Delhi: मुंडका में बंद पड़ी इमारत में फिर लगी भीषण आग, सात माह पहले 27 लोगों की झुलसने से हुई थी मौत

पिछले साल 13 मई की शाम मुंडका मेट्रो स्टेशन से करीब दो सौ मीटर दूर दिल्ली-रोहतक रोड पर स्थित इमारत में आग लग गई थी। जिसमें 27 लोगों की झुलसकर मौत हो गई थी।

बाहरी जिला के मुंडका इलाके में सात माह पहले जिस इमारत में आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई थी, उसी बंद पड़ी इमारत में रविवार शाम अचानक आग लग गई। हादसे के बाद से इमारत में कोई गतिविधि नहीं हो रही थी। आग लगने के बाद इमारत में कुछ सामान जला हुआ व अधजला सामान मौजूद था। रविवार को उसी सामान में आग लग गई। पिछले साल मई में हुई घटना के बाद से इमारत की बिजली काटी हुई है। बताया जा रहा है कि बंद पड़ी इमारत के पास नशा करने वाले युवक मौजूद थे। आशंका है कि उनलोगों के कुछ ज्वलनशील पदार्थ फेकने से आग लगी है। फिलहाल दमकल की छह गाड़ियां मौके पर पहुंचकर आग बुझाने में जुटी है। आग बुझाने के बाद पुलिस आग लगने के कारणों की जांच करेगी।

दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि रविवार शाम करीब 4:45 बजे आग लगने की सूचना दमकल विभाग को मिली थी। सूचना मिलते ही आस पास के स्टेशन से छह गाड़ियों को मौके पर भेज दिया गया। करीब 30 दमकल कर्मी आग बुझाने में जुटे हुए हैं। खबर लिखे जाने तक आग पर काबू पाया जा चुका है और बुझाने का काम जारी है। घटना की जानकारी मिलते ही मुंडका गांव व आस पास के लोग वहां पहुंच गए। पुलिस ने घटनास्थल से लोगों को दूर कर दिया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। आग बुझाने के बाद इसकी जांच की जाएगी।
सात महीने बाद फिर लगी आग
पिछले साल 13 मई की शाम मुंडका मेट्रो स्टेशन से करीब दो सौ मीटर दूर दिल्ली-रोहतक रोड पर स्थित इमारत में आग लग गई थी। यह इमारत चार मंजिला है और इसमें बेसमेंट भी है। भूतल पर दफ्तर और दुकानें थी। जबकि तीसरी मंजिल पर सीसीटीवी बनाने वाली कंपनी का कार्यालय था। इमारत में आग लगने के हादसे में 27 लोगों की झुलसने से मौत हो गई थी। हादसे के दौरान दर्जनों लोगों को इमारत से निकाला गया था और कई लोग कूदकर अपनी जान बचाई थी। हादसे के बाद इस इमारत को सील कर दिया गया था। इस मामले में इमारत के मालिक को गिरफ्तार किया गया था। वह अभी जेल में बंद है। पुलिस ने आग लगने की सूचना इमारत के मालिक के रिश्तेदारों को दे दी है। रिश्तेदार नजफगढ़ में रहते हैं।

आग लगने के दौरान बेसमेंट में थे चार स्मैक पीने वाले
पुलिस के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि आग लगने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने वहां बेसमेंट में चार युवकों को स्मैक पीते हुए देखा। जिनको हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद उन्हें वहां से हटा दिया गया। शुरूआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि स्मैक का नशा करने वालों के कारण आग लगी होगी। जिला पुलिस उपायुक्त हरेंद्र सिंह ने बताया कि इमारत में अभी भी काफी प्लास्टिक का कबाड़ भरा हुआ है। जिसकी वजह से आग तेजी से फैल गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इमारत की बिजली पूरी तरह से काटी हुई है। शॉर्ट सर्किट की आशंका नहीं हैं।

किसकी लापरवाही
मई में आग लगने की घटना के बाद भी काफी कुछ सामान अधजली अवस्था में यहां था। इसे न तो हटाया गया और न ही इमारत की पूरी तरह से सफाई की गई थी। यहां देखरेख का भी काेई इंतजाम नहीं किया गया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इमारत की देखरेख की जाती तो इस घटना को टाला जा सकता था। इतनी बड़ी घटना के बाद इमारत को पूरी तरह साफ नहीं करना लापरवाही है।

दिल्ली में आग लगने की यह दूसरी बड़ी घटना
मायापुरी इलाके में रविवार सुबह एक टायर की दुकान में आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने भयावह रूप ले लिया और धुएं का गुब्बार आसमान में फैल गया। घटना की जानकारी मिलते ही दमकल की 17 गाड़ियां मौके पर पहुंची। दमकल कर्मियों ने करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। घटना के समय दुकान में कोई मौजूद नहीं था, इसकी वजह से घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। शुरुआती जांच में पता चला है कि आग शार्ट सर्किट से लगी है।
पुलिस आग लगने के कारणों और इससे हुए नुकसान का आकलन कर रही है। मायापुरी के मदीना मस्जिद के पास शादाब का टायर का दुकान व गोदाम है। यहां वह नए और पुराने टायर को बेचता है। रविवार सुबह उसके दुकान में काम करने वाले कर्मचारी दुकान पर पहुंचे। दुकान खोलते ही उनलोगों ने देखा कि अंदर आग लगी है। उनलोगों ने शादाब को इसकी जानकारी दी और आस पास मौजूद लोगों की मदद से खुद ही आग बुझाने की कोशिश करने लगे। लेकिन रबर होने की वजह से आग तेजी से फैल गई। धुएं की गुब्बार दूर से ही दिखने लगा।
आस पास के लोगों ने दमकल विभाग और पुलिस को आग लगने की जानकारी दी। सूचना मिलते ही आस पास के दमकल केंद्रों से एक दर्जन गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। लेकिन आग की भयावहता को देखते हुए पांच और गाड़ियों को मौके पर बुला लिया गया। मौके पर सिविल डिफेंस कर्मी भी पहुंच गए। सभी ने गोदाम में रखे टायरों को बाहर निकालने लगे। ताकि आग को फैलने से रोका जा सके। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया।

दमकल अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच में शार्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आई है। आग में कोई हताहत नहीं हुआ है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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