ग्वालियर के निजी अस्पतालों में स्टाफ व डाक्टर तो दूर की बात बेड की संख्या भी पूरी नहीं

भोपाल के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग के अफसर जब निजी अस्पतालों में पहुंच रहे तो वहां पर उन्हें बेड की संख्या पूरी नहीं मिल रही है। डाक्टर व स्टाफ की बात तो दूर है, उनके पास स्वास्थ्य सेवांए देने के लिए संपूर्ण संसाधन मौजूद नहीं है और नियमों का पालनभीनहींहोरहाहै।

ग्वालियर :  भोपाल के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग के अफसर जब निजी अस्पतालों में पहुंच रहे तो वहां पर उन्हें बेड की संख्या पूरी नहीं मिल रही है। डाक्टर व स्टाफ की बात तो दूर है, उनके पास स्वास्थ्य सेवांए देने के लिए संपूर्ण संसाधन मौजूद नहीं है और नियमों का पालन भी नहीं हो रहा है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग आंख बंद कर जांच की खानापूर्ति कर रहा है। गौरतलब है कि शहर में निजी अस्पताल की संख्या कोविड के बाद तेजी से बढ़ी है। पिछले दो साल में करीब सौ से अधिक निजी अस्पताल खुल चुके हैं।

डाक्टरों द्वारा खोले गए निजी अस्पताल को एक बार छोड़ दिया जाए तो जिन अस्पतालों को नान मेडिकाे द्वारा संचालित किए जा रहे हैं उनमें अधिकांश अस्पतालों में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। जितने बेड के लिए पंजीयन स्वास्थ्य विभाग से कराया गया है उतने बेड अस्पताल में मौजूद ही नहीं है। बेड के मुताबिक कई अस्पतालों में डाक्टर व स्टाफ भी नहीं है। यदि इन अस्पतालों की गहनता से परीक्षण किया जाता है तो आधे अस्पतालों पर ताला डल जाएगा। शहर में कई नर्सिंग कालेज के अस्पतालों में बेड तक नहीं है तेा कुछ ने बेड डाल रखे तो उनमें डाक्टर,स्टाफ व मरीज तक नहीं है। स्वास्थ्य विभाग से पंजीयन कराने के लिए अस्पताल संचालक सभी व्यवस्थाएं व डाक्टर और स्टाफ सबकुछ दिखाते हैं लेकिन पंजीयन के बाद इनके पास कुछ भी नहीं रहता। लेकिन ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई नहीं होती है। इसी के चलते भोपाल स्वास्थ्य विभाग ऐसे अस्पतालो ंकी सूची तैयार कर उन पर कार्रवाई करेगा।भोपाल,ग्वालियर, मुरैना व टीकमगढ़ में संचालित हो रहे निजी अस्पतालों में बेड संख्या की गिनती कराने के निर्देश लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग के संचालक दिनेश श्रीवास्तव ने जारी किया है। जिसके अनुसार अस्पताल में बेड के अनुरुप डाक्टर,नर्सेस,आक्सीजन की उपलब्धता,डिलेवरी सिस्टम संंबंधी प्रावधान स्थापित है अथवा नहीं। प्रदेश के चार महानगरों की बात करें तो ग्वालियर जिले में ही 419 निजी अस्पताल संचालित हो रहे हैं। प्रदेश के चार महानगरों में सबसे अधिक निजी अस्पताल ग्वालियर जिले में संचालित हो रहे हैं जबकि भोपाल इंदौर व जबलपुर इससे काफी पीछे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *