ग्वालियर शहर के आसपास के 25 किलोमीटर रूट के दायरे में सिटी बस चलाने की परियोजना को सरकारी अधिकारियों की सुस्ती ही पलीता लगा रही है। छह रूटों पर यात्रियों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट सिटी कारपोरेशन ने सिटी बस सेवा को परमिट जारी करने के लिए छह जनवरी 2022 को परिवहन विभाग को पत्र लिखा था, लेकिन अधिकारी इस पत्र को दबाकर बैठ गए। यह स्थिति तब है, जबकि बोर्ड के चेयरमैन यानी कलेक्टर ने ही बैठक में इन रूटों को स्वीकृत किया था।

अब परिवहन विभाग के अधिकारी का कहना है कि स्मार्ट सिटी के बोर्ड के मुताबिक परिवहन विभाग के नियम नहीं चलेंगे। कुल मिलाकर सरकारी अधिकारी ही शहर की सिटी बस सेवा को चालू नहीं होने देना चाहते हैं। इसका एक कारण यह भी है कि स्मार्ट सिटी द्वारा प्रस्तावित किए गए रूटों पर निजी आपरेटरों की बसें भी संचालित होती हैं। स्मार्ट सिटी के अधीक्षण यंत्री ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को पत्र लिखकर ग्वालियर से मोहना, ग्वालियर से गोहद, ग्वालियर से डबरा, ग्वालियर से मुरैना, ग्वालियर से बेहट और ग्वालियर से तिघरा तक बसों के संचालन के लिए परमिट की मांग की।

इनमें कुछ रूट 25 किमी के दायरे में आते हैं, तो कुछ दायरे से बाहर हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इस पत्र को ठंडे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने न तो स्मार्ट सिटी को वापस पत्र लिखकर यह सूचना दी कि कुछ रूट दायरे से बाहर हैं, इस कारण परमिट सिटी बस की श्रेणी में नहीं मिल सकते हैं और न ही परमिट जारी करने के संबंध में कोई निर्णय लिया। इस सुस्ती का नतीजा यह है कि बसों के बजाय सिर्फ खानापूर्ति चल रही है।

भिंड में बस स्टैंड पर प्रवेश ही नहीं

इसके अलावा इंटरसिटी के रूप में हाल ही में शुरू हुई भिंड की बस सेवा फिर गुंडागर्दी की भेंट चढ़ गई है। ग्वालियर से भिंड के बीच चलने वाली दो बसें एमपी07 पी 2088 और एमपी07 पी 1809 को भिंड बस स्टैंड पर प्रवेश ही नहीं करने दिया जाता है। यहां प्राइवेट बस के आपरेटर स्मार्ट सिटी की बस के चालक व सहायक के साथ गुंडागर्दी करते हुए बस न चलाने की धमकी देते हैं। इसका नतीजा है कि बस आपरेटर नीरज मोटर्स एंड ट्रैवल्स के संचालक सोनू माहौर ने स्मार्ट सिटी को पत्र लिखकर पुलिस कार्रवाई का सहयोग मांगा। गत 31 जनवरी को अधीक्षण यंत्री ने भिंड के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को भी इस संबंध में पत्र लिखा है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें।

भोपाल और श्योपुर बस सेवा भी बंद

परिवहन विभाग के असहयोग का ही नतीजा है कि ग्वालियर से भोपाल और ग्वालियर से श्योपुर के बीच भी बस सेवा बंद हो चुकी है। इन रूटों पर परमिट के लिए स्मार्ट सिटी के बस आपरेटर ने परिवहन विभाग को आवेदन भी दे रखा है, लेकिन परमिट जारी करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया। इस कारण इन रूटों पर निजी आपरेटरों की बसें तो दौड़ रही हैं, लेकिन सरकारी बसें स्टैंड पर खड़ी-खड़ी जंग खा रही हैं।

परिवहन अधिकारियों से चर्चा करेंगे मैं परिवहन विभाग के अधिकारियों से चर्चा करूंगा कि वे सिटी बसों के संचालन के लिए जल्द से जल्द परमिट जारी करें। यदि कोई समस्या आती है, तो उसका निराकरण भी कराया जाएगा।

किशोर कान्याल, आयुक्त नगर निगम

आरटीओ को बुलाया है मैंने परमिट के संबंध में आरटीओ से बातचीत की थी, उनका कहना था कि दस्तावेजों में दिक्कत है। मैंने आरटीओ और आपरेटर दोनों को बुलाया है, ताकि आमने-सामने बैठकर सभी औपचारिकताएं पूरी कर जल्द से जल्द परमिट प्राप्त किया जा सके।

नीतू माथुर, सीईओ स्मार्ट सिटी

परमिट का आवेदन करें, तब निर्णय लेंगे स्मार्ट सिटी ने 25 किमी की परिधि का हवाला देकर हमें पत्र लिखा है, लेकिन जो रूट बताए हैं वो 25 किमी से अधिक हैं। हमने उन्हें पत्र लिखकर अभी इसकी सूचना नहीं दी है। स्मार्ट सिटी द्वारा जब परमिट के निर्धारित फार्मेट में आवेदन किया जाएगा, तब उन्हें बता देंगे और तभी इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

एचके सिंह, आरटीओ ग्वालियर