कचोरी-समोसे बनाने एक ही तेल का बार-बार उपयोग, लीवर व किडनी को खतरा ….!
ग्वालियर : बाजार में उपयोग किए गए तेल का बार-बार उपयोग किया जा रहा है। इनमें कचोरी, समोसे और नमकीन का निर्माण बहुतायत से जारी है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के अनुसार खाद्य तेल का उपयोग अधिकतम दो या तीन बार ही खाद्य सामग्री बनाने में होना चाहिए, लेकिन दुकानदार इसका उपयोग कई बार कर रहे हैं।
इस तरह के तेल में बने खाद्य पदार्थों को खाने से सेहत पर हानिकारक असर पड़ सकता है। डॉक्टरों के अनुसार इससे लीवर और किडनी को खतरा हो सकता है। खाद्य विभाग के अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं है, न ही कभी जांच और कार्रवाई की जाती है।
शहर में और बढ़ गए ठेले
कोरोना से पहले शहर में करीब एक हजार के आसपास समोसे, कचोरी, छोले भटूरे, आलू बड़े, मंगोड़े व अन्य खाद्य पदार्थ बनाने वालों के ठेले, स्टॉल व बड़ी दुकानें थीं, लेकिन अब ये बढ़कर दो हजार के आसपास हो गईं हैं। विभाग भी इनकी लगातार सैंपलिंग नहीं कर पा रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग के कार्रवाई नहीं करने के कारण से दुकानदार बेपरवाह रहते हैं।
रुको अभियान भी चलाया था
उपयोग हुए तेल के लिए प्रदेश सरकार की ओर से रुको अभियान भी चलाया गया था। रुको से आशय खाद्य तेल का उपयोग बार-बार करने से रोकने को लेकर था। कचोरी-समोसा व नमकीन आदि के व्यापारी एक ही तेल का उपयोग बार-बार करते हैं।
चूंकि ये तेल सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। इसके सेवन से ट्रांस फैट निर्मित होते हैं। लिहाजा शासन ने इस समस्या की रोकथाम के लिए उक्त अभियान शुरू करवाने के निर्देश दिए थे। इसके चलते शासन की ओर से अधिकृत एजेंसी के लोग संबंधित प्रतिष्ठानों पर पहुंचने थे और उनसे उपयोग किया हुआ वह तेल 30 रुपए लीटर के हिसाब से खरीदना था, लेकिन हुआ नहीं।
डॉ. …पाल, मेडिसिन विभाग जीआरएमसी
ये बात सही है कि बाजार में तेल को कई बार उपयोग में लाया जा रहा है। इसके लिए समय-समय पर जांच की जाती है। आगे भी इस तरह का तेल का उपयोग करने वालों पर कार्रवाई करेंगे।
….. चौहान, अभिहीत अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं प्रशासन विभाग