भोपाल : MP में महंगी नहीं होगी शराब …?
MP में महंगी नहीं होगी शराब:चुनावी साल में नई दुकानें भी नहीं खुलेंगी, जानें 2023 की नई आबकारी नीति ….
शराब बंद हो, साक़ी के बस की बात नहीं
तमाम शहर है, दो-चार-दस की बात नहीं
असद मुल्तानी का यह शेर मध्यप्रदेश की नई शराब नीति पर परफेक्ट बैठता है। चुनावी साल में मध्यप्रदेश में शराब महंगी नहीं होगी। 2023 की नई आबकारी नीति में सरकार शराब पर एक्साइज डयूटी नहीं बढ़ा रही है। साथ ही इस बार कोई नई दुकान भी नहीं खोली जाएगी और न ही नए अहाते खुलेंगे।
चुनावी साल होने के कारण इस बार आबकारी नीति में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं किया जा रहा है। आबकारी विभाग के ड्राफ्ट के मुताबिक लाइसेंस फीस 10% बढ़ाकर ठेका रिन्यू करने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव पर वित्त विभाग के साथ नए साल के पहले सप्ताह में होने वाली बैठक में चर्चा होगी। इसके बाद नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। नई शराब नीति 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी।
पिछले साल देसी शराब सस्ती करने के लिए शराब बनने से लेकर ग्राहक तक पहुंचने का कमाई का मार्जिन घटाया गया था। पिछले साल आबकारी विभाग ने उप-दुकानें खोलने का प्रस्ताव दिया था, जिसे मुख्यमंत्री ने खारिज कर दिया था। सरकार ने पिछले साल विदेशी शराब पर एक्साइज डयूटी 10 से 13% तक कम कर दी थी। जिससे शराब सस्ती हो गई थी। खपत बढ़ने से सरकार का खजाना भरा और मौजूदा वित्तीय वर्ष में उसे 1300 करोड़ अधिक आय हुई है। खास बात यह है कि वाणिज्यिक कर विभाग फिलहाल शराब पर वैट नहीं बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है।
घर पर शराब रखने की लिमिट में बदलाव नहीं
सरकार ने पिछले साल होम बार लाइसेंस देने का निर्णय लिया था। इसका मतलब है अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय एक करोड़ रुपए है, तो वह व्यक्ति घर पर बार खोल सकता है। इसके अलावा, घर पर शराब रखने की लिमिट 4 गुना कर दी गई थी। इससे पहले घर में एक पेटी बीयर और 6 बॉटल शराब रखने की अनुमति थी। इस बार इस नियम में बदलाव करने का प्रस्ताव भी नहीं है।
बीयर की खपत 49%, तो देशी शराब की 24% तक बढ़ी
मध्यप्रदेश में एक अप्रैल 2022 से शराब दुकानों का नया कंपोजिट शॉप मॉडल लागू किया गया। तभी से बीयर की खपत हर महीने नए रिकॉर्ड बना रही है।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि साल 2019-20 की तुलना में इस वित्त वर्ष की तिमाही में बीयर की खपत 49% बढ़ गई है, जबकि देशी शराब की खपत 24% तो विदेशी की 30% बढ़ी है।
आबकारी विभाग ने 2020-21 और 2021-22 को कोविड-19 प्रभावित वर्ष मानकर अपनी इस साल की ग्रोथ की तुलना 2019-20 से की है।
विभागीय अधिकारियों की मानें तो देशी शराब के ग्रामीण ठेकों में बीयर पहली बार बेची जा रही है। ज्यादातर वृद्धि वहीं से आ रही है। अप्रैल 2022 में बीयर की खपत 61% तक बढ़ी है।
साल 2021-22 में कुल बीयर का उत्पादन 13.48 करोड़ बल्क लीटर था। 2019-20 की तुलना में यह 31% बढ़ा था। इस बार उत्पादन 20 करोड़ बल्क लीटर को भी पार कर सकता है। पहले तीन महीने में ही बीयर का उत्पादन 8 करोड़ लीटर के पार हो चुका है।
देशी शराब की डिमांड बढ़ी, डिसलर को अधिकतम 2 करोड़ प्रूफ लीटर की सप्लाई का ठेका
मौजूदा वित्तीय वर्ष में नंवबर 2022 तक 12 करोड़ प्रूफ लीटर देशी शराब बिक गई। आबकारी विभाग का अनुमान है कि 31 मार्च तक यह आंकड़ा बढ़कर 14 करोड़ प्रूफ लीटर हो जाएगा। ऐसे में अगले साल 16 करोड़ प्रूफ लीटर शराब की खपत होने की उम्मीद है। इसको ध्यान में रखते हुए देशी शराब की सप्लाई के ठेके के लिए प्रति डिसलर को उत्पादन क्षमता का 80% या 2 करोड़ प्रूफ लीटर सप्लाई, दोनों में से जो अधिक हो का ठेका दिया जाएगा।
आबकारी सूत्रों का कहना है कि पिछले साल 12 करोड़ प्रूफ लीटर देशी शराब की बिक्री का अनुमान था। इसको ध्यान में रखते हुए सप्लाई के लिए 3-3 करोड़ प्रूफ लीटर सप्लाई का ठेका दिया गया था। यह ठेके 4 डिसलर्स ने लिए थे, लेकिन शराब सस्ती होने के कारण डिमांड बढ़ गई, लेकिन डिसलर इसे समय पर पूरा नहीं कर पाए। ऐसी स्थिति अप्रैल-मई महीने में बन गई थी। इसे ध्यान में रखकर अब नया नियम प्रस्तावित किया गया है। बता दें कि प्रदेश में देशी शराब उत्पादन करने वाली 22 डिसलरीज हैं।
उमा भारती की नाराजगी दूर करने की कोशिश
शिवराज सरकार चुनावी साल में आबकारी नीति में प्रस्तावित प्रावधान को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की इस मुद्दे पर नाराजगी दूर करने के तौर पर भी देखा जा रहा है।
प्रस्तावित नीति में शराब दुकानों को धार्मिक, शैक्षणिक संस्थाओं और हॉस्टल से 50 मीटर की हवाई (एरियल) दूरी पर खोलने की अनुमति दिए जाने का उल्लेख है, जबकि मौजूदा नीति में 50 मीटर की पैदल दूरी पर दुकान खोलने का प्रावधान है।
वाणिज्यिक कर विभाग के अफसर कहते हैं कि यदि नया प्रस्ताव मान लिया जाता है तो करीब एक चौथाई यानी 800 दुकानें बंद हो जाएंगी। इन दुकानों को बंद किया जाएगा या फिर शिफ्ट किया जाएगा, इसका फैसला मुख्यमंत्री लेंगे। प्रदेश में वर्तमान में 3605 शराब दुकानें हैं। बता दें कि उमा भारती पिछले एक साल से शराब दुकानों को बंद करने को लेकर सार्वजनिक तौर बयान देकर शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ा चुकी हैं।
चुनावी साल और शराब नीति
2018
- 149 अहाते (ओपन बार) बंद किए गए। कुल अहातों की संख्या 2750 थी।
- गर्ल्स स्कूल, कॉलेज और हॉस्टल के अलावा धार्मिक स्थलों से 50 मीटर दूर तक शराब दुकानों को प्रतिबंधित किया गया।
- ड्राई जोन बनाने का निर्णय हुआ। ये जोन पवित्र नदियों, स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थल और गर्ल्स हॉस्टल के पास घोषित किए गए। ड्राई जोन में शराब पीना अपराध की श्रेणी में रखा गया।
- देशी शराब दुकानों की 15% और विदेशी शराब दुकानों का 10% तक रिन्यूअल फीस तय की गई थी।
2023
- नए अहाते नहीं खुलेंगे। वर्तमान में प्रदेश में शराब दुकानों की संख्या 3605 शराब दुकानें हैं। जबकि अहाते करीब 3 हजार हैं।
- गर्ल्स स्कूल, कॉलेज और हॉस्टल के अलावा धार्मिक स्थलों से 50 मीटर हवाई (एरियल) दूरी पर शराब दुकानों को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव है।
- ड्राई जोन घोषित पवित्र नदियों, स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थल और गर्ल्स हॉस्टल के पास शराब पीने पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
- देशी और विदेशी शराब की दुकानें अब कंपोजिट हो गई है। ऐसे में एक ही दुकान से दोनों तरह की शराब बेचने का रिन्युअल फीस 10% तय करने का प्रस्ताव है।
MP में देशी शराब उत्तर प्रदेश से महंगी
मध्यप्रदेश में देशी शराब उत्तर प्रदेश से महंगी है। 180 मिलिलीटर की साधारण शराब मध्यप्रदेश में 60 रुपए की मिलती है, जबकि उत्तर प्रदेश में यही 50 रुपए में मिलती है। वहीं, मसाला शराब एमपी में 80 रुपए और यूपी में 55 रुपए की है। रेगुलर श्रेणी की विदेशी शराब की एमआरपी मध्यप्रदेश में 150 रुपए से शुरू होती है। छत्तीसगढ़ और यूपी जैसे राज्यों में यह 140 से 150 रुपए है। जबकि बीयर इन राज्यों से सस्ती है। मप्र में बीयर का न्यूनतम दाम 110 रुपए है। जबकि छत्तीसगढ़ में 120 रुपए है।