सरकार ने खर्चो में विभागों के बांधे हाथ ??
वित्तीय वर्ष समाप्त होने में तीन माह शेष, इसके पहले गड़बड़ाई खजाने की स्थिति
सरकार ने खर्चो में विभागों के बांधे हाथ, बिना अनुमति खजाने से रकम निकालने पर रोक
भोपाल. वित्तीय वर्ष समाप्त होने में अभी तीन माह शेष हैं। इससे पहले ही खजाने की माली हालत खराब होने लगी है। इसका असर दिखने लगा है। वित्त विभाग ने खर्चों के मामले में सरकारी विभागों के हाथ बांध दिए हैं। विभागों से कहा है, वित्त विभाग की अनुमति के बिना सरकारी खजाने से रकम न निकाली जाए। इसमें सरकारी योजनाओं सहित अन्य कार्य भी शामिल हैं। स्थिति यह है कि खजाने में रकम होने के बावजूद अब विभाग इस राशि को बिना अनुमति खर्च नहीं कर सकते। ऐसी व्यवस्था सिर्फ इसलिए की है, जिससे जरूरी कार्य होतेे रहें। जरूरत पर इस रकम को अन्य कार्यों में खर्च किया जा सके। वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि विभागों को किसी भी नए खर्चों के लिए राशि नहीं
आय की तुलना खर्च बढ़े हैं। सरकार ने गैर जरूरी खर्च में कटौती की है, पर संतोषजनक सुधार नहीं हुआ। बजट से ज्यादा कर्ज है। चालू वित्तीय वर्ष में राज्य का बजट 3.14 लाख करोड़ है, जबकि कर्ज 3.31 लाख करोड़ है। खर्च पूरा करने इस बार सरकार 17 बार कर्ज ले चुकी है।
वहीं चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में 8 बार कर्ज लिया गया
चुनाव में किए वादे पूरा करने की चिंता ..
सरकार को चिंता विधानसभा चुनाव में किए वादे पूरे करने को लेकर है। सत्तारूढ़ दल भाजपा ने लोगों से कई वादे किए। इन्हें पूरा करना है। इसमें लाड़लियों, युवा, किसान और व्यापारियों सहित अन्य वर्ग से किए वादे शामिल हैं। इन्हें पूरा करने के लिए मोटी रकम चाहिए। खर्चों में विभागों के हाथ बांधने से कई योजनाओं पर असर पड़ेगा। विभागों से दिए जाने वाले प्रोत्साहन, पुरस्कार की राशि भी वित्त विभाग से पूछकर देनी होगी। शासकीय आवासों का रखरखाव, पीडब्ल्यूडी के तहत क्षेत्रों का सौदर्यीकरण योजना भी शामिल है।
इन योजनाओं पर असर..
● एक जिला एक उत्पाद योजना
● मुख्यमंत्री ऋ ण समाधान योजना
● मेधावी छात्रों को विदेश अध्ययन के लिए नि:शुल्क शिक्षा
● मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना
● कृत्रिम अंग वितरण योजना
● खाद्यान्न भंडारण गारंटी योजना
● मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार
● मप्र भामाशाह पुरस्कार योजना
● राजा संग्राम सिंह पुरस्कार योजना
● टंट्या भील मंदिर जीर्णोद्धार
● खिलाड़ियों को प्रोत्साहन
● खेलो इंडिया एमपी
● मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप
● व्यावसायिक कॉलेजों में प्रवेश के लिए विशेष प्रशिक्षण
चुनाव में किए वादे पूरा करने की चिंता
सरकार को चिंता विधानसभा चुनाव में किए वादे पूरे करने को लेकर है। सत्तारूढ़ दल भाजपा ने लोगों से कई वादे किए। इन्हें पूरा करना है। इसमें लाड़लियों, युवा, किसान और व्यापारियों सहित अन्य वर्ग से किए वादे शामिल हैं। इन्हें पूरा करने के लिए मोटी रकम चाहिए। खर्चों में विभागों के हाथ बांधने से कई योजनाओं पर असर पड़ेगा। विभागों से दिए जाने वाले प्रोत्साहन, पुरस्कार की राशि भी वित्त विभाग से पूछकर देनी होगी। शासकीय आवासों का रखरखाव, पीडब्ल्यूडी के तहत क्षेत्रों का सौदर्यीकरण योजना भी शामिल है।