सबसे बड़े गुलाब उद्यान के नाम पर 8 साल में 1.38 करोड़ खर्च, फूल एक भी नहीं मिला …
कागज के फूल:सबसे बड़े गुलाब उद्यान के नाम पर 8 साल में 1.38 करोड़ खर्च, फूल एक भी नहीं मिला
राजधानी के बैरागढ़ इलाके में सीहोर नाके के पास शहर का सबसे बड़ा गुलाब उद्यान 2014 से बन रहा है। इन 8 साल में उद्यान बनाने के नाम पर नगर निगम करीब 1 करोड़ 38 लाख रुपए खर्च कर चुका है। भास्कर टीम जब यहां पहुंची तो यहां चुनिंदा स्थानों पर सिर्फ गुलाब की कलम लगी मिलीं। कहीं भी कोई फूल दिखाई नहीं दिया। इससे भी हैरानी की बात ये है कि इस उद्यान को नए सिरे से संवारने के नाम पर नगर निगम अब 1.84 करोड़ रु. खर्च करने जा रहा है।
इसमें 80 लाख रु. सिर्फ हरियाली संवारने में खर्च होंगे। उद्यान को 5 साल निजी एजेंसी मेंटेन करेगी। इसके लिए उसे 72 लाख रु. पेमेंट होगा। जब ये उद्यान बनना शुरू हुआ था, तब निगम का दावा था कि ये शहर का सबसे बड़ा और ऐसा उद्यान होगा, जहां गुलाब की सभी प्रजातियां मिलेंगी। लोग घूमने आ सकेंगे। लेकिन, आज हकीकत दावों से एकदम अलग है। बता दें कि उद्यान बनाने का प्रस्ताव 2013 में मंजूर हुआ और सितंबर 2014 में इसका भूमिपूजन हुआ। बड़े तालाब के आसपास करीब 300 डंपर से ज्यादा मिट्टी एरिया को समतल करने के लिए डाली गई है।
दावे और हकीकत- 3 एकड़ में सिर्फ एक झूला, बाकी अफसर निकाल ले गए
दावा – बच्चों के लिए झूले लगाए जाएंगे?
हकीकत – 3 एकड़ में एक झूला लगा है, एक फिसल पट्टी है। कुछ झूले निगम के अफसर ही निकाल ले गए।
दावा – तालाब किनारे घाट तैयार होगा?
हकीकत – सिर्फ स्ट्रक्चर ही बन पाए।
दावा – बैरागढ़ मेन रोड पर लगी महापुरुषों की मूर्तियां यहां शिफ्ट होंगी?
हकीकत – स्ट्रक्चर बने हैं मूर्तियां अभी भी सड़कों के आसपास ही लगी हैं।
दावा – गुलाब की सबसे ज्यादा प्रजातियां यहां पर लगाई जाएंगी?
हकीकत – कोई फूल दिखाई नहीं दिए। सिर्फ कुछ जगह कलम ही दिखीं।
पाथ-वे बनेगा, एजेंसी ने काम शुरू भी किया
बदहाल गुलाब उद्यान को नए सिरे से डेवलप करने के लिए निगम ने हाल ही में 1 करोड़ 84 लाख रुपए का नया टेंडर एक निजी एजेंसी को दिया है। एजेंसी ने यहां पर काम भी शुरू कर दिया है। यहां पार्क में नए सिरे से पाथ-वे बनाया जाएगा।
निगम अफसरों की लापरवाही में काम अटका
शुरुआत में जब उद्यान का काम शुरू हुआ था तो ठेकेदार और नगर निगम के अफसरों की लापरवाही के चलते यह काम पूरा नहीं हो पाया। इसी का खामियाजा है कि नए सिरे से इसकी प्लानिंग कर उद्यान बनाने का काम किया जा रहा है। मैं इस काम की खुद निगरानी कर रहा हूं।
– रामेश्वर शर्मा, विधायक, हुजूर