भोपाल। राजधानी में लोगों की सुरक्षा के लिए भले ही पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी गई है, लेकिन उसका कोई खास असर शहर में नजर नहीं आ रहा है। हालात यह है कि पिछले साल जहां 15 सौ के करीब वाहन 11 माह में चोरी हुए थे। उसका सिलसिला नए साल में भी जारी है। अभी नए साल को शुरू हुए सिर्फ आठ दिन गुजरे और शहर से 41 दो पहिया वाहन चोरी हो चुके हैं और उनकी कीमत 10 लाख से अधिक हैं। जिन पर इन वाहन चोरों को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी है, वह कुछ खास करते नजर नहीं आ रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक नए और पुराने शहर में वाहन चोरी की लगातार वारदात हो रही हैं। कोई ऐसा थाना क्षेत्र नहीं है, जहां शातिर वाहन चोर वारदात नहीं कर रहे हैं। हालत यह है कि आपने अपने वाहन को दो मिनट के लिए वाहन को बिना ताला लगाए छोडा कि शातिर बदमाश आपके वाहन पर हाथ साफ कर गायब हो जाते हैं। अभी आठ दिन में 41 वाहन चोरी हो चुके हैं। जिनकी कीमत करीब दस लाख से ज्यादा है।
इन इलाकों से अधिकांश हो रहे वाहन चोरी- राजधानी में वाहन चोर सबसे अधिक वारदात हनुमानगंज, कोहेफिजा, कोतवाली, अशोका गार्डन, बैरागढ़ ,निशातपुरा हबीबगंज और छोला मंदिर में वाहन चोरी की दो-दो या उससे अधिक वारदात कर चुके हैं। जबकि वाहन चोरी अभी तक अयोध्या नगर, श्यामला हिल्स, टीटीनगर, बागसेवनिया , शाहजहांनाबाद, गोविंदपुरा, ऐशबाग में मिसरोद जहांगीराबाद से एक-एक वाहन चोरी हो चुके हैं। किसी वाहन चोरी के बारे में कोई खास सुराग अभी तक पुलिस नहीं तलाश पाई है।
क्राइम ब्रांच भी सुस्त
वाहन चोरियां रोकने और चोरों को तलाशने का जिम्मा थानों के अलावा राजधानी की क्राइम ब्रांच का भी है। इसमें शहर के थानों से चुनिंदा पुलिसकर्मी तैनात है। थानों के पुलिस कर्मियों के पास चोरों की तलाश करने के अलावा रोजाना के अन्य अपराधों की विवेचना भी है, लेकिन क्राइम ब्रांच के पास इन बदमाश, चोरों की तलाश करने के अलावा कोई काम नहीं है। इसके बाद भी वाहन चोरी में लंबे समय से कोई खास खुलासा क्राइम ब्रांच नहीं कर पाई है। क्राइम ब्रांच की सुस्ती का फायदा बदमाश उठा रहे हैं। वह शहर से धड़ाधड़ वाहन चोरी कर रहे हैं।
इनका कहना है
वाहन चोर और अन्य चोरियों की जांच में क्राइम ब्रांच की टीम लगी हुई है। जल्द की वाहन चोरों को गिरफ्तार कर लेंगे।
– अमित कुमार, डीसीपी क्राइम ब्रांच