ज्योतिरादित्य सिंधिया 53 के हुए …!

विरासत में मिली सियासत का कैसे बदला सफर?

पिछले दो साल ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के लिए राजनैतिक दृष्टि से काफी खास रहे हैं। आज उन्हें जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) ने भी बधाई दी है।

भारत की रॉयल फैमली (royal family of india) में शुमार ग्वालियर का सिंधिया का परिवार अपने आप में एक खास महत्व रखता है। ऐसे में आज इस परिवार के ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) अपना 52वां जन्मदिन (Scindia Birthday) मना रहे हैं। कभी कांग्रेस और अब भाजप की सियासत के सबसे कद्दावर चेहरे में से एक केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के लिए राजनैतिक दृष्टिकोण से पिछले दो साल काफी महत्वपूर्ण रहे हैं।

ज्ञात हो कि अगर किसी राजघराने का मध्य प्रदेश से सबसे ज्यादा प्रभाव रहा है तो वह ग्वालियर का सिंधिया परिवार ही है। वर्तमान में इसी परिवार से आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) इस वक्त मध्य प्रदेश के सबसे बड़े राजनेताओं में से एक हैं, वहीं कांग्रेस से भाजपा में आने के बावजूद केंद्र में इनका रौब बढ़ा ही है। ऐसे में आज ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के जन्मदिन पर सुबह से ही देश प्रदेश के कई नेता उन्हें बधाई दे रहे हैं, यहां तक की पीएम मोदी ने भी उन्हें जन्मदिन की बधाई दी।

दिशा बदली: लोकतंत्र में भी रसूख कायम
माधवराव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का जन्म मुंबई में 1 जनवरी, 1971 हुआ था। सियासत सिंधिया को विरासत में मिली थी। भारतीय राजनीति में उनका परिवार उन चुनिंदा परिवारों में से है, जिसके पास राजशाही विरासत होने के साथ ही इनका लोकतंत्र में भी रसूख कायम है। सिंधिया चाहे कांग्रेस में रहे हो या फिर भाजपा में, उनका रुतबा कायम रहने के साथ ही बढ़ता गया है। पिता माधवराव सिंधिया की मृत्यु के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कांग्रेस से सियासत शुरू की, लेकिन 2020 में उन्होंने सबसे बड़ा सत्ता परिवर्तन मध्यप्रदेश की सियासत में किया, जो मप्र के राजनीतिक इतिहास में दर्ज हो गया। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के सियासी सितारे भाजपा में शामिल होने के बाद परवान चढ़ने लगे हैं, और 2021 में सिंधिया का सियासी कद तेजी से बढ़ता गया।

यहां ये जान लें कि ज्योतिरादित्य (Jyotiraditya Scindia) के परिवार में उनकी पत्नी प्रियदर्शिनी राजे और एक बेटा महाआर्यमन सिंधिया व एक बेटी अनन्या राजे हैं। ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया वड़ोदरा राजघराने की बेटी हैं, जिनका सिंधिया के राजनीतिक फैसलों में अहम योगदान माना जाता है। यहां ये भी जान लें कि प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया दुनिया की 50 खूबसूरत महिलाओं में शामिल हैं।

सिंधिया ने बदला इतिहास
ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने साल 2021 में एक ऐसा इतिहास बदला, जिसे मध्य प्रदेश के सबसे बड़े बदलावों में से एक माना जाता है। वहीं जानकारों का मानना है कि इस बदलाव की चर्चा देश के हर कोने में हुई और हमेशा होती रहेगी। दरअसल सिंधिया ने ग्वालियर में स्थित झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल पर पहुंच पुष्प अर्पित किए और विरोधियों के मुंह बंद कर दिए। जानकारों का मानना है कि देश के सियासी इतिहास में यह एक बड़ा बदलाव था, क्योंकि इससे पहले सिंधिया घराने का कोई महाराज रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर नहीं गया था।

वहीं यदि इतिहास की बात करें तो रानी लक्ष्मीबाई की मौत के बाद सिंधिया परिवार पर देशद्रोह के आरोप लगे। जब सिंधिया कांग्रेस में थे तो भाजपा के नेता खुलकर इस मुद्दे पर निशाना साधते थे। वहीं उनके बीजेपी में आने के बाद कांग्रेस के नेताओं ने उन पर इसी मुद्दे पर निशाना साधने शुरू कर दिया। ऐसे में उन्होंने महाराज रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर जाकर विरोधियों के मुंह बंद कर दिए। ध्यान रहे कि केवल मोदी सरकार में शामिल होने से सिंधिया का कद नहीं बढ़ा, बल्कि उनका रुतबा मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में भी बढ़ता जा रहा है।

एक नजर सिंधिया के राजनैतिक सफर पर –
: ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पहली बार 2002 में लोकसभा का उपचुनाव जीतकर सांसद बने
: 2002, 2004, 2009 और 2014 तक सिंधिया लगातार 4 बार लोकसभा चुनाव जीते
: यूपीए-2 सरकार में सिंधिया ऊर्जा राज्य मंत्री रहे
: सिंधिया चौदहवीं लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक रहे
: 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष रहे
: कांग्रेस में शामिल रहते हुए पार्टी के महासचिव भी रहे
: सिंधिया 11 मार्च 2020 को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये।
: बीजेपी में शामिल होने के बाद पहली बार राज्यसभा सांसद बने
: 6 जुलाई को ज्योतिरादित्य सिंधिया को मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है
: ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं

ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की कमलनाथ सरकार गिराने में रही थी अहम भूमिका
2018 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को मुख्यमंत्री पद का प्रवल दावेदार माना जा रहा था। लेकिन पार्टी ने सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की जगह कमलनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया। जिसके बाद सिंधिया और कमलनाथ में तल्खी बढ़ने लगी, आखिरकार 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। इसी समय सिंधिया के साथ उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी कांग्रेस छोड़ दी, जिससे कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई और आखिरकार कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा। इसके पश्चात एक बार फिर से राज्य में भाजपा की सरकार बन गई, वहीं बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) मोदी सरकार की टीम का अहम हिस्सा भी बन गए हैं।

मोदी सरकार में बढ़ा रसूख
भाजपा में शामिल होने के बाद सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के लिए 7 जुलाई 2021 का दिन सबसे खास रहा, इसका कारण यह है कि इस दिन उन्हें मोदी सरकार में जगह मिली। जिसमें सिंधिया को नागरिक उड्डयन जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस दौरान सबसे खास बात यह रही है यहां भी सिंधिया को विरासत ही मिली, क्योंकि उनके पिता माधवराव सिंधिया भी नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मंत्री थे। वर्तमान में सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) मोदी की टीम के अहम सदस्यों में से एक हैं, जिनके जिम्मे कई अहम प्रोजेक्ट हैं। इसके अलावा सिंधिया भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी शामिल हैं। उन्हें पीएम मोदी के साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की टीम में का भी अहम सदस्य माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को जन्मदिन की बधाई दी। पीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा ‘केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को जन्मदिन की बधाई, जो कनेक्टिविटी पर ध्यान देने और इस्पात क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ एक जीवंत विमानन क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं। सर्वशक्तिमान उन्हें लंबे और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद दे’।

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