मध्यप्रदेश पुलिस को चाहिए ऊंचे कद की लड़कियां …!

एमपी पुलिस को चाहिए ऊंचे कद की लड़कियां
इसी वजह से महिला कॉन्स्टेबल के 20% पद खाली, पड़ोसी राज्य में छोटे कद की महिलाएं

न्यूनतम ऊंचाई-155 सेमी। वजन-40 किलो। अगर मध्यप्रदेश पुलिस में किसी महिला को कॉन्स्टेबल बनना है तो ये मापदंड होना जरूरी है। 155 सेमी ऊंचाई की अनिवार्यता मध्यप्रदेश की महिलाओं की पुलिस की नौकरी आड़े आ रही है। इसी कारण पिछले छह साल में एमपी पुलिस में महिला कॉन्स्टेबल के 20% पद भर ही नहीं सके। खास बात यह है कि सीमावर्ती राज्यों में महाराष्ट्र को छोड़ दें तो यूपी, छत्तीसगढ़, गुजरात व राजस्थान में इससे कम हाइट की महिलाएं भी कॉन्स्टेबल बन रही हैं।

मध्यप्रदेश में महिला कॉन्स्टेबल के खाली पदों को लेकर पड़ताल की तो सामने आया कि राज्य सरकार ने पुलिस भर्ती में महिलाओं के 33 फीसदी पद तो रिजर्व कर दिए, लेकिन चयन के मापदंड की ओर ध्यान नहीं दिया। यही वजह है कि मप्र में हाइट का मापदंड अन्य राज्यों से ज्यादा है। यहां तक कि महिला कोटे में एससी, एसटी महिलाओं को भी कद के मामले में कोई छूट नहीं दी गई है जबकि दूसरे राज्यों में यह छूट 5 सेंटीमीटर तक है। इस कारण मप्र में आदिवासी महिलाएं भी पुलिस में नहीं आ पा रही हैं।

हालांकि चयन भर्ती प्रक्रिया से पूर्व में जुड़े रहे एक अधिकारी ने इसे लेकर सुझाव रखा था। उनके सुझाव के बाद ही एमपी में 2020 में महिला कॉन्स्टेबल की औसत लंबाई 158 सेमी से घटाकर 155 सेमी की गई, हालांकि ये लंबाई भी सीमावर्ती राज्यों की तुलना में अधिक है। इसकी वजह से पिछली तीन भर्तियों में 7179 महिला कॉन्स्टेबलों के पदों की तुलना में 5836 की ही भर्ती हो सकी।

एमपी में 33 प्रतिशत पद महिला कॉन्स्टेबल के लिए आरक्षित

एमपी में महिलाओं के लिए 10 प्रतिशत का ही आरक्षण था। 2014 में सरकार ने पुलिस विभाग की भर्तियों में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण दिया। 2017 में ये आरक्षण बढ़ाकर 33 प्रतिशत कर दिया। सरकार ने महिलाओं के पद आरक्षित कर उनकी भर्ती को सुनिश्चित कर दिया, लेकिन महिलाओं की न्यूनतम लंबाई को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया। जबकि मध्यप्रदेश में 94 ब्लॉक आदिवासी बहुल हैं। आदिवासी जेनेटिक रूप से कद में छोटे होते हैं। यूपी, छत्तीसगढ़, गुजरात में एसटी कैटेगरी की महिलाओं को कद में अलग से छूट दी गई है पर मप्र में सभी कैटेगरी की महिलाओं की एक समान न्यूनतम लंबाई 155 सेमी ही तय रखा गया है।

महिला एसआई के लिए 152 सेमी ही तय है लंबाई
मप्र में नवंबर 2020 में महिला आरक्षकों की भर्ती में पहली बार मिनिमम हाइट सीमा 158 से घटाकर 155 सेमी की गई, जबकि महिला सब इंस्पेक्टर की हाइट सीमा 152.4 सेमी तय है। पुरुष सब इंस्पेक्टर की लंबाई 168 सेमी होनी चाहिए। मतलब महिला और पुरुष की लंबाई में 16 सेमी का अंतर है। जबकि पुरुष कॉन्स्टेबल और महिला कॉन्स्टेबल की लंबाई में सिर्फ 10 सेमी का अंतर है। कॉन्स्टेबल भी एसआई तक प्रमोशन पा सकते हैं, लेकिन इनकी भर्ती प्रक्रिया में लंबाई का मापदंड अलग-अलग रखने के चलते भी महिला कॉन्स्टेबल के पद खाली रह जा रहे हैं। पुलिस चयन भर्ती के एडीजी संजीव शमी के मुताबिक पद के अनुसार शारीरिक और शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की जाती है। इसी कारण एसआई और कॉन्स्टेबल की भर्ती में शैक्षणिक और शारीरिक न्यूनतम योग्यता में अंतर रखा गया है।

6000 पदों की भर्ती प्रक्रिया इस तरह हुई थी पूरी

पुलिस विभाग में 2020 में 4 हजार पदों की भर्ती के लिए आवेदन बुलाए गए थे। कोविड के चलते लिखित परीक्षा नहीं हो पाई। 25 जनवरी 2022 को दो हजार पद और बढ़ा दिए गए। छह हजार पदों के लिए कुल 12.72 लाख लोगों ने आवेदन किए थे। इसमें 60 प्रतिशत (7.63 लाख) लोग ही लिखित परीक्षा में शामिल हुए। पीईबी की ओर से फिजिकल टेस्ट के लिए पुलिस विभाग को पांच गुना 31,208 लोगों की लिस्ट सौंपी गई थी। इसमें 20 प्रतिशत लोगों ने फिजिकल टेस्ट ही छोड़ दिया।

7 हजार के लगभग महिलाएं शारीरिक परीक्षा में शामिल हुई थीं

24 हजार 966 लोगों में करीब 7 हजार महिलाएं फिजिकल टेस्ट परीक्षा में शामिल हुई थीं। महिलाओं को पुरुषों की तुलना में उम्र (18 से 38 वर्ष) में पांच साल की छूट भी दी गई थी। फिजिकल टेस्ट में सफल सभी आवेदकों की मेडिकल जांच हुई थी। मेडिकल जांच के दौरान ही आवेदकों की शारीरिक लंबाई, चेस्ट, घुटने आपस में न मिले हो, फ्लैट फुट न हो और कलर ब्लाइंडेस आदि की मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच हुई थी। इसी मेडिकल जांच में महिलाएं आवेदक लंबाई के चलते छंट गईं।

1505 महिलाएं ही मेडिकल जांच में सफल हो सकी
महिला कॉन्स्टेबलों में 1505 महिलाएं ही मेडिकल जांच में सफल हुई हैं। इसमें भी 80 महिलाओं ने हाइट को मेडिकल बोर्ड में चैलेंज किया था। इनका प्रकरण राज्य मेडिकल बोर्ड में लंबित है। दरअसल नियम है कि मेडिकल बोर्ड से अनफिट आवेदक डिविजनल मेडिकल बोर्ड में चैलेंज करते हैं। वहां फिट पाए जाने पर ऐसे आवेदक की दोनों रिपोर्ट राज्य मेडिकल बोर्ड को भेजा जाती है। वहां तय किया जाता है कि आवेदक की कौन सी रिपोर्ट मान्य होगी।

लिखित परीक्षा का कट ऑफ ही नहीं जारी किया
पीईबी की ओर से 24 मार्च 2022 को रिजल्ट घोषित किया गया था। पीईबी ने चयन सूची और कट ऑफ जारी करने से मना कर दिया था। पीईबी की ओर से कहा गया था कि उसने रेंडम लिस्ट बनाई है, जिससे यह पता नहीं लगाया जा सके कि मेरिट में कौन ऊपर है, कौन नीचे। जबकि 2016 एवं 2017 की पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में कट ऑफ जारी किया गया था।

एमपी सहित कई राज्य पुलिस बल की भारी कमी

एमपी सहित पूरे देश में पुलिस बल की भारी कमी है। सीमावर्ती प्रदेशों की बात करें तो सबसे अधिक यूपी और महाराष्ट्र में बल की कमी है। इसके बाद एमपी की बारी आती है। यहां 22 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। राज्य सरकार ने पिछले साल इसमें से 6000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की है। वहीं इतने ही पदों पर इस साल भी भर्ती होनी है।

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