राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस, दो सप्ताह में मांगा जवाब
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट राकेश अस्थाना को दिल्ली का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है. कोर्ट ने केंद्र सरकार और अस्थाना को नोटिस जारी कर, इनसे जवाब देने को कहा है.
Petition Against Rakesh Asthana Appointment: सुप्रीम कोर्ट ने राकेश अस्थाना को दिल्ली का पुलिस कमिश्नर (Delhi Police Commissioner) नियुक्त किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार और अस्थाना से दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है. एनजीओ CPIL ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. ये मामला राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में नियुक्ति से जुड़ा हुआ है. दिल्ली हाई कोर्ट ने अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की नियुक्ति के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने गैर सरकारी संगठन CPIL की याचिका पर सुनवाई करने के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति को सही ठहराया था. पहले राकेश अस्थाना की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी (Rakesh Asthana Appointment Case). उस दौरान दिल्ली हाई कोर्ट में भी इस मसले पर एक याचिका दाखिल हुई थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पहले हाई टकोर्ट में सुनवाई हो जाए इसके बाद हम सुनवाई करेंगे.
27 जुलाई को हुई थी नियुक्ति
राकेश अस्थाना गुजरात काडर के 1984 बैच के आईपीएस अफसर हैं. वह सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक के तौर पर सेवाएं दे रहे थे. लेकिन 31 जुलाई को सेवानिवृति से महज चार दिन पहले 27 जुलाई को उन्हें दिल्ली का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था. उनका राष्ट्रीय राजधानी के पुलिस प्रमुख के तौर पर कार्यकाल एक साल का होगा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर को सुनवाई की थी. तब कोर्ट ने प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) को हाई कोर्ट के फैसले के आधार पर नई याचिका दाखिल करने की इजाजत दी थी.
याचिका में क्या कहा गया?
दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि राकेश अस्थाना को सेवानिवृत होने से ऐन पहले दिल्ली पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था. इसे नियमों का उल्लंघन बताया गया और उनकी नियुक्ति रद्द करने की अपील की गई थी. याचिका में इस नियुक्ति को चुनौती देते हुए कहा गया था कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति के सिलसिले में छह महीने के कार्यकाल बचे रहने के दौरान ही प्रतिनियुक्ति के नियम का पालन नहीं किया गया. लेकिन हाई कोर्ट ने कहा कि राकेश अस्थाना अपने पद पर बने रहेंगे. कोर्ट ने नियुक्ति को सही ठहराते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.