हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित काले पत्थर की खदान के अंदर ब्लास्ट के बाद चट्टान दरकी और बड़ा पत्थर डंपर चालक पर जा गिरा। डंपर चालक की पत्थर के नीचे दबने से मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हस्तिनापुर पुलिस ने इस मामले में महज मर्ग कायम किया, चालक के परिवार को मुआवजा दिलवा दिया। इसके बाद न तो पुलिस ने कोई कार्रवाई की और न ही प्रशासन की ओर से कोई पड़ताल कराई गई। जबकि हकीकत यह है कि बिलौआ, बिजौली, हस्तिनापुर, चीनौर और अन्य इलाकों में जहां पत्थर की खदानें हैं, वहां खुलेआम खदान संचालक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। यहां आएदिन हादसे होते हैं, क्योंकि खदानें बहुत गहरी हो चुकी हैं। इनकी मनमानी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बारिश में खदानें बंद करने के आदेश थे, इसके बाद भी यहां ब्लास्टिंग चलती रही। लेकिन एक भी खदान संचालक पर कार्रवाई नहीं की गई। यही वजह है खदान संचालक मनमानी पर उतारू हैं। प्रशासन की ओर से इन पर सिर्फ दिखावे की कार्रवाई की जाती है, इसके चलते सांठगांठ से भी इंकार नहीं किया जा सकता।