ग्वालियर  शहर में विकास यात्रा का सफर जारी है। भाजपा नेता व कार्यकर्ता यात्रा के दौरान गली-मोहल्लों के साथ गांवों को भी समस्या मुक्त करने का वादा कर रहे हैं। यह वादे भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव में मुसीबत बन सकते हैं। इसकी चिंता में बड़े नेताओं के साथ कार्यकर्ता भी डूबे हुए हैं, क्योंकि तीन माह बाद फिर इन लोगों के बीच वोट मांगने के लिए जाना हैं। स्थानीय नागरिक उस समय पूछेंगे, हमारी समस्याओं को क्या हुआ। शायद इनके पास कोई जवाब भी नहीं होगा। विपरीत परिस्थितियों में 100 दिन में समस्याओं का निराकरण होना मुश्किल है। वजह निगम में कांग्रेस की सरकार का होना। इतना ही नहीं जिले की छह विधानसभा सीटों में से चार पर कांग्रेस का कब्जा है। कांग्रेसी विधायक भी नहीं चाहते हैं कि भाजपा की विकास यात्रा सार्थकता के साथ पूर्ण हो।

संत रविदास जयंती से शिवराज सरकार का रिपोर्ट कार्ड घर-घर पहुंचाने के लिए भाजपा के कार्यकर्ता अधिकारियों के साथ गांव-गांव, गली-मोहल्लों में विकास यात्रा लेकर घूम रहे हैं। प्रदेश में फिर सरकार बनाने का विकास यात्रा की सफलता पर निर्भर है। ग्वालियर-चंबल अंचल विकास यात्रा इसलिए भी अहम हो गई है, क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यात्रा का शुभारंभ चंबल अंचल के भिंड जिले से किया था।

कार्यकर्ता दे रहे निराकरण का आश्वासन: शहर की चार और ग्रामीण की दोनों विधानसभा क्षेत्रों में विकास यात्राएं जारी हैं। अधिकारियों के साथ सरकार की उपलब्धियां बताने के लिए गली-गली, गांव-गांव घूम रहे हैं। वार्डों और गांवों में समस्या का अंबार लगा हुआ है। कहीं सड़के नहीं हैं, तो कही पेयजल की समस्या है। सीवर का पानी सड़क पर बह रहा है। कोई बिजली बिलों के परेशान हैं। कुछ सरकारी दफ्तरों से अपने जायज काम कराने के लिए चक्कर लगाकर परेशान हो चुके हैं। विकास यात्रा के दौरान लोग इसी तरह की समस्याएं बता रहे हैं। कुछ बेरोजगारी और काम नहीं होने का रोना रहे हैं। विकास यात्रा को सार्थक करने के लिये भाजपा कार्यकर्ता समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दे रहे हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ तो जिला प्रशासन के अधिकारी कागजी खानापूर्ति कर तत्काल दे रहे हैं। किंतु आधारभूत सुविधाओं के संबंध में तत्कालिक रूप से भूमि पूजन कर कार्यकर्ता ताली बजवा रहे हैं।

इन समस्याओं का निराकरण कैसे हो विकास यात्रा में समस्याएं भी सुन ली और उनके निराकरण का आश्वासन भी भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने दिया। अब सवाल उठता है कि इनका निराकरण कैसे करें?, क्योंकि अधिकांश समस्याएं नगर निगम से जुड़ी है। नगर निगम में महापौर में एमआइसी तक कांग्रेस की है। इसके साथ ही ग्वालियर पूर्व, दक्षिण, डबरा व भितरवार में कांग्रेस के विधायक हैं। यह नहीं चाहेंगे कि समस्याओं का निराकरण होने का श्रेय भाजपा को मिले। इन परिस्थितियों में भाजपा की चिंता वाजिब है। भाजपा नेताओं ने दबी जुबान से कहा कि यह विकास यात्रा रिपोर्ट कार्ड सरकार के रिपार्ट कार्ड तक समिति रहती तो ठीक रहता है। समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर जब हमारा कार्यकर्ता वोट मांगने के लिए जाएंगे तो लोग फिर स सवाल करेंगे।