अडानी को मिला करोड़ों का लोन… किसान के 31 पैसे बकाया, नहीं मिली NOC’,

‘अडानी को मिला करोड़ों का लोन… किसान के 31 पैसे बकाया, नहीं मिली NOC’, खरगे ने संसद में सुनाया किस्सा
 मामला आगे न बढ़ने पर जमीन के खरीददारों ने 2020 में हाईकोर्ट का रुख किया. इस बीच याचिका पर सुनवाई से पहले ही लोन की रकम चुका दी गई थी. इसके बावजूद बैंक ने एनओसी जारी नहीं की.

संसद में चल रहे बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के बीच कारोबारी गौतम अडानी और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का मुद्दा काफी गरमाया हुआ था. चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार (8 फरवरी) को गुजरात के एक किसान का किस्सा सुनाते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा था. खरगे ने सदन में बोलते हुए कहा था कि देश के एक कारोबारी को लाखों करोड़ रुपये दिए जा सकते हैं, लेकिन एक किसान को 31 पैसे के बकाया की एनओसी लेने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है.

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि 2014 में कहा गया, ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’, लेकिन पीएम मोदी के एक नजदीकी दोस्त की संपत्ति कुछ ही सालों में ही 13 गुना बढ़ गई, आखिर ऐसा कौन सा जादू कर दिया गया? इस पर राज्यसभा के स्पीकर जगदीप धनखड़ ने उन्हें टोकते हुए कहा कि ऐसा कोई भी आरोप न लगाएं, जो आप बाद में साबित न कर सकें. जिस पर मल्लिकार्जुन खरगे ने गुजरात के एक किसान का मामला छेड़ दिया. आइए जानते हैं क्या है ये मामला…

31 पैसे के बकाया पर एसबीआई से नहीं मिली एनओसी

टाइम्स इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के अहमदाबाद के बाहरी हिस्से के एक गांव खोराज में मनोज वर्मा और राकेश वर्मा ने शामजी भाई पाशाभाई से जमीन का एक हिस्सा खरीदा था. इस जमीन पर पाशाभाई और उनके परिवार ने एसबीआई से लोन लिया हुआ था.

हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले भरा जा चुका था लोन

मामला आगे न बढ़ने पर जमीन के खरीददारों ने 2020 में हाईकोर्ट का रुख किया. इस बीच याचिका पर सुनवाई से पहले ही लोन की रकम चुका दी गई. हालांकि, इसके बावजूद एसबीआई की ओर से एनओसी जारी नहीं की गई. जिसकी वजह से सरकारी दस्तावेजों में जमीन के वर्तमान मालिकों का नाम नहीं चढ़ पा रहा था.

बीते साल अप्रैल में इस मामले की गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. जस्टिस भार्गव करिया ने सुनवाई के दौरान एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई थी. दरअसल, एसबीआई ने हाईकोर्ट में एनओसी जारी नहीं करने की वजह 31 पैसे के बकाया को बताया था.

जस्टिस भार्गव करिया ने एसबीआई को फटकार लगाते हुए कहा था कि इतनी छोटी सी रकम के लिए एनओसी जारी न करना कुछ और नहीं शोषण है. जस्टिस ने कहा कि क्या आपको नहीं मालूम है कि 50 पैसे से नीचे की किसी भी रकम को नहीं माने जाने का नियम है.

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