भोपाल  इंदौर में 11 और 12 जनवरी को होने जा रही ग्लोबल इन्‍वेस्टर्स समिट में देश के पांच सौ से अधिक प्रमुख उद्योगपति भाग लेंगे। इसमें कुमार मंगलम बिड़ला, नोएल टाटा, नादिर गोदरेज, पुनीत डालमिया और अजय पीरामल शामिल हैं। समिट में फार्मा, आइटी, आटोमोबाइल, कपड़ा, वस्त्र, रसायन, सीमेंट, खाद्य प्रसंस्करण, पेट्रोकेमिकल, पर्यटन, नवकरणीय ऊर्जा, सेवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगपतियों की भागीदारी होगी। 14 अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन अपने देशों के विभिन्न पहलुओं का प्रदर्शन भी करेंगे।

उद्योग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्‍वेस्टर्स समिट की थीम ‘मध्य प्रदेश – भविष्य के लिए तैयार राज्य” रखी गई है। इसमें पर्यावरण-संरक्षण का पूरा ध्यान रखा गया है। यह कार्यक्रम “कार्बन न्यूट्रल” और “जीरो वेस्ट” पर आधारित होगा।

क्रेता-विक्रेता बैठक और विक्रेता विकास कार्यक्रम

समिट के दौरान राज्य के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने और राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए क्रेता-विक्रेता मीट भी होगी। इसमें मुख्य रूप से अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, जापान, इजराइल, नीदरलैंड, सिंगापुर, थाईलैंड, कंबोडिया, बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों के खरीदार शामिल हैं। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों जैसे फार्मास्युटिकल, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग, कृषि और आइटी सेवाओं के डेढ़ हजार से अधिक निर्यातक सहभागिता करेंगे।

मुख्यमंत्री ने किए रोड शो, निवेशकों से की बात

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समिट में राज्य में निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए दिल्ली, मुंबई, पुणे और बेंगलुरु में रोड शो किए। विभिन्न देशों के संभावित निवेशकों के साथ भी बात की। उद्योगपतियों से प्रति सप्ताह भेंट की। यही कारण है कि उद्योग जगत से जुड़े देश-विदेश के प्रमुख उद्योगपति समिट में भाग लेने के लिए आ रहे हैं। सरकार को पूरा विश्वास है कि यह समिट मील का पत्थर साबित होगी।

अलग-अलग क्षेत्रों के होंगे 19 सत्र

दो दिवसीय समिट में विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग प्रमुखों के साथ 19 अलग-अलग क्षेत्र विशिष्ट के सत्र होंगे। इनमें उद्योगपतियों, भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे।

प्रदेश की विशेषताओं को बताने वाली प्रदर्शनी होगी

मध्य प्रदेश के औद्योगिक बुनियादी ढांचे, मौजूदा और आगामी औद्योगिक पार्कों, प्रमुख निवेश परियोजनाओं को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें फार्मा, आइटी, आटोमोबाइल्स, टेक्सटाइल्स, गारमेंट्स, केमिकल्स, सीमेंट, फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करने के लिए एक “सांस्कृतिक क्षेत्र” भी बनाया जाएगा, जिसमें स्थानीय एवं जनजातीय कला जैसे गोंड पेंटिंग, भील पेंटिंग, जरी-जरदोजी, जूट, बाग प्रिंट, बाटिक प्रिंट, गुड़िया, बांस कला, घंटी कारीगरों द्वारा धातु शिल्प और हथकरघा जैसे चंदेरी और माहेश्वरी वस्त्रों आदि का प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं, “स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों की भूमिका” पर आधारित एक डिजिटल प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।