23 मौतों के बाद भी अस्पतालों में फायर सेफ्टी जांच की कमेटी तक नहीं बनाई

विभाग का रवैया सुस्त:23 मौतों के बाद भी अस्पतालों में फायर सेफ्टी जांच की कमेटी तक नहीं बनाई
  • प्रदेश में इंदौर सबसे पीछे, 3 माह से प्रक्रिया ही चल रही

कलेक्टरों व सीएमएचओ को निर्देश दिए थे कि कुल रजिस्टर्ड नर्सिंग होम की संख्या के आधार समितियां बनाई जाए। जिसे निरीक्षण वाले दिन ही प्रतिवेदन तैयार करना है। यदि कोई शर्तों का उल्लंघन करता पाया गया तो अधिनियम की धारा 6 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। 30 दिन में अस्पताल का जवाब नहीं मिलने पर पंजीयन निरस्ती की कार्रवाई की जाए।

भोपाल में 4 अगस्त को ही समिति गठित कर दी थी, यहां पत्र लिखने का बहाना

भोपाल में 4 अगस्त को ही समिति गठित कर दी थी। फायर एनओसी नहीं होने पर 29 अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन भी निरस्त किए गए लेकिन इंदौर में स्वास्थ्य विभाग का सुस्त रवैया रहा। निगम कई महीनों पहले ही ऐसे अस्पतालों की सूची स्वास्थ्य विभाग काे दे चुका है। बार-बार स्वास्थ्य संचालनालय को पत्र लिखने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। इसके अलावा यह तर्क दिए जाते हैं कि जब अस्पताल नवीनीकरण के लिए आवेदन करेंगे, तब निरस्त कर देंगे। उधर, अब एक बार फिर अस्पतालों की सूची के साथ आदेश जारी किए गए हैं। इसमें सभी जिलों को तुरंत कार्रवाई के लिए कहा गया है।

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