जबलपुर : बड़ी घटनाओं से घिरा रहा 2022 मे स्वास्थ्य विभाग …?
बड़ी घटनाओं से घिरा रहा 2022 मे स्वास्थ्य विभाग … न्यू लाइफ मल्टीसिटी अग्निकांड ने दहलाया, आयुष्मान कार्ड योजना ने डराया
साल 2022 जबलपुर के स्वास्थ्य विभाग पर भारी पड़ा, इस साल ना सिर्फ दमोह नाका स्थित न्यू लाईफ मल्टीसिटी अस्पताल अग्निकांड में 8 लोगों की मौतो ने निजी अस्पतालों की व्यवस्थाओं को कठघरे में खड़ा किया बल्कि आयुष्मान योजना में करोडों के घोटाले से भी विभागीय भ्रष्टाचार को उजागर किया है। स्वास्थ्य विभाग नए साल में इन दोनों बड़ी घटनाओं से सीख लेने की बात अब कह रहा है।
एक अगस्त 2022 का दिन शायद ही कभी भुलाया जा सके, इसी दिन जबलपुर के दमोह नाका के पास स्थित न्यू लाईफ मल्टी स्पेश्यलटी हॉस्पिटल में इतनी भीषण आग लगी थी कि इसमें 8 जाने जलकर ख़ाक हो गईं थी। जबलपुर की यह सनसनीखेज घटना देश भर की सुर्खियों में आई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर जब जांच शुरु हुई तो पता चला कि ये निजी अस्पताल तमाम नियम कायदों के खिलाफ चल रहा था। अस्पताल का ना तो नक्शा पास था, ना फायर सेफ्टी के इंतज़ाम और ना ही इलैक्ट्रिसिटी ऑडिट करवाया गया था। मृतको के परिजनों को मुआवज़े का मरहम लगाने के बाद सरकार ने प्रदेश के तमाम अस्पतालों की जांच के निर्देश दे दिए। हाईकोर्ट पहले ही नियम विरुद्ध चल रहे अस्पतालों पर संज्ञान ले चुका था जिसके निर्देश पर सरकार ने इस अवैध अस्पताल को एनओसी देने वाले जबलपुर के सीएमएचओ को सस्पैंड कर दिया था। आनन फानन में हुई जांच में जबलपुर के कई अस्पताल नियम विरुद्ध चलते मिले, ऐसे में 36 अस्पतालों के लायसेंस रद्द किए जा चुके हैं जिन पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्यवाई जारी होने की बात कह रहे हैं।
साल 2022 मे ही मध्यप्रदेश के जबलपुर का स्वास्थ्य महकमा एक बार पुनः सुर्खियों में आया। जबलपुर में उजागर हुए आयुष्मान घोटाले से पूरा प्रदेश शर्मसार हो गया। अस्पताल अग्निकांड के 25 दिन बाद ही 26 अगस्त 2022 को पुलिस की टीम ने सेंट्रल किडनी हॉस्पिटल में छापा मारा तो जांच अधिकारियों की आंखें फटी रह गईं, यहां अस्पताल के बाजू में स्थित होटल में फर्जी मरीजों को भर्ती कर आयुष्मान का रोगी बताया जा रहा था और सरकार को करोडों की चपत लगाई जा रही थी। पुलिस ने अस्पताल के संचालक डॉक्टर पाठक दंपत्ति को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि इन दोनों घटनाओं से विभाग ने बड़ी सीख ली है और अब सिस्टम को फूल प्रूफ बनाया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की इन दो घटनाओं के अलावा जबलपुर में स्थित प्रदेश की इकलौती मेडिकल यूनिवर्सिटी के बिगड़े ऐकेडमिक कैलेंडर को लेकर भी सरकार की जमकर किरकिरी होती रही। अब देखना यह होगा कि अपने दावे के मुताबिक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग 2023 में अपने सिस्टम को कितना सुधार पाता है।