खनन सिंडिकेट का सॉफ्ट टारगेट बन गए SSP कुटियाल:

100 करोड़ टर्नओवर वाले धंधे में नेता-अफसर सब बदनाम; सामने नहीं आए असल खिलाड़ियों के नाम …

मुरादाबाद के युवा SSP हेमंत कुटियाल हटा दिए गए। वो महज 7 महीने ही मुरादाबाद की कप्तानी कर सके। कौशांबी के एसपी हेमराज मीना अब मुरादाबाद के नए एसएसपी होंगे। ऑफिसर्स का एक ग्रुप पिछले काफी समय से हेमंत की विदाई की स्क्रिप्ट लिख रहा था। सीधे शब्दों में कहें तो IPS कुटियाल खनन सिंडिकेट का सॉफ्ट टारगेट बन गए।

SDM पर खनन माफिया के हमले को लेकर सीएम खफा हुए तो कुछ ब्यूरोक्रेट्स ने पूरा मामला हेमंत की तरफ डायवर्ट कर दिया। लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और ही है। हम आपको बताएंगे कि मुरादाबाद में कैसे फलफूल रहा है अवैध खनन का सिंडिकेट? कितना मजबूत हैं और इसकी जड़ें और आखिर क्यों और कैसे खनन सिंडिकेट का साफ्ट टारगेट बन गए SSP हेमंत कुटियाल।

100 करोड़ टर्नओवर वाले धंधे में नेता-अफसर सब शामिल

मुरादाबाद में उत्तराखंड से होने वाले अवैध खनन के ट्रांसपोर्ट का टर्नओवर करीब 100 करोड़ रुपये महीने का है। भारी-भरकम डंपर सरेशाम से लेकर सुबह तक सड़कों पर बेरोकटोक दौड़ते हैं। बिना पुलिस-प्रशासनिक और सियासी संरक्षण के इन डंपरों पर सड़क पर सरपट दौड़ना मुमकिन नहीं है।इसीलिए इस अवैध खनन ट्रांसपोर्ट के पीछे भी खनन माफिया का पूरा सिंडिकेट काम करता है।

इस सिंडिकेट में कई नेताओं और अफसरों तक के नाम उछल चुके हैं। सिंडिकेट में खनन विभाग, प्रशासन, पुलिस, आरटीओ और सत्ताधारी दल के मुरादाबाद, संभल और मेरठ के कई नेताओं का नाम SDM पर हमले के बाद बार-बार उछला।

SSP पर डायवर्ट हुआ सीएम का गुस्सा

13 सितंबर की रात को खनन माफिया ने मुरादाबाद में ठाकुरद्वारा-काशीपुर रोड पर उत्तराखंड बॉर्डर के नजदीक SDM परामानंद सिंह पर हमला कर अवैध खनन के डंपर छीन लिए थे। ये डंपर बिना रॉयल्टी चुकाए उत्तराखंड से यूपी सीमा में लाए गए थे। एसडीएम ने 4 डंपरों को सीज किया था। एक BJP नेता का राइट हैंड माना जाने वाला खनन माफिया एसडीएम पर हमला कर डंपर छीन ले गया था।

दिवाली पर चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मियों को मिठाई खिलाते एसएसपी हेमंत कुटियाल।
दिवाली पर चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मियों को मिठाई खिलाते एसएसपी हेमंत कुटियाल।

इस घटना के बाद हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में CM योगी आदित्यनाथ ने मुरादाबाद के अफसरों की जमकर क्लास ली थी। इसके बाद ये ही ये तय माना जा रहा था कि कुछ अधिकारियों के तबादले होंगे। हर उस अफसर में बेचैनी थी जिसका खनन सिंडिकेट से वास्ता था। लेकिन अपनी गर्दनें बचाने को धीरे-धीरे इस मामले को सिर्फ एसएसपी की तरफ डायवर्ट कर दिया गया। इस मुद्दे पर कई ऐसे अधिकारी भी अपने मतभेद भुलाकर एक प्लेटफार्म पर आ गए जिनकी फ्रीक्वेंसी पहले मैच नहीं करती थी।

खनन सिंडिकेट से दोस्ती निभा रहे बाकी विभागों और अधिकारियों के साथ ही उन नेताओं पर भी कोई एक्शन नहीं हुआ है, जिन पर इस सिंडिकेट को रन करने के आरोप हैं। बड़ा सवाल ये है कि यदि पुलिस ये खनन सिंडिकेट रन हो रहा था तो प्रशासनिक अधिकारी, खनन विभाग और आरटीओ क्या कर रहे थे?

CM की सख्ती के बाद सख्त थे कुटियाल के तेवर

सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद एसएसपी हेमंत कुटियाल ने पूरी सख्ती के साथ उत्तराखंड से आने वाले अवैध खनन के ट्रांसपोर्ट को रुकवा दिया था। उत्तराखंड बॉर्डर पर सख्ती बढ़ाई थी और SSP खुद इसे मॉनीटर कर रहे थे। अवैध खनन का ट्रांसपोर्ट पूरी तरह बंद हो जाने से खनन सिंडिकेट में जबरदस्त बेचैनी थी। सूत्रों का कहना है कि यही बेचैनी उन अफसरों में भी थी जो खनन सिंडिकेट से यारी निभा रहे थे।

ब्यूरोक्रेट ने कहा- कौन बताए सच्चाई
एक टॉप ब्यूरोक्रेट ने नाम नहीं छापने की शर्त पर दैनिक भास्कर से कहा- “हम जानते हैं कि कुछ दूसरे अधिकारी इस खनन सिंडिकेट में शामिल हैं। लेकिन बड़ी ही चतुराई से मामले को पूरी तरह SSP पर डायवर्ट कर दिया गया। सवाल ये है कि इसे अब शीर्ष लेवल पर कौन रखे?” हालांकि उच्च प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में कुछ बड़ी कार्रवाई होंगी।

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