दिमाग की गड़बड़ी या कुछ और..युवा क्यों बन रहे हैं हत्यारे …!
दिल्ली में पालम राज नगर पार्ट-2 के एक घर में लड़के ने कथित तौर पर अपने मां-बाप, बहन और दादी की चाकू मारकर हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि ये आरोपी लड़का नशा करता था
देश कि राजधानी दिल्ली में श्रद्धा मर्डर केस काफी चर्चा में है. ये केस अभी सुलझ नहीं रहा है. इसी बीच राजधानी में एक और दिल दहलाने वाली वारदात हुई है. पालम में राज नगर पार्ट-2 के एक घर में लड़के ने कथित तौर पर अपने मां-बाप, बहन और दादी की चाकू मारकर हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि ये आरोपी लड़का नशा करता था और घरवालों से इसके लिए पैसे मांगता था. जब घर के सदस्यों ने पैसे देने से मना किया तो उसने कत्ल कर दिया.
इन दोनों वारदातों से यह पता चलता है कि नशे की लत किसी को हत्यारा भी बना सकती है, लेकिन ऐसा क्यों है कि नशा करने के बाद लोग इस तरह का घिनौना अपराध कर देते हैं. क्या नशे से दिमाग का संतुलन बिगड़ जाता है या कुछ और है वजह? ये सब जानने के लिए हमने हेल्थ एक्सपर्ट्स से बातचीत की है.
स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ डॉ अंशुमान कुमार बताते हैं कि कई मामलों में अकेलेपन की वजह से भी लोग नशा करना शुरू कर देते हैं. नशे करने से ब्रेन में न्यूरो केमिकल चेंज होते हैं. इससे फील गुड हार्मोन रिलीज होते हैं जिससे अच्छा महसूस होने लगता है. इससे इंसान को नशा करने की आदत पड़ जाती है. अधिकतर मामलों में ये एडिक्शन की ओर ले जाता है.
दिमाग पर पड़ता है नशे का असर
डॉ कुमार बताते हैं कि अगर कोई नशे का आदी हो जाता है तो उसके दिमाग पर भी इसका असर पड़ता है. इंसान का दिमाग साामन्य लोगों की तुलना में अलग तरह से काम करता है. वहीं, कुछ रिसर्च में यह भी कहा गया है कि नशा करने वालों का ब्रेन पहले से ही असामन्य होता है. हालांकि अधिकतर मामलों में ये देखा जाता है कि किसी भी प्रकार का नशा ज्यादा होने पर दिमाग कई बार संतुलन में नहीं रहता है और इससे इंसान किसी आपराधिक घटना को अंजाम दे सकता है.
न्यूरो साइकेट्रिस्ट डॉ. राकेश कुमार बताते हैं कि शराब, सिगरेट, ड्रग्स या किसी भी प्रकार के नशे से इंसान को एडिक्शन होने लगता है. ये एक मानसिक बीमारी बन जाती है. इससे ब्रेन के कई फंक्शन प्रभावित होने लगते हैं. नशे कर रहे लोगों में टोलरेंस विकसित हो जाता है. यानी , अगर पहले कोई एक सिगरेट पीता था तो अब वो दिन में चार से पांच सिगरेट पी सकता है. ये संख्या इससे ज्यादा भी बढ़ सकती है. जितना अधिक एडिक्शन बढ़ता है दिमाग पर वैसा ही असर होने लगता है. इससे ब्रेन के फंक्शन पर भी असर पड़ता है और इंसान का कई बार खुद पर कंट्रोल भी नहीं रहता है.
नशा करने वाला कब बन सकता है हत्यारा
डॉ कुमार के मुताबिक, नशे के आदी लोगों में ये कुछ बदलाव होने लगते हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये किसी खतरनाक घटना को भी अंजाम दे सकते हैं.
व्यवहार में बदलाव होना और अचानक तेज गुस्सा आना
अकेले रहना और लोगों से नजरें चुराना
शरीर में साइकोपैथ वाले लक्षण आना, यानी, इमोशन की कमी और अपराध करने का मन
अपने आप पर कंट्रोल न होना
बिना सोचे समझें कोई भी काम करना
कैसे पता करें कि कोई नशे का शिकार हो गया है
हर हाल में नशा करना
खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाना
अपनी कमाई का ज्यादा हिस्सा नशे पर खर्च करना
नशे की लत को कैसे करें खत्म
डॉ. अंशुमान कुमार कहते हैं कि नशे की लत को खत्म करने के लिए पीड़ित इंसान की काउंसलिंग करना बहुत जरूरी है. इसके लिए घर के सदस्य भी उसकी मदद कर सकते हैं. चूंकि आजकल कम उम्र में ही लोग नशा करने लगते हैं तो ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों की काउंसलिंग करें. इसके लिए उसके मन में चल रहीं सभी बातों को जानें और यह पता करें कि उसने नशा करना क्यों शुरू किया था.
डॉ कुमार का कहना है कि किसी भी प्रकार के नशे को छुड़ाने का 80 फीसदी इलाज घर पर ही हो सकता है, लेकिन देखा जाता है कि लोग नशा मुक्ति केंद्र चले जाते हैं, लेकिन इसका कोई खास फायदा नहीं होता है. केंद्र से वापिस आने के बाद इंसान फिर से नशे का आदी हो जाता है.
लाइफस्टाइल में बदलाव करें
नशे की लत को छोड़ने के लिए लाइफस्टाइल को भी ठीक करना जरूरी है. इसके लिए खानपान का ध्यान रखें. अच्छी नींद ले. रोजाना एक्सरसाइज करें. अगर शरीर में कोई पुरानी बीमारी है तो उसका इलाज कराएं.