यात्री बसों में जमकर हो रही टैक्स चोरी ..?
शहर में यात्री बसों के जरिए माल का परिवहन कर जमकर टैक्स चोरी की जा रही है। इंदौर, भोपाल, जबलपुर आदि शहरों में ग्वालियर से यात्री बसों के जरिए माल मंगाया…
एक बस पर 2 से 3 टन माल रहता है लोड …
यात्री बसों में जमकर हो रही टैक्स चोरी, एक बस पर 2 से 3 टन माल रहता है लोड
ग्वालियर. शहर में यात्री बसों के जरिए माल का परिवहन कर जमकर टैक्स चोरी की जा रही है। इंदौर, भोपाल, जबलपुर आदि शहरों में ग्वालियर से यात्री बसों के जरिए माल मंगाया और भेजा जाता है। जानकारी के मुताबिक हर रोज ग्वालियर से करीब 15 यात्री बसें माल ले जा रही हैं। प्रत्येक बस में करीब 2 से 3 टन माल रहता है। खास बात यह है कि इन बसों में किराना, ड्रॉयफ्रूट से लेकर दूसरा माल भी परिवहन किया जा रहा है और इस पर लगने वाले जीएसटी की चोरी की जा रही है। बसों में माल के साथ ई-वे बिल और बीजक लगाए जाने चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। ऐसे में जीएसटी की बड़ी चोरी इन यात्री बसों के जरिए की जा रही है।
गुरुवार को वसूले थे 3.22 लाख
गुरुवार को राज्य जीएसटी विभाग की टीमों ने हनुमान टॉकीज और पनिहार थाना के पास कई ट्रैवल्स की यात्री बसों पर मोबाइल चैङ्क्षकग कर 3.22 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना वसूल किया था। इसे देखते हुए लगता है कि अब जीएसटी विभाग ने यात्री बसों के जरिए की जा रही जीएसटी की चोरी को रोकने के लिए कमर कस ली है।
गुरुवार को राज्य जीएसटी विभाग की टीमों ने हनुमान टॉकीज और पनिहार थाना के पास कई ट्रैवल्स की यात्री बसों पर मोबाइल चैङ्क्षकग कर 3.22 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना वसूल किया था। इसे देखते हुए लगता है कि अब जीएसटी विभाग ने यात्री बसों के जरिए की जा रही जीएसटी की चोरी को रोकने के लिए कमर कस ली है।
रातभर में पहुंच जाता है माल
ट्रैवल्स की यात्री बसों के जरिए माल का परिवहन जमकर हो रहा है। ट्रांसपोर्ट के जरिए माल भेजने पर तीन से चार दिन का समय लग जाता है, जबकि यात्री बसों से माल भेजने पर रातभर में ही माल दूसरे शहर पहुंचा दिया जाता है। साथ ही इनके जरिए टैक्स की चोरी भी संभव हो जाती है। इसके लिए माल भेजने वालों से तीन गुना तक भाड़ा वसूला जाता है। वहीं यात्री बसों की छत पर 4 से 5 फीट ऊंचाई तक माल की लोङ्क्षडग की जाती है, इससे हादसे की संभावना रहती है। पूर्व में कई बार इन बसों में लदे माल से हादसे हुए भी हैं। परिवहन विभाग की ओर से यात्री बसों में इस तरह माल की लोङ्क्षडग पूरी तरह से बैन है।
ट्रैवल्स की यात्री बसों के जरिए माल का परिवहन जमकर हो रहा है। ट्रांसपोर्ट के जरिए माल भेजने पर तीन से चार दिन का समय लग जाता है, जबकि यात्री बसों से माल भेजने पर रातभर में ही माल दूसरे शहर पहुंचा दिया जाता है। साथ ही इनके जरिए टैक्स की चोरी भी संभव हो जाती है। इसके लिए माल भेजने वालों से तीन गुना तक भाड़ा वसूला जाता है। वहीं यात्री बसों की छत पर 4 से 5 फीट ऊंचाई तक माल की लोङ्क्षडग की जाती है, इससे हादसे की संभावना रहती है। पूर्व में कई बार इन बसों में लदे माल से हादसे हुए भी हैं। परिवहन विभाग की ओर से यात्री बसों में इस तरह माल की लोङ्क्षडग पूरी तरह से बैन है।
आगे भी जारी रहेगी जांच
यात्री बसों के जरिए कई शहरों से माल मंगाया और भेजा जा रहा है। इसके लिए मुख्यालय से मोबाइल चैङ्क्षकग के निर्देश दिए गए हैं। इन बसों के जरिए माल भेजकर ई-वे बिल के जरिए चोरी की जाती है। आगे भी ऐसी बसों की जांच जारी रहेगी।
मिक्की अग्रवाल, ज्वॉइंट कमिश्नर, राज्य जीएसटी विभाग संभाग एक
यात्री बसों के जरिए कई शहरों से माल मंगाया और भेजा जा रहा है। इसके लिए मुख्यालय से मोबाइल चैङ्क्षकग के निर्देश दिए गए हैं। इन बसों के जरिए माल भेजकर ई-वे बिल के जरिए चोरी की जाती है। आगे भी ऐसी बसों की जांच जारी रहेगी।
मिक्की अग्रवाल, ज्वॉइंट कमिश्नर, राज्य जीएसटी विभाग संभाग एक