भोपाल : अब सेटिंग से सालभर वेयर हाउस का किराया नहीं ले सकेंगे; सड़क खोदी, ताले नहीं खोले तोे ब्लैक लिस्टेड

मनमानी पर लगेगा अंकुश  ..
प्रदेश में निजी वेयर हाउस की मोनोपॉली खत्म करने के लिए नई फीफो पॉलिसी लागू ..

राज्य सरकार प्रदेश में गेहूं और धान के स्टोरेज पर निजी वेयर हाउस संचालकों की मोनोपॉली को खत्म करने जा रही है। प्रदेश में पहली बार नई फीफो(फर्स्ट इन फर्स्ट आउट) पॉलिसी को लागू कर दिया गया है। अब किसी वेयर हाउस संचालक ने वेयर हाउस खाली करने वाले रास्ते पर जानबूझकर जेसीबी से सड़क खोदी, गोडाउन के ताले नहीं खोले या कीटनाशक छिड़का तो किराया बंद कर दिया जाएगा। साथ ही वेयर हाउस तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टेड होगा।

गेहूं और धान का भंडारण सभी वेयरहाउस में नियमानुसार किया जाएगा। इसके बाद एफसीआई और पीडीएस में वितरण के लिए राशन दुकान तक पहुंचाने के लिए वेयर हाउस से फीफो सिस्टम में ही स्टॉक उठेगा। एमपी वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन ने वेयर हाउस के स्टॉक को डिजिटलाइज्ड कर दिया है। इसे पब्लिक पोर्टल पर भी कोई भी सीधे देख सकेगा।

मनमानी पर यूं लगेगा अंकुश

  • कॉरपोरेशन के पोर्टल पर सभी वेयर हाउस के स्टॉक और क्षमता की स्थिति लाइव रहेगी
  • पहले सारे निजी वेयर हाउस से स्टॉक उठाना जरूरी होगा, बाद में सरकारी खाली होंगे
  • बाद में भरने वाले गोडाउन पहले खाली हुए तो पहले भरने वालों को मिलने वाला किराया स्वत: बंद हाे जाएगा

नेताओं और अफसरों के रिश्तेदारों के हैं वेयर हाउस
प्रदेश में वेयर हाउस भरने और खाली होने का कोई सिस्टम नहीं है। वर्तमान में सबसे ज्यादा नेताओं और अफसरों के नजदीकी रिश्तेदारों के वेयर हाउस हैं। किसानों और व्यापारियों के वेयर हाउस भी काफी संख्या में हैं। अभी स्टॉक भरने के बाद खाली करने में मोनोपॉली सिस्टम चलता आया है। कोई प्रभावशाली है तो गोडाउन सालभर भरा रहता है।

ये तक होता रहा है कि पहले भरने वाले गोडाउन 365 दिन भरे रहते हैं, जबकि सामान्य वाले चार महीने में खाली करा दिए जाते है। गेहूं और धान के स्टॉक पर अभी 84 रुपए प्रति मीट्रिक टन का किराया दिया जाता है। विदिशा, होशंगाबाद, सीहोर, इंदौर, उज्जैन, देवास और विंध्य के जिलों में ज्यादा दबाव और प्रभाव चलता है

ऐसे टूटेगी मोनोपॉली...ऑनलाइन सिस्टम से निगरानी होगी

  • वेयर हाउस में सबसे पहले भरने वाले गोडाउन का नाम सबसे उपर होगा। इसके बाद जैसे गोडाउन भरते जाएंगे, उनका नाम और मात्रा से लेकर बाकी जानकारी रहेगी।
  • वेयर हाउस को ग्रीन, रेड और यलो रंग से देखा जा सकेगा। जैसे ही वेयर हाउस से माल उठेगा, वो ग्रीन हो जाएगा। रेड यानी स्टॉक भरा है। खाली रहने पर यलो रहेगा।
  • वेयर हाउस का स्टॉक पहले भरने के बाद खाली नहीं कराया गया तो पब्लिक पोर्टल पर दिखेगा। बाद में भरने वाले वेयर हाउस संचालक आपत्ति उठा सकेंगे।
  • वेयर हाउस से स्टॉक उठने पर अफसरों की जिम्मेदारी तय होगी। बाद में भरने वाले गोडाउन का पहले स्टॉक उठवा दिया तो पोर्टल पर वजह डालनी होगी।
  • वेयर हाउस संचालक, फर्म और उनके नाम-पते पब्लिक पोर्टल पर देखे जा सकेंगे।

पारदर्शी है फीफो सिस्टम, गड़बड़ी रुकेगी

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर पारदर्शी नीति फीफो को लागू किया गया है। इससे वेयर हाउस के स्टॉक की सारी गड़बड़ी पर अंकुश लगेगा।
– दीपक सक्सेना, संचालक, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग

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