबूत, स्वर्ग और नर्क, पुलिस और चोर, आदि। यिन को गोल चित्र में काले रंग से दिखाते हैं, और यांग को सफेद।

ये परस्पर विरोधाभासी दिखते हैं, लेकिन हैं पूरक।

यिन-यांग जीवन के 2 पहलू

सच भी है, लाइफ हमेशा दो के पेअर में ही दिखती है, जैसे (1) दुःख के बिना सुख का अनुभव कैसे होगा, (2) चोर ही ना हो तो पुलिस के होने का क्या मतलब, (3) जब तक पुरानी चीज का विनाश नहीं होगा नई का निर्माण कैसे होगा। कहने का अर्थ ये कि लाइफ दो बिलकुल ऑपोजिट चीजों के मिलने और एक साथ चलने से बनती है, जैसे रात को अंधेरा और दिन में उजाला।

इसी तरह यिन-यांग हमारी पर्सनालिटी के दो पहलू होते हैं, जो आपस में इंटरैक्ट करते हैं, एक दूसरे को बनाते हैं, पहला दूसरे को नियंत्रित करता है और दूसरा पहले को, और इस प्रकार हमारे संसार का निर्माण होता है।

पुरुष और महिला

हर पुरुष के भीतर महिला के गुण होते हैं, और हर महिला के भीतर पुरुष के। अपने बच्चे को देखकर कठोर पिता भी कोमल और सौम्य हो जाता है, और दुश्मन को देखकर रानी लक्ष्मी बाई शेर बन जाती है।

तो यिनक्या है

बच्चों की इमेजिनेशन और गहरी सोच के गुण उनकी पर्सनालिटी के यिन पहलू को दिखाते हैं।

सरल भाषा में, ‘यिनट्रेट वाले बच्चों में आपको ग्रहणशीलता (कोई चीज को जल्दी सीखना), कल्पना (इमेजिनेशन), अंतर्ज्ञान, रहस्य, मौन, कोमलता, मिस्ट्री, गहरी सोच, एकांत, आदि के गुण दिखेंगे। ऐसे गुण वाले बच्चे मैनेजमेंट, ह्यूमन रिसोर्सेस, कला, संगीत, एक्टिंग, सर्विसेज इंडस्ट्री जैसे होटल मैनेजमेंट, टीचिंग, रिसर्च साइंटिस्ट, सॉफ्टवेयर, ग्राफिक डिजाइन, ऐसे स्पोर्ट्स जिसमें ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है जैसे, चैस, शूटिंग आदि में अपना करियर बना सकते हैं।

और यांगक्या है

बच्चों की एक्टिवनेस और किसी गोल के लिए बेहतर फोकस के गुण उनकी पर्सनालिटी के यांग पक्ष को दिखाते हैं।

यांगट्रेट वाले बच्चों में गतिविधि, फोकस, एक्शन, फैलाव, ग्रोथ, सटीक, लक्ष्य की और केंद्रित, आक्रामकता, एप्लिकेशन, प्रत्यक्षता, लॉजिक, ऑर्डर आदि के गुण देखने को मिलेंगे। ऐसे गुण वाले बच्चे मिलिट्री, पुलिस, आक्रामक मार्केटिंग, बेहद शारीरिक मेहनत वाले स्पोर्ट्स जैसे फुटबॉल, रग्बी, साइकिलिंग, पर्वतारोहण, आक्रामकता और चपलता के संयोजन वाले खेल जैसे बॉक्सिंग इत्यादि में करियर सफलता से बना सकते हैं।

आप अपने बच्चों में इन ऊर्जाओं पर ध्यान दे कर उनके लिए सही करिअर चुन सकते हैं।

यिन-यांग का आविष्कार चीन में 600 ईसा पूर्व के आस-पास हुआ था। इसे प्राचीन काल के समय में सूरज और मौसम से जुडे बदलाव को जानने के लिए बनाया गया था ताकि उस समय के लोगों को मौसम की बेहतर जानकारी मिले।

वेस्टर्न साइंस क्या कहता है

वेस्टर्न मेडिसिन यिन/यांग संतुलन को ऑटोनोमस नर्वस सिस्टम (ANS) के संतुलन के रूप में एक्सेप्ट करती है। ANS पूरे तंत्रिका तंत्र का एक हिस्सा है, जो मुख्य रूप से अनजाने में और स्वचालित रूप से कार्य करता है, और हार्ट बीट, पाचन, श्वसन दर, नींद और यौन उत्तेजना जैसे कई कार्यों को प्रभावित करता है। यह सिम्पेथेटिक (यांग) और पैरासिम्पेथेटिक (यिन) तंत्रिका तंत्र से बना है, जो हमेशा चालू रहते हैं। कभी-कभी यिन भाग अधिक सक्रिय होता है और कभी यांग।

सिम्पेथेटिक (यांग) एनएस खतरे या तनाव से सक्रिय होता है और जीव को फाइट और फ्लाइटप्रतिक्रिया में डालता है। पैरासिम्पेथेटिक एनएस (यिन भाग) हमारे आराम और पाचनया फीड एंड ब्रीडकार्यों को नियंत्रित करता है।

यिन यांग से करिअर प्लानिंग: 4 स्टेप

1) सबसे पहले, आपको जितना अधिक हो सके उतने समय तक अपने बच्चे की गतिविधियों को बिना उसे डिस्टर्ब करे, ऑब्जर्व करना होगा। उससे धीरे-धीरे पता चलेगा कि बच्चे में कौनसे गुण ज्यादा हैं।

2) हम सभी यिन और यांग ऊर्जाओं के संगम से बने हैं। इसलिए मिश्रित नतीजे आने पर घबराएं नहीं। केवल रिलेटिव मात्रा देखते चलें।

3) एक बार यिन और यांग चिन्हित होने पर, बच्चे से उन करिअर्स के बारे में धीरे-धीरे बात करें। जानें वो कैसे रिएक्ट करते हैं।

4) फिर, आपसी कोऑर्डिनेशन से पेरेंट और टीचर बच्चे का करिअर तय करें।

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