नियम ताक पर …! 4 रिसोर्ट बगैर अनुमति के ही चल रहे, बाकी 27 धर्मशाला-गार्डन भी नहीं कर रहे नियम का पालन
नियमों को ताक पर रखते हुए शहर में मैरिज गार्डन संचालित हो रहे हैं। गाइड लाइन का पालन नहीं करने पर नपा ने 31 रिसोर्ट व धर्मशाला संचालकों को 11 माह पहले नोटिस जारी किए थे। इस पर 13 संचालकों ने व्यवस्थाओं का दावा करते हुए आवेदन प्रस्तुत किए। प्रक्रिया को 2 माह बीत चुके है लेकिन अब तक जिम्मेदारों ने एक भी मैरिज गार्डन की जांच करना उचित नहीं समझा। इधर, नपा ने 16 में से 12 मैरिज गार्डन के लिए ही अनुमति दे रखी। 4 बगैर अनुमति संचालित हो रहे हैं। वहीं जनवरी 2021 में 7 दिनों के भीतर 3 रिसोर्ट तोड़ने के आदेश दिए थे। अब तक कुछ नहीं हुआ।
शुक्रवार काे देवउठनी एकादशी के साथ ही शहनाई गूंजने लगी है। जिन मैरिज गार्डनों में फेरे होना हैं, नियमों को लेकर वे ही सवालों के घेरे में हैं। बिना अनुमति व रजिस्ट्रेशन के शहर में मैरिज गार्डन संचालित हो रहे हैं। गाइड लाइन के तहत पार्किंग सहित अन्य व्यवस्थाएं नहीं होने से लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग सड़क पर ही वाहन खड़ा कर देते हैं। मामले में 11 माह से नपा संचालकों के साथ नोटिस- नोटिस खेल रही है। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
2 विभागों में उलझी प्रक्रिया, कोई भी ध्यान नहीं दे रहा
24 दिसंबर 2021 को कलेक्टर गौतम सिंह ने निजी नर्सिंग होम व मैरिज गार्डन संचालकों की बैठक ली थी। इसमें निर्देश दिए थे कि जिले में कोई भी मैरिज गार्डन बिना पंजीयन के नहीं चले। नपा अधिकारी मैरिज गार्डन पर तुरंत कार्रवाई करें। संचालक इस बात का भी ध्यान रखें कि रात में 10 बजे बाद डीजे नहीं बजाएं। निर्देशों के बाद जिम्मेदारों ने शहर में रिसोर्ट संचालकों से तलब किया और नोटिस देकर औपचारिकता पूरी कर ली। इधर, जांच संबंधी प्रक्रिया नगरपालिका के राजस्व विभाग व निर्माण विभाग में ही उलझकर रह गई है। राजस्व विभाग ने संचालकों को नोटिस देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया और जांच के लिए फाइलों को निर्माण विभाग भेज दिया। यहां भी लेतलाली कम नहीं है। 31 में से 13 के जवाब आॅफिस में रखे हुए करीब दो माह बीत गए हैं। अभी तक इंजीनियरों ने मैरिज गार्डनों के संबंध में जांच तक नहीं की।
यह है नियम पालन एक में भी नहीं
राज्य सरकार के आदर्श उपविधि 2020 नियम के मुताबिक संचालकों को मैरिज गार्डन बिल्डिंग का निर्माण नेशनल भवन की गाइड लाइन के मुताबिक ही करना होगा। नियम का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
- इसमें फायर सेफ्टी अनिवार्य।
- मैरिज गार्डन में 2 गेट होना आवश्यक।
- मैरिज गार्डन 12 मीटर चौड़ी सड़क पर ही बनाए जा सकेंगे।
- गार्डन के कुल हिस्से का 25 फीसदी वाहनों के पार्किंग के लिए आरक्षित करना होगा। मांगलिक भवन में 33 प्रतिशत हिस्सा कवर्ड और बाकी हिस्सा खुला होना चाहिए।
पहले की अनुमति ली नहीं, दूसरी शाखा का कर रहे निर्माण
विभाग के अनुसार 16 रिसोर्ट के पास निर्माण अनुमति है जबकि 4 के पास अनुमति नहीं है। इनकी प्रक्रिया कोर्ट में विचाराधीन है। जानकारी के अनुसार रेवास-देवड़ा रोड़ स्थित संजोग गार्डन, मनमोहन वाटिका, कौशल्य सागर की अनुमति नहीं हैं। अब बिना अनुमति के मैरिज गार्डन भी अपनी दूसरी शाखाओं का निर्माण कर संचालन की तैयारी कर रहे हैं। यह सब जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं दिख रहा है।