इलाज कराने RIMS लाए… लिफ्ट में चढ़े तो गुल हो गई बत्ती, 12 साल के बच्चे की दर्दनाक मौत

रिम्स अस्पताल की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण झारखंड हाइकोर्ट ने कई बार रिम्स प्रबंधन को फटकार लगाई है. बावजूद इसके रिम्स अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था नहीं सुधर रही.

झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में एक और नाबालिग आज कुव्यवस्था की भेंट चढ़ गया. रिम्स अस्पताल में बिजली चले जाने के कारण लिफ्ट में फंसने के कारण 12 साल के एक बच्चे की मौत हो गई. बिहार के गया के रहने वाले 12 साल के आदित्य को किडनी की समस्या के कारण रिम्स अस्पताल लाया गया था. उसे वेंटिलेटर सपोर्ट के साथ आइसीयू की जरूरत थी, लेकिन कोई बिस्तर खाली नहीं होने की वजह से उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे पीडियाट्रिक्स आइसीयू में एक बिस्तर पर रखा गया, जहां पहले से ही गढ़वा निवासी एक डेंगू पीड़ित बच्चे का इलाज चल रहा था.

बीजेपी ने मांगा स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा

इस घटना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी ने इस घटना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि पूरे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है. आए दिन रिम्स में सिर्फ दलालों का जमावड़ा लगा रहता है, सिर्फ रिम्स अस्पताल के ही नहीं पूरे राज्य में चिकित्सा व्यवस्था बद से बदतर हो गई है.

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घटना के बाद रिम्स अस्पताल के पीआरओ डॉ राजीव रंजन ने रिम्स अस्पताल के ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप में लिखा कि लिफ्ट में फंसने की वजह से किसी की मौत नहीं हुई है. ऊर्जा विभाग द्वारा मीटरिंग का कार्य किया जा रहा था. इस वजह से बिजली सप्लाई बाधित हुई थी, लेकिन लिफ्ट में फंसे सभी लोगों को बाहर निकाल लिया गया था. बच्चे की मौत वार्ड में हुई थी, जो कि बेहद ही दुखद है.

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